BSP नेता Mohammad Iqbal की 111 मुखौटा कंपनियों की जांच शुरू
बसपा लोगो
सहारनपुर के खनन माफिया और बसपा के पूर्व एमएलसी मोहम्मद इकबाल के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक और केस दर्ज किया है। सूत्रों के मुताबिक, यह मामला काफी संगीन है और इकबाल की 111 मुखौटा कंपनियों की सघन जांच की जा रही है। गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) ने इन मुखौटा कंपनियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी, जिसके आधार पर ईडी ने जांच शुरू की है। ईडी पहले भी इकबाल के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले की जांच कर रहा है। सूत्रों के मुताबिक, बसपा नेता ने इन मुखौटा कंपनियों के जरिये करीब 10,000 करोड़ रुपये के काला धन को सफेद करने की कोशिश की। यह धन अवैध खनन और कई अन्य जरियों से कमाया गया था। अब तक की जांच में पता चला है कि इकबाल का यूपी के पूर्व मंत्री और एनआरएचएम घोटाले के आरोपी बाबू सिंह कुशवाहा से गहरी साठगांठ थी। इकबाल की मुखौटा कंपनियों के निदेशक और अधिकारी उसके नौकर और खानसामा थे। इनमें से करीब 80 कंपनियों के पते भी फर्जी पाए गए हैं।
10 सालों में बनाई अरबों की संपत्ति
सहारनपुर में दस साल पहले लकड़ी की मामूली टाल और फलों की दुकान लगाने वाले मोहम्मद इकबाल के पास अब अरबों रुपये की संपत्ति है। ईडी ने इकबाल द्वारा अपनी यूनिवर्सिटी को दिए गए संदिग्ध डोनेशन और 11 शुगर मिल खरीदने की जांच शुरू की थी, जिसके बाद बाकी एजेंसियों ने भी उसके खिलाफ शिकंजा कसना शुरू कर दिया था। सहारनपुर जिला प्रशासन भी अवैध खनन के कई मामलों में इकबाल के खिलाफ कई बार कार्रवाई कर चुका है।
सुप्रीम कोर्ट ने दिए थे जांच के आदेश
इकबाल के खिलाफ मामला 2015-16 से चल रहा है। यूपी के ही एक नेता रणवीर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में इकबाल के खिलाफ जनहित याचिका दायर की थी। इस आधार पर कोर्ट ने सीबीआई, ईडी और सीबीडीटी को मामले की जांच तीन महीने की भीतर पूरा करने का आदेश दिया। ईडी ने कोर्ट से कहा था कि इकबाल के खिलाफ पीएमएलए के तहत जब तक कार्रवाई नहीं हो सकती जब तक सीबीआई या एसएफआईओ उसके खिलाफ केस दर्ज नहीं करता।