देश-समाज में बढ़ी असहिष्णुता(intolerance), चुप नहीं बैठूंगा : Amol Palekar

पालेकर ने कहा कि मुंबई के दो कलाकारों की प्रदर्शनी भी होनी थी। इसकी इजाजत देते हुए तारीख तय कर दी गई थी। बाद में उन्हें मना कर दिया गया। क्या यह सरकार के इशारे पर किया जा रहा है? मैं यह मुद्दा लोगों के सामने रख रहा था, लेकिन मुझे रोक दिया गया। इससे मैं आहत हूं। अगर हम एनजीएमए में नहीं बोल पाएंगे तो कहां बोलेंगे।
यह है मामला
सोशल मीडिया पर शनिवार को एक वीडियो वायरल हो रहा था, जिसमें पालेकर को संस्कृति मंत्रालय की आलोचना करते देखा जा रहा है। एनजीएमए की मुंबई और बंगलूरूस्थित गैलरी से एडवाइजरी कमेटी को हटा दिया गया है, जिसके विरोध में वह अपनी बात रख रहे थे। मंच पर मौजूद एनजीएमए के सदस्यों ने टोकाटाकी की और उन्हें कार्यक्रम से जुड़े मुद्दे पर ही बात रखने को कहा। फिर भी पालेकर ने भाषण जारी रखा। हालांकि, लगातार टोका-टाकी के चलते वह भाषण बीच में ही रोककर बैठ गए।
ठेस पहुंचाने की नहीं थी मंशा : ठक्कर
कार्यक्रम की आयोजक जेसल ठक्कर ने कहा कि वह पालेकर का बहुत सम्मान करती हैं। उनका इरादा उन्हें ठेस पहुंचाने या भाषण को रोकने का नहीं था। हमने उनसे सिर्फ प्रभाकर बर्वे से संबंधित यादों को साझा करने को कहा था। यह कार्यक्रम उनकी मृत्यु के 24 साल बाद हो रहा था।
सरकार के खिलाफ बोलो तो देशद्रोह हो जाता है : सिब्बल
पालेकर के मामले में वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने मोदी सरकार बस यही काम कर रही है। उसके खिलाफ बोलो तो देशद्रोह हो जाता है। सरकार किसी को बोलने नहीं दे रही है। यही न्यू इंडिया है। देश बदल रहा है। मोदी इन्हीं अच्छे दिनों की बात करते थे।
पालेकर के साथ व्यवहार अलोकतांत्रिक : येचुरी
माकपा नेता सीताराम येचुरी ने ट्वीट किया कि हमारे सांविधानिक अधिकारों का पूरा सार, सरकार और उसके नेताओं की आलोचना करने की स्वतंत्रता पर आधारित है। कोई भी आलोचना से ऊपर नहीं है। अमोल पालेकर को भाषण पूरा नहीं करने देना अलोकतांत्रिक और निंदनीय है।