खट्टर को पूरा भरोषा बीजेपी ही जीतेगी २०१९ में - Bharat news, bharat rajniti news, uttar pradesh news, India news in hindi, today varanasi newsIndia News (भारत समाचार): India News,world news, India Latest And Breaking News, United states of amerika, united kingdom

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शुक्रवार, 10 मई 2019

खट्टर को पूरा भरोषा बीजेपी ही जीतेगी २०१९ में

मुख्यमंत्री खट्टर को क्यों यकीन है कि हरियाणा में भाजपा बंपर धमाका करेगी...



मनोहर लाल खट्टर (फाइल फोटो)
मनोहर लाल खट्टर (फाइल फोटो): भारत राजनीती 
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को यकीन है कि भाजपा इस बार हरियाणा में बम्पर धमाका करेगी। पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा-हजकां को सात सीटें मिली थी। कांग्रेस एक तो इनेलो के खाते में दो सीटें गई थी। खट्टर का मानना है कि 23 मई को जब नतीजे आएंगे तो वे चौकाने वाले होंगे। भाजपा, प्रदेश में दस की दस लोकसभा सीटें जीतेगी। मुख्यमंत्री के मुताबिक, कांग्रेस पार्टी के पिता-पुत्रों सहित कई बड़े महारथी चुनावी मैदान में परास्त होते दिखेंगे।

बता दें कि हरियाणा में इस बार पांच पूर्व मुख्यमंत्रियों के परिजन चुनाव लड़ रहे हैं। रोहतक से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के पुत्र दीपेंद्र हुड्डा, हिसार से देवीलाल के प्रपोत्र दुष्यंत चौटाला और सोनीपत से दिग्विजय चौटाला, भिवानी से बंसीलाल की पौती श्रुति चौधरी, हिसार से भजनलाल के पौते भव्य बिश्नोई व गुरुग्राम से राव वीरेंद्र के पुत्र इंद्रजीत चुनाव मैदान में हैं। प्रदेश के गठन के बाद ऐसा पहली बार देखने को मिल रहा है जब कोई क्षेत्रीय दल राष्ट्रीय पार्टियों को चुनौती पेश करने की स्थिति में नहीं है। कांग्रेस-भाजपा के अलावा प्रदेश में इनेलो एक मजबूत क्षेत्रीय दल के रुप में अपनी उपस्थिति दर्ज कराता रहा है, लेकिन इस बार यह पार्टी दो फाड़ हो चुकी है।

अजय चौटाला के पुत्र दुष्यंत चौटाला ने जननायक जनता पार्टी के नाम से नई पार्टी का गठन कर लिया है। आम आदमी पार्टी ने जजपा के साथ गठबंधन किया है। सभी पार्टियों के अपने-अपने दावे हैं। कांग्रेस पार्टी कह रही है कि वे तीन से चार सीटें जीतेंगे। जजपा और आप गठबंधन को भी उम्मीद है कि वे दो सीटें ले जाएंगे। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर कहते हैं कि लोगों को मोदी सरकार के नेतृत्व में पूरा विश्वास है। हरियाणा सरकार ने जो काम किए हैं, वे लोगों के सामने हैं। कांग्रेस पार्टी जिन सीटों को अपने लिए पॉजीटिव मानकर चल रही थी, वहां उनके उम्मीदवारों का पसीना नहीं सूख रहा है।

ये चार वजह हैं, जिनके चलते भाजपा को सभी दस सीटें मिलने की उम्मीद है ...  

पहली वजह है प्रदेश में जातियों का बड़े पैमाने पर ध्रुवीकरण होना है। अगर यूं कहें कि सारा चुनाव ही इसके इर्द-गिर्द घूम रहा है तो कुछ गलत नहीं होगा। प्रदेश की राजनीति के जाने-माने विश्लेषक और ‘पॉलिटिक्स ऑफ चौधर’ पुस्तक के लेखक डॉ.सतीश त्यागी का कहना है, जाट और गैर-जाट में ही पूरा चुनाव बँटता दिख रहा है। कहने के लिए केवल पार्टी समर्थकों के बीच ही राहुल-मोदी की चर्चा है, बाकी जगह तो जाट और गैर-जाट का मुद्दा छाया है। विकास पर चर्चा, यह बात तो कहीं देखने सुनने को ही नहीं मिल रही। आरक्षण के दंगों का असर लोकसभा चुनाव पर देखा जा सकता है।

दूसरा, मुख्यमंत्री पर अभी तक कोई भी आरोप न लगना है। चाह कर भी विपक्ष उन्हें घेर नहीं पाया। इससे पहले प्रदेश के कई मुख्यमंत्रियों पर मामले भी दर्ज रहे हैं। पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला और उनके बेटे अजय चौटाला तो अभी तिहाड़ में हैं। भूपेंद्र सिंह हुड्डा के ठिकानों पर कई बार सीबीआई की रेड पड़ चुकी है। ऐसे में सीएम खट्टर की साफ छवि ने भाजपा को बड़ा फायदा पहुंचा दिया है।

तीसरा, प्रदेश की सरकारी नौकरियों और तबादलों में व्याप्त भ्रष्टाचार पर काफी हद तक अंकुश लगा है। मेरिट के आधार पर नौकरी और घर बैठे तबादले, ये दो ऐसे मामले हैं, जिन्होंने विपक्षी नेताओं को भी सोचने पर मजबूर कर दिया। इन मुद्दों पर विपक्षी नेता भी सीएम खट्टर पर वार करने से बचते हैं।

चौथा, ग्रामीण परिवेश में भाजपा की दस्तक। इससे पहले के चुनाव में भाजपा पर यह ठप्पा लगता रहा है कि यह पार्टी तो केवल शहरी लोगों की है। पिछले पांच साल में भाजपा ने ग्रामीण इलाकों में बूथ स्तर तक अपनी पकड़ बनाई है। अब हर गांव में किसी न किसी घर पर भाजपाई झंडा या आरएसएस की शाखा देखी जा सकती है।

जाट-नॉन जाट फैक्टर ने उड़ाई विपक्षी दलों की नींद ... 

इस फैक्टर ने खासतौर पर कांग्रेस, जजपा और इनेलो की नींद उड़ा दी है। रोहतक सीट, जहां से दीपेंद्र हुड्डा को कभी जीत के लिए जोर नहीं लगाना पड़ा, लेकिन इस बार भाजपा ने उन्हें कड़े मुकाबले में फंसा दिया है। यहां तक कि दो दिन पहले प्रियंका गांधी को दीपेंद्र के समर्थन में रोड शो करना पड़ा। इसी तरह सोनीपत सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा को भी भाजपा की ओर से चुनौती मिल रही है। यहां पर भी जाट-नॉन जाट फैक्टर हावी है। गैर जाटों को यह संदेश देने के लिए कि कांग्रेस पार्टी उनकी हितैषी है, दस मई को चुनाव प्रचार के अंतिम दिन गोहाना में सामाजिक भाईचारा रैली आयोजित की जाएगी।

इसके जरिए कांग्रेस यह मैसेज देने का प्रयास करेगी कि प्रदेश में जाट-नॉन जाट जैसा कोई फैक्टर नहीं है। हिसार और भिवानी सीट पर भी कांग्रेस उम्मीदवारों को गैर-जाट फैक्टर नुकसान पहुंचा सकता है। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला कहते हैं कि पूरे प्रदेश में मोदी फैक्टर जबरदस्त तरीके से काम कर रहा है। भाजपा की केंद्र और राज्य सरकार के कार्यों से लोग खुश हैं। इस बार लोगों को हैरान करने वाले नतीजे मिलेंगे।

विपक्षी की ओर से कहा जा रहा है कि रोहतक, सोनीपत, हिसार में भाजपा के लिए मुश्किल हो सकती है। यह गलत है, इन तीनों सीटों पर भाजपा ने मुकाबले को कड़ा बना दिया है। कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवारों को यह नहीं समझ आ रहा है कि वे जनता के बीच जाकर क्या कहें। मुख्यमंत्री की साफ छवि और सरकारी नौकरियों में ईमानदारी व पारदर्शिता, भाजपा प्रत्याशियों को इसका बड़ा फायदा मिल रहा है। इसी दम पर भाजपा दस सीटें जीतेगी।



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