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शुक्रवार, 5 अप्रैल 2019

Lok Sabha चुनाव में स्थानीय मुद्दे कमजोर, जातीय समीकरण का जोर, ऐसे बिछाई सियासी बिसात

Lok Sabha चुनाव में स्थानीय मुद्दे कमजोर, जातीय समीकरण का जोर, ऐसे बिछाई सियासी बिसात


भाजपा के एसपी सिंह बघेल, बसपा के मनोज सोनी, कांग्रेस प्रत्याशी प्रीता हरित
भाजपा के एसपी सिंह बघेल, बसपा के मनोज सोनी, कांग्रेस प्रत्याशी प्रीता हरित
लगभग 100 किलोमीटर क्षेत्र में फैले आगरा सुरक्षित लोकसभा क्षेत्र में मतदान से पहले तक जनता के मुद्दे सिरे से गायब हैं। चुनाव की पूरी बिसात जातीय समीकरणों पर बिछी हुई है। भाजपा ने दो बार के सांसद राम शंकर कठेरिया को इटावा भेजकर यहां से कैबिनेट मंत्री एसपी सिंह बघेल को उतारा है, जो जलेसर से तीन बार जीते और फिर फिरोजाबाद से तीन बार हारे।  गठबंधन से बसपा के मनोज सोनी हैं, जिन्हें पिछली बार हाथरस में हार का सामना करना पड़ा था। आयकर अधिकारी के पद से वीआएस लेकर आई प्रीता हरित कांग्रेस से टिकट पर मैदान में आई हैं। मुकाबला इन तीनों के बीच माना जा रहा है। भाजपा के वोटर और सपोर्टर इसी में खुश हैं कि कठेरिया को इटावा भेज दिया गया। आगरा लोकसभा क्षेत्र में एत्मादपुर और जलेसर का 42 फीसदी वही क्षेत्र है जो कभी जलेसर लोकसभा क्षेत्र में शामिल रहा।

एसपी सिंह बघेल कुर्मी, बघेल, कुशवाह के साथ भाजपा के वोट परंपरागत वोटर वैश्य, ब्राह्मण, ठाकुर आदि जातियों के सहारे चुनावी मैदान में हैं। मनोज सोनी बसपा के परंपरागत वोट बैंक एससी के साथ-साथ सपा यादव, कुशवाह, लोधी आदि जातियों के भरोसे किस्मत आजमा रहे हैं।

मुद्दों को भूले नेता

प्रीता हरित एससी वोट के साथ कांग्रेस के मूल वोटर के अलावा शिक्षित और युवा वोटरों के सहारे अपना गणित लगाए हैं। मनोज सोनी की चुनौती सपा, बसपा, रालोद के परंपरागत वोटरों को भाजपा की सेंधमारी से बचाना है।

मुद्दों की बात करें तो सबसे ज्यादा चर्चा राष्ट्रवाद की है। रोजगार जैसा महत्वपूर्ण मुद्दा दरकिनार है। सालों बाद भी सुनवाई नहीं होने पर क्षेत्रीय मुद्दे भी गौण हो गए हैं। जलेसर के व्यापारी राम अवतार कहते हैं कि कई सालों से जलेसर को दूसरे बड़े शहरों से जोड़ने का आश्वासन दिया जा रहा है लेकिन यह अब तक पूरा नहीं हुआ है।

इसके चलते विश्व प्रसिद्ध यहां का घुंघरू व्यापार फल-फूल नहीं पा रहा। शाम होते ही रोडवेज बसों का संचालन बंद हो जाता है। ऐसे में जिनके पास अपने संसाधन नहीं है, वह जरूरत पड़ने पर कस्बे से बाहर नहीं जा सकते। रोजगार के दूसरे माध्यम भी मुहैया नहीं हो पा रहे। 

क्या कहते हैं लोग

एत्मादपुर के औतार सिंह कहते हैं कि क्षेत्र के गांवों की अधिकांश सड़कें अभी भी ठीक नहीं हैं। तमाम दावों के बावजूद शौचालय निर्माण का काम पूरा नहीं हुआ है। मगर, इन समस्याओं के सामने जब बात राष्ट्रहित की आती है तो वह लोकसभा चुनाव में यह सब भूल जाते हैं।

नगला सूखा निवासी महाशय सिंह कहते हैं कि सरकार ने एयर स्ट्राइक और सर्जिकल स्ट्राइक कर आतंकवादियों को मुंह तोड़ जवाब दिया है। आज विदेशों में भारत की धाक जमी है। उत्तर विधानसभा क्षेत्र निवासी राजुल शुक्ला का कहना है कि शहर में जाम की समस्या है। सुबह से शाम तक शहर में जिस तरफ भी निकल जाओ, जाम से जूझना पड़ता है। गंगाजल भले ही आ गया हो लेकिन जलापूर्ति अभी भी सुचारु नहीं हो पा रही है।

दक्षिण विधानसभा क्षेत्र निवासी गिर्राज सिंह कहते हैं कि ताजमहल सहित तीन-तीन विश्वदाय स्मारक होने के बावजूद पर्यटन अब तक चुनावी मुद्दा नहीं बन पाया। अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के नाम पर अब तक शहर को सिर्फ छला ही गया है। 

जातीय समीकरण

आगरा लोकसभा क्षेत्र में पांच विधानसभा क्षेत्र में है। ये हैं आगरा दक्षिण, आगरा उत्तर, छावनी, एत्मादपुर, जलेसर। कुल मतदाता 1904698 हैं। इनमें  864520 महिला और 1040090 पुरुष मतदाता हैं।

जातीय समीकरण पर नजर डालें तो लगभग 3.15 लाख मतदाता वैश्य, अनुसूचित जाति के 2.80 लाख, मुस्लिम 2.70 लाख मतदाता है, वहीं बघेल 1.30 लाख हैं। मुख्य दलों के अलावा चंद्रपाल, राजा वाल्मीकि, रामजी लाल विद्यार्थी, हिमांशीं, अंबेडकरी हसनुराम अंबेडकरी, बाबूलाल भी चुनाव लड़ रहे हैं।

1952 के लोकसभा चुनाव में आगरा दो लोकसभा क्षेत्र में बंटा हुआ था। आगरा पूर्वी और आगरा पश्चिम लोकसभा क्षेत्र थे। आगरा पूर्वी से रघुवीर सिंह पहली बार सांसद चुने गए। उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी हृदय नंद कुंजरू को 22,512 वोटों से शिकस्त दी थी।

वहीं, आगरा पश्चिमी से सेठ अचल सिंह चुनाव जीते थे। उन्होंने भी निर्दलीय प्रत्याशी कृष्ण दत्त पालीवाल को 56,299 वोट से हराया। तब पश्चिमी सीट पर चार प्रत्याशी चुनावी मैदान में थे। पूर्वी सीट से भी पांच प्रत्याशियों ने किस्मत आजमाई थी।

जनसंख्या

हिंदू80.69 प्रतिशत
मुस्लिम15.37 प्रतिशत
जैन1.04 प्रतिशत
सिख0.62 प्रतिशत
ईसाई0.19 प्रतिशत
बौद्ध0.19 प्रतिशत
( 2011 की जनगणना के अनुसार )

2014 का नतीजा
प्रत्याशीपार्टीवोट
रामशंकर कठेरियाभाजपा583716
नारायण सिंह सुमनबसपा283453
महाराज सिंह धनगरसपा134708
उपेंद्र सिंहकांग्रेस34834

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