Election 2019: खास सीटों से आंखों देखी: Assam में बांग्लाभाषियों को लुभाने की होड़ - Bharat news, bharat rajniti news, uttar pradesh news, India news in hindi, today varanasi newsIndia News (भारत समाचार): India News,world news, India Latest And Breaking News, United states of amerika, united kingdom

.

अन्य विधानसभा क्षेत्र

बेहट नकुड़ सहारनपुर नगर सहारनपुर देवबंद रामपुर मनिहारन गंगोह कैराना थानाभवन शामली बुढ़ाना चरथावल पुरकाजी मुजफ्फरनगर खतौली मीरापुर नजीबाबाद नगीना बढ़ापुर धामपुर नहटौर बिजनौर चांदपुर नूरपुर कांठ ठाकुरद्वारा मुरादाबाद ग्रामीण कुंदरकी मुरादाबाद नगर बिलारी चंदौसी असमोली संभल स्वार चमरौआ बिलासपुर रामपुर मिलक धनौरा नौगावां सादात

बुधवार, 17 अप्रैल 2019

Election 2019: खास सीटों से आंखों देखी: Assam में बांग्लाभाषियों को लुभाने की होड़

Election 2019: खास सीटों से आंखों देखी: Assam में बांग्लाभाषियों को लुभाने की होड़


सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर
असम में बांग्लादेश सीमा से लगे कछार जिले की सिलचर संसदीय सीट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव अभियान की शुरुआत की थी और वह यहां दो रैलियां कर चुके हैं। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी यहां दौरा कर चुके हैं और प्रियंका गांधी ने यूपी से बाहर अपने पहले रोड शो के लिए सिलचर को ही चुना था। कांग्रेस—भाजपा में कड़े मुकाबले की गवाह रही इस सीट की अहमियत यहां शीर्ष नेताओं की सक्रियता से समझी जा सकती है।  कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री रहे संतोष मोहन देव ने इस सीट पर जीत की हैट्रिक लगाई थी। यह असम की पहली सीट है, जहां भाजपा वर्ष 1991 में ही जीत दर्ज कर चुकी है। उसके बाद कभी यह कांग्रेस के पाले में रही है, तो कभी भाजपा के। इलाके में अल्पसंख्यकों की खासी आबादी होने की वजह से बदरुद्दीन अजमल वाले ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट की भी कुछ इलाकों में मजबूत पकड़ है। भाजपा नेता कबींद्र पुरकायस्थ वर्ष 1991, 1998 और 2009 में यहां से चुनाव जीत चुके हैं। वह अटल सरकार में मंत्री थे। वर्ष 2014 में संतोष मोहन देव की पुत्री सुष्मिता देव ने कांग्रेस के टिकट पर यह सीट जीती थी। इस बार वह इसे बचाने के लिए मैदान में हैं। भाजपा ने नए चेहरे राजदीप राय बंगाली को उतारा है।

7 में से 6 विस क्षेत्रों में भाजपा

सिलचर में ज्यादातर लोग देश के विभाजन के बाद बांग्लादेश से यहां आकर बसे हैं, इसलिए भाषा और संस्कृति पर पड़ोसी देश का असर है। भाजपा अबकी इन बांग्लाभाषियों को नागरिकता (संशोधन) विधेयक के सहारे लुभाने का प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री मोदी यहां अपनी रैलियों में उक्त विधेयक को कानूनी शक्ल का संकल्प दोहरा चुके हैं। कांग्रेस इसे भाजपा का लालीपॉप बता रही है। संसदीय क्षेत्र की सात विधानसभा सीट में से छह पर भाजपा काबिज है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस भी नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजंस (एनआरसी) के मुद्दे पर इलाके के वोटरों को अपने पाले में खींचने में जुटी है।

मतदान कम हो या ज्यादा जानिए किसका फायदा

आमतौर पर माना जाता है कि अधिक मतदान से भाजपा फायदे में रहती है, लेकिन 2014 में भाजपा ने प्रमुख राज्यों में जो सीटें जीतीं, उनमें से अधिकतर का मतदान प्रतिशत प्रदेश के औसत मतदान से कम रहा था। यूपी और महाराष्ट्र जैसे बड़े राज्य इसमें अपवाद रहे, जहां भाजपा की जीती सीटों पर प्रदेश के औसत से अधिक वोट पड़े। एक विश्लेषण...

कम मतदान पर भाजपा को हुआ लाभ

तमिलनाडु की 39 में से भाजपा ने एक ही सीट कन्याकुमारी जीती थी। यहां 67.53 प्रतिशत मतदान हुआ था, जो प्रदेश में औसत मतदान से सवा छह प्रतिशत कम था। ओडिशा की सुंदरगढ़ सीट पर वह प्रदेश के औसत से दो प्रतिशत कम मतदान के बावजूद जीती। बिहार, कर्नाटक, मध्य प्रदेश आदि राज्यों में जहां उसने भारी जीत पाई, वहां भी जीती गई सीटों पर हुए औसत मतदान से अधिक मतदान प्रदेश की बाकी सीटों पर हुआ था।

चाचा-भतीजे में कौन दमदार, बताएगा वोटर

किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, बांका और भागलपुर में मंगलवार को प्रचार थम गया। यहां बृहस्पतिवार को वोट डाले जाएंगे। अंतिम दौर में राजग और महागठबंधन के नेताओं ने वोटरों की खूब मनुहार की। सीएम नीतीश कुमार व नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से लेकर शीर्ष नेताओं ने ताबड़तोड़ सभाएं कीं, चाचा-भतीजे ने एक दूसरे पर खूब तीर छोड़े।

मंडल की मंडल से आमने-सामने भिड़ंत

भागलपुर में राजद के बुलो मंडल और जदयू के अजय मंडल में आमने-सामने की टक्कर है। भागलपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी एनडीए के पक्ष में प्रचार कर चुके हैं, जबकि राजद उम्मीदवार के पक्ष में तेजस्वी यादव, उपेंद्र कुशवाहा जैसे नेताओं की सभा हुई है। ग्रामीण इलाके के वोटरों में चुनाव को लेकर खूब चर्चाएं हो रही हैं। माहौल पीएम मोदी के विरोध और पक्ष में बंटा नजर आ रहा है। आखिरी क्षणों में सामाजिक समीकरण का ऊंट जिस करवट बैठेगा, जीत उसी की होगी।

त्रिकोणात्मक पिच पर वोटों की गोलबंदी

बांका के सियासी रण में त्रिकोणात्मक पिच सजी हुई है। राजद के जयप्रकाश नारायण यादव, निर्दलीय पुतुल कुमारी व जदयू के गिरधारी यादव में कांटे की टक्कर है। तीनों प्रत्याशी अपने काडर वोट की किलेबंदी में जुटे होने के साथ दूसरे के गढ़ में सेंधमारी की जुगत में भी हैं। सेंधमारी में जो जितना सफल होगा, उसका रास्ता उतना ही सुगम होगा। लोगों में चर्चा है कि राजद प्रत्याशी का पलड़ा भारी है। गिरधारी और पुतुल कुमारी की इन्हीं से टक्कर नजर आ रही है।

वोटरों की चुप्पी ने बढ़ाई बेचैनी

कटिहार में स्टार प्रचारकों को सुनने के लिए भीड़ तो जुट रही है, लेकिन मतदाता खुलकर कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं। एनडीए के जदयू प्रत्याशी दुलालचंद्र गोस्वामी के पक्ष में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करीब आधा दर्जन चुनावी सभाओं को संबोधित कर वोट मांग चुके हैं, जबकि कांग्रेस के उम्मीदवार तारिक अनवर के पक्ष में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की एक सभा हुई है। राजद के तेजस्वी यादव आधा दर्जन स्थानों पर सभा कर तारिक अनवर के पक्ष में जनता से वोट की मनुहार कर चुके हैं।

Loan calculator for Instant Online Loan, Home Loan, Personal Loan, Credit Card Loan, Education loan

Loan Calculator

Amount
Interest Rate
Tenure (in months)

Loan EMI

123

Total Interest Payable

1234

Total Amount

12345