अध्यापक ने मुल्लायांकन में की गड़बड़ी, 99 के जगह 0 दिया, 21 छात्रों ने की आत्महत्या

जिसके बाद छात्र समूहों और अभिभावकों ने विरोध प्रदर्शन किया। और राज्य सरकार ने उन तीन लाख बच्चों की उत्तरपुस्तिकाएं दोबारा जांच करने का आदेश दिया, जिन्हें फेल किया गया है। इस साल कुल 9.74 लाख छात्रों ने परीक्षा दी थी। जिनमें से 3.28 लाख छात्र फेल किए गए।
यहां राज्य सरकार ने परीक्षा नामांकन और परिणामों की प्रक्रिया का कॉन्ट्रैक्ट एक निजी कंपनी को दिया था। अब छात्रों और अभिभावकों का कहना है कि कंपनी सिस्टम ने हजारों छात्रों को गलती से फेल कर दिया है। और उन्हें परीक्षा में मौजूद होने के बावजूद भी अनुपस्थित दिखाया।
तेलंगाना पेरेंट असोसिएशन के अध्यक्ष एन नारायण का कहना है कि मूल्यांकन प्रणाली में तकनीकी गड़बड़ी होने के कारण मेधावी छात्रों को कुछ विषयों में 5 और 10 नंबर मिले। वहीं हजारों छात्रों को परीक्षा देने के बजाय भी अनुपस्थित बताया गया है।
जब परीक्षा के परिणाम घोषित हुए तो कंपनी ने भी तकनीकी गड़बड़ी वाली बात स्वीकार की। लेकिन ये भी कहा कि सुधार कर लिया गया है। लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि पूरी प्रक्रिया में ही गड़बड़ी हुई है। बेशक कंपनी अपनी गलती अब ठीक करे, लेकिन उसकी इस चूक के कारण कई बच्चे अपनी जान ले चुके हैं।
तीन सदस्यों की कमिटि ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी जिसके बाद से दोषियों के खिलाफ कदम उठाना शुरू किया है। 12वीं की परीक्षा देने वाले गज्जा नव्या नाम के छात्र को तेलगु पेपर में 0 अंक प्राप्त हुए थे। जब उसने इसकी जांच कराई तो पता चला कि उसे 99 अंक मिले थे। नव्या के मामले से पता चलता है कि परीक्षा परिणाम में गड़बड़ी हुई है।
नव्या का पेपर चेक करने वाली शिक्षिक उमा देवी पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। वह निजी स्कूल में शिक्षिका हैं। उनके स्कूल प्रबंधन ने भी उन्हें बर्खास्त कर दिया है। बोर्ड ने विजय कुमार नामक शिक्षक को भी निलंबित कर दिया है। जो आदिवासी कल्याण स्कूल में पढ़ाते हैं। उन्हें जांचकर्ता की जिम्मेदारी सौंपी गई थी लेकिन वो गड़बड़ी का पता लगाने में विफल रहे।