Lok Sabha चुनाव 2019: जुबानी तीरों के वीरों पर आज फैसला करेगा ‘लेनिनग्राद’ - Bharat news, bharat rajniti news, uttar pradesh news, India news in hindi, today varanasi newsIndia News (भारत समाचार): India News,world news, India Latest And Breaking News, United states of amerika, united kingdom

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सोमवार, 29 अप्रैल 2019

Lok Sabha चुनाव 2019: जुबानी तीरों के वीरों पर आज फैसला करेगा ‘लेनिनग्राद’

Lok Sabha चुनाव 2019: जुबानी तीरों के वीरों पर आज फैसला करेगा ‘लेनिनग्राद’


गिरिराज सिंह-कन्हैया कुमार
गिरिराज सिंह-कन्हैया कुमार 
लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में बिहार की पांच सीटों दरभंगा, उजियारपुर, समस्तीपुर, बेगूसराय और मुंगेर पर सोमवार को मतदान होना है। चौथे चरण में सर्वाधिक मतदाताओं वाला और सबसे बड़े क्षेत्रफल वाला संसदीय क्षेत्र बेगूसराय है, जबकि उजियारपुर सबसे छोटा है। कुल 88 लाख मतदाता 8834 मतदान केंद्रों पर 66 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे। इनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 46 लाख से अधिक है। 41 लाख महिला मतदाता हैं। थर्ड जेंडर मतदाता 228 हैं। मतदान को लेकर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं।  ‘लेनिनग्राद’ और ‘लिटिल मॉस्को’ के नाम से मशहूर बेगूसराय लोकसभा सीट का चुनाव इस बार देशभर में चर्चा का केंद्र बना हुआ है। यहां पर इस बार त्रिकोणीय मुकाबला है। भाजपा ने यहां से अपने फायर ब्रांड नेता गिरिराज सिंह को मैदान में उतारा है। इस सीट पर इनका कड़ा मुकाबला स्वजातीय जेएनयू के पूर्व अध्यक्ष सीपीआई प्रत्याशी कन्हैया से होना है। इन दोनों के बीच राजद के तनवीर हसन भी मुकाबले में है। भाजपा नेता गिरिराज सिंह नवादा की जगह इस बार बेगूसराय से चुनाव मैदान में हैं तो कन्हैया कुमार यहां से अपनी सियासी पारी की शुरूआत कर रहे हैं। दोनों ही भूमिहार जाति से आते हैं। इस सीट से नेताओं का भविष्य भूमिहार, यादव और मुसलमान मतदाता तय करते हैं। गौरतलब है कि साल 2014 के आम चुनाव में भाजपा के भोला सिंह इस सीट से विजयी रहे थे। भोला सिंह ने तनवीर हसन को मात्र 3.28 फीसदी वोटों से हराया था।

चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले लोकसभा चुनाव में इस सीट पर कुल 60.60 फीसदी वोटिंग हुई थी, जहां भाजपा 24.08 फीसदी वोट के साथ पहले स्थान पर थी तो वहीं 20.80 फीसदी वोट के साथ राजद दूसरे नंबर पर था। भाकपा को 10.83 फीसदी वोट हासिल हुई थी। भोला बाबू के निधन और कन्हैया कुमार की उम्मीदवारी के कारण इस बार बेगूसराय में गिरिरराज सिंह के साथ - साथ भाजपा की प्रतिष्ठा भी दांव पर है। 

मुंगेरः बाहुबली की प्रतिष्ठा दांव पर

मुंगेर लोकसभा सीट भी इस बार हॉट सीट बनी हुई है। यहां से जदयू के ललन सिंह का मुकाबला बाहुबली नेता अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी से हो रहा है। बाहुबली अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी महागठबंधन से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं। ललन सिंह बिहार सरकार में मंत्री हैं और सीएम नीतीश कुमार के करीबी हैं। ऐसे में यहां सीधे तौर पर नीतीश की प्रतिष्ठा दांव पर है। 

उजियारपुर: दो दिग्गजों में जीत का घमासान

उजियारपुर सीट इस बार दो दिग्गज मैदान में है। यहां एनडीए से भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय प्रत्याशी है, वे सांसद भी हंै। इनके सामने पिछली बार एनडीए के साथ रहे रालोसपा के मुखिया उपेंद्र कुशवाहा हैं। कुशवाहा इस बार महागठबंधन में शामिल है।

आंतरिक विरोध में उलझे गठबंधन के लिए जीत की चुनौती

दरभंगा मिथिला का प्रमुख शहर है। यह सीट ब्राह्मण और मुस्लिमों का गढ़ माना जाता है। 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए महागठबंधन ने राजद के दिग्गज अब्दुल बारी सिद्दीकी को अपना प्रत्याशी बनाया है, तो वहीं उनको चुनौती देने के लिए भाजपा ने गोपालजी ठाकुर को चुनावी मैदान में उतारा है। अब्दुल बारी सिद्दीकी की गिनती राजद के वरिष्ठ नेता में होती है। सिद्दीकी बिहार सरकार में मंत्री रह चुके हैं। 2014 के चुनाव में यहां से भाजपा के कीर्ति आजाद जीते थे, लेकिन भाजपा से नाराज होकर कीर्ति अब कांग्रेस में शामिल हो गए हैं और झारखंड के धनबाद से चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं राजद के अब्दुल बारी सिद्दीकी पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। उन्हें राजद के ही नेता और पूर्व सांसद अली अशरफ फातमी के विरोध का सामना भी करना पड़ रहा है।

पासवान पिरवार की प्रतिष्ठा पर बात, कांग्रेस सियासी जमीन कर रही मजबूत

पूर्व मुख्यमंत्री जननायक कर्पूरी ठाकुर की जन्मभूमि समस्तीपुर लोकसभा क्षेत्र अपनी समृद्ध सियासी, सांस्कृतिक और औद्योगिक विरासत के लिए जाना जाता है। नए परिसीमन के मुताबिक समस्तीपुर लोकसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित है। साल 2014 की तरह ही इस बार भी 2019 में समस्तीपुर से लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान के भाई रामचंद्र पासवान सियासी मैदान में हैं, तो वहीं कांग्रेस अपनी सियासी जमीन मजबूत करने के उद्देश्य से एक बार फिर अशोक राम को रामचंद्र पासवान के खिलाफ चुनाव में उतारा है। इससे पहले 2004 के चुनाव में राजद के आलोक कुमार मेहता ने जदयू प्रत्याशी रामचंद्र सिंह को हराया था।

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