जिसका तुम्हें था इंतजार, वो घड़ी आ गई, आ गई...संसद के भीतर Piyush Goel का वो छक्का

इसके साथ ही आ गई वो घड़ी जिसका सबको इंतजार था। आखिरी बार साल 2014 में सरकार ने आयकर के स्लैब में बदलाव किया था। तब सीमा 2 से बढ़ाकर 2.5 लाख की गई थी। उसके बाद साल दर साल मध्यवर्ग उम्मीद भरी निगाहों से मोदी सरकार की ओर देखता रहा लेकिन हर बार मायूसी ही हाथ लगी। किसे पता था कि सारी मायूसी दूर करने का इंतजाम चुनावी साल में सौगात देकर किया जाएगा।5 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं"
बचाकर रखा था ब्रह्मास्त्र
बजट भाषण के दौरान एकबारगी तो लगा कि टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं होना है। चैनलों पर ब्रेकिंग न्यूज चल गई- इनकम टैक्स में कोई बदलाव नहीं।लेकिन जैसे पीयूष गोयल ने भी ब्रह्मास्त्र बचाकर रखा था। बजट भाषण खत्म करने से ठीक पहले उन्होंने सरकार के कर संग्रह की बढ़ोतरी की बात करने के बाद एलान किया कि सीमा 2.5 लाख से सीधी दोगुनी यानी 5 लाख की जा रही है।
गोयल ने भाषण के दौरान दो बार सर्जिकल स्ट्राइक पर बनी फिल्म 'उरी' के हाउ इज द जोश का जिक्र किया और आखिर में टैक्स स्लैब को बदलने की घोषणा के साथ वो सारा जोश संसद के भीतर और टीवी स्क्रीनों से निकलकर बाहर उलीचता भी दिखा।
ये सीमा लग भले 5 लाख तक रही हो लेकिन अगर किसी की आय 7 लाख भी है तो उस पर टैक्स का कोई बोझ नहीं पड़ेगा। 1.5 लाख के 80सी में निवेश के अलावा 50 हजार का स्टैंडर्ड डिडक्शन भी मिलेगा।
इसके अलावा जिस तरह सीमांत किसानों के लिए सीधे बैंक खाते में 6 हजार रुपये सालाना डालने की घोषणा की गई है, उससे सरकार का इरादा साफ है। चुनाव में जाने से पहले ये किसान, मजदूर और मध्यवर्ग तीनों को साध लेने का एक उपक्रम है जो फिलहाल सरकार को सबसे मुफीद जान पड़ता है।