Rahul Gandhi अभी तो मंदिरों में माथा टेक रहे, आगे कारसेवा भी करेंगे: Keshav Prasad Maurya

उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य
केशव प्रसाद मौर्य प्रदेश की भाजपा सरकार के न सिर्फ उपमुख्यमंत्री हैं, पिछड़ी जातियों का प्रतिनिधि चेहरा भी हैं। उनके अनुसार, इस चुनाव में प्रत्याशी गौण हैं। नरेंद्र मोदी ही प्रत्याशी हैं और चुनाव चिह्न कमल का फूल। विपक्षियों के समीकरण ध्वस्त हो गए हैं। इसीलिए मंदिर जाने और हिंदुत्ववादी दिखने की होड़ लगी है। राहुल पर तंज कसते हुए मौर्य कहते हैं, अभी तो वह माथा ही टेक रहे हैं। आगे मंदिर निर्माण में कारसेवा करते भी नजर आएंगे। लोकसभा चुनाव को लेकर मौर्य ने ‘अमर उजाला’ से बातचीत की। प्रस्तुत है प्रमुख अंश :सवाल- पहले चरण का चुनाव हो चुका है, क्या संकेत हैं?
जवाब- पहले चरण की सभी आठ सीटों पर भाजपा जीत रही है। पिछली बार भी पश्चिम से ही भाजपा की लहर चली थी। इस बार भी चल रही है। अबकी 73 से अधिक सीटें जीतेंगे।
सवाल- गठबंधन को कितनी चुनौती मानते हैं?
जवाब- गठबंधन का आधार जातिवाद है। भाजपा सरकार ने जातिवाद को विकासवाद से हरा दिया है। जो जातिवाद के आधार पर समीकरण दुरुस्त करने का सपना देख रहे हैं, उन्हें निराशा मिलेगी। प्रदेश जातिवाद से बहुत आगे निकल चुका है।
सवाल- विपक्ष दलित और पिछड़ा मतदाताओं के गठजोड़ से भाजपा को शिकस्त देने का दावा कर रहा है। आपका क्या कहना है?
जवाब- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछड़े वर्ग से आते हैं। संपूर्ण पिछड़ा वर्ग मोदी के पीछे चट्टान की तरह खड़ा है। मोदी ने प्रयागराज में सफाई कर्मचारियों के चरण धोए। इसका बड़ा संदेश दलित मतदाताओं में गया है। केंद्र सरकार ने पहली बार सामान्य वर्ग के गरीबों को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया है। अगड़ा, पिछड़ा और दलित की त्रिवेणी मोदी के गले का हार बनी है।
जवाब- पहले चरण की सभी आठ सीटों पर भाजपा जीत रही है। पिछली बार भी पश्चिम से ही भाजपा की लहर चली थी। इस बार भी चल रही है। अबकी 73 से अधिक सीटें जीतेंगे।
सवाल- गठबंधन को कितनी चुनौती मानते हैं?
जवाब- गठबंधन का आधार जातिवाद है। भाजपा सरकार ने जातिवाद को विकासवाद से हरा दिया है। जो जातिवाद के आधार पर समीकरण दुरुस्त करने का सपना देख रहे हैं, उन्हें निराशा मिलेगी। प्रदेश जातिवाद से बहुत आगे निकल चुका है।
सवाल- विपक्ष दलित और पिछड़ा मतदाताओं के गठजोड़ से भाजपा को शिकस्त देने का दावा कर रहा है। आपका क्या कहना है?
जवाब- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछड़े वर्ग से आते हैं। संपूर्ण पिछड़ा वर्ग मोदी के पीछे चट्टान की तरह खड़ा है। मोदी ने प्रयागराज में सफाई कर्मचारियों के चरण धोए। इसका बड़ा संदेश दलित मतदाताओं में गया है। केंद्र सरकार ने पहली बार सामान्य वर्ग के गरीबों को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया है। अगड़ा, पिछड़ा और दलित की त्रिवेणी मोदी के गले का हार बनी है।
'ध्रुवीकरण की कोशिश कर रहा है विपक्ष'
सवाल- चुनाव में जनता से जुड़े मुद्दे पीछे हो गए हैं। ध्रुवीकरण मुद्दा क्यों बन गया?
जवाब- पहले की सरकारों के समय विकास के नाम पर निकला पैसा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाता था। मोदी व योगी सरकार के समय वह पैसा विकास में लगा है। भाजपा तो विकास के नाम पर ही चुनाव लड़ना चाह रही है, लेकिन विपक्ष ध्रुवीकरण की कोशिश कर रहा है।
सवाल- मायावती रामनवमी की बधाई दे रही हैं। राहुल-सोनिया भी मंदिर जा रहे हैं?
जवाब- बड़े-बड़े ऊंट पहाड़ के नीचे आ गए है। जिन्हें भगवान श्रीराम के नाम से परहेज रहता था, उन्हें रामनवमी की बधाई देने के लिए विवश होना पड़ा। जो मंदिर देखकर मुंह फेर लेते थे, वे मंदिरों में माथा टेककर अपने हिंदू होने का प्रमाण दे रहे हैं। जब श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर बनेगा तो ये सब कारसेवक बनकर जयकारा लगाएंगे।
जवाब- पहले की सरकारों के समय विकास के नाम पर निकला पैसा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाता था। मोदी व योगी सरकार के समय वह पैसा विकास में लगा है। भाजपा तो विकास के नाम पर ही चुनाव लड़ना चाह रही है, लेकिन विपक्ष ध्रुवीकरण की कोशिश कर रहा है।
सवाल- मायावती रामनवमी की बधाई दे रही हैं। राहुल-सोनिया भी मंदिर जा रहे हैं?
जवाब- बड़े-बड़े ऊंट पहाड़ के नीचे आ गए है। जिन्हें भगवान श्रीराम के नाम से परहेज रहता था, उन्हें रामनवमी की बधाई देने के लिए विवश होना पड़ा। जो मंदिर देखकर मुंह फेर लेते थे, वे मंदिरों में माथा टेककर अपने हिंदू होने का प्रमाण दे रहे हैं। जब श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर बनेगा तो ये सब कारसेवक बनकर जयकारा लगाएंगे।
प्रियंका गांधी के असर पर ये बोले उपमुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
सवाल- प्रियंका गांधी वाड्रा का कितना असर रहेगा?
जवाब- राहुल गांधी को अमेठी छोड़कर केरल भागना पड़ा। सोनिया गांधी, राहुल गांधी या प्रियंका जहां कहीं जाते हैं तो सेल्फी लेने वाले कार्यकर्ताओं तक उनका दायरा सिमट कर रह गया है। इसी से असर समझा जा सकता है।
सवाल- बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने भतीजे आकाश को राजनीति में लाने की घोषणा की है, इसे किस रूप में देखते हैं?
जवाब- सपा, बसपा और कांग्रेस हमेशा से व्यक्ति और परिवार तक केंद्रित रही हैं। आकाश को राजनीति में लाने की घोषणा कोई आश्चर्य का विषय नहीं है। यह तो होना ही था।
जवाब- राहुल गांधी को अमेठी छोड़कर केरल भागना पड़ा। सोनिया गांधी, राहुल गांधी या प्रियंका जहां कहीं जाते हैं तो सेल्फी लेने वाले कार्यकर्ताओं तक उनका दायरा सिमट कर रह गया है। इसी से असर समझा जा सकता है।
सवाल- बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने भतीजे आकाश को राजनीति में लाने की घोषणा की है, इसे किस रूप में देखते हैं?
जवाब- सपा, बसपा और कांग्रेस हमेशा से व्यक्ति और परिवार तक केंद्रित रही हैं। आकाश को राजनीति में लाने की घोषणा कोई आश्चर्य का विषय नहीं है। यह तो होना ही था।
'मैनपुरी, आजमगढ़ और रायबरेली में भाजपा कमजोर नहीं'
सवाल- मैनपुरी, रायबरेली और आजमगढ़ में भाजपा ने जैसे उम्मीदवार उतारे, उससे लगता है कि पार्टी ने कुछ नेताओं की जीत का रास्ता खोल दिया है?
जवाब- मैनपुरी, आजमगढ़ और रायबरेली में भाजपा का उम्मीदवार कमजोर नहीं है। भाजपा जीतने के लिए चुनाव लड़ रही है। किसी को वॉकओवर नहीं दिया गया है।
सवाल- एक भी मुस्लिम उम्मीदवार को मौका नहीं दिया है?
जवाब- हमने सर्वे के आधार पर जीतने वाले को टिकट दिया है। हिंदू-मुसलमान के आधार पर टिकट नहीं दिया है। विधानसभा चुनाव में भी टिकट नहीं दिया था, लेकिन मोहसिन रजा को मंत्री बनाया। लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार नहीं बनाया था, पर केंद्र सरकार में मुख्तार अब्बास नकवी को मंत्री बनाया है।
जवाब- मैनपुरी, आजमगढ़ और रायबरेली में भाजपा का उम्मीदवार कमजोर नहीं है। भाजपा जीतने के लिए चुनाव लड़ रही है। किसी को वॉकओवर नहीं दिया गया है।
सवाल- एक भी मुस्लिम उम्मीदवार को मौका नहीं दिया है?
जवाब- हमने सर्वे के आधार पर जीतने वाले को टिकट दिया है। हिंदू-मुसलमान के आधार पर टिकट नहीं दिया है। विधानसभा चुनाव में भी टिकट नहीं दिया था, लेकिन मोहसिन रजा को मंत्री बनाया। लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार नहीं बनाया था, पर केंद्र सरकार में मुख्तार अब्बास नकवी को मंत्री बनाया है।