Deepak Talwar को विदेशी एयरलाइंस से मिले 270 करोड़ रुपये, फंसेंगे many politicians

31 जनवरी को अनुसंधान और विश्लेषण विंग (रॉ) तलवार को दुबई से प्रत्यर्पित करके भारत लाई थी। तब से दिल्ली की एक अदालत ने तलवार को मनी लांडरिंग के मामले में 12 फरवरी तक के लिए ईडी की हिरासत में भेजा हुआ है। उसके खिलाफ धन शोधन निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज है। सूत्रों के अनुसार ईडी को 2008 और 2012 के बीच बैंक ऑफ सिंगापुर में जमा हुए डॉलर 55 मिलियन का विवरण मिला है। यह पैसा कथित तौर पर उन कंपनियों के अकाउंट में जमा हुआ है जिनका नियंत्रण या स्वामित्व तलवार के पास है।
चार मुख्य अतंरराष्ट्रीय एयरलाइन और विमान निर्माता एयरबस ने कथित तौर पर कई मिलियन डॉलर ट्रांसफर किए थे, उसका नाम जांच एजेंसी ने तलवार को हिरासत में लेने के लिए दिए रिमांड नोट में लिखा था। एयरलाइन के नाम एमिरेट्स, एयर एशिया, एयर अरेबिया और कतर एयरवेज हैं। पिछले दो सालों में ईडी की जांच में यह पता चला है कि तलवार को विदेशी एयरलाइंस और विमान निर्माता एयरबस से कथित तौर पर 270 करोड़ रुपये मिले हैं ताकि उन्हें अवैध तरीके से फायदा मिल सके।
तलवार ने तत्कालीन नागरिक उडड्यन मंत्री के साथ अपने रिश्ते का फायदा उठाते हुए एयर इंडिया की सेवा को उन रूट्स पर बंद करवा दिया था जहां से मुनाफा मिलता था। एजेंसी के पास मौजूद विवरण के अनुसार तलवार की कंपनी को पहला भुगतान एमिरेट्स ने 3 जून, 2008 को बैंक ऑफ सिंगापुर में 23 मिलियन डॉलर का किया था। इसके दो महीने बाद उसी एयरलाइन ने तलवार के नियंत्रण और स्वामित्व वाली कंपनी के बैंक ऑफ सिंगापुर के अकाउंट में 11 मिलियन डॉलर ट्रांसफर किए।
लगभग इसी समय के दौरान एयर अरेबिया ने बैंक ऑफ सिंगापुर में 5.8 मिलियन डॉलर जमा करवाए। कतर एयरवेज ने 27 फरवरी 2008 को 9.6 डॉलर और एयर एशिया ने 1 जून 2009 को 1.5 मिलियन डॉलर जमा करवाए। एयरबस ने अगस्त और सितंबर में दो बार में 10.5 मिलियन डॉलर जमा किए। इसी दौरान नागरिक उड्डयन मंत्री ने विमान की खरीद का ऑर्डर दिया था।