लोकसभा में सबसे आगे बैठेंगे ये सांसद, इस बार नहीं दिखाई देंगे ये पांच पुराने दिग्गज
देवगौड़ा और थंबीदुराई जहां चुनाव में हार गए हैं। वहीं सुषमा स्वराज ने चुनाव नहीं लड़ा। गांधीनगर से सात बार चुने गए सांसद लाल कृष्ण आडवाणी को भाजपा ने लोकसभा टिकट नहीं दिया। लोकसभा के एक अधिकारी ने कहा, 'पहली पंक्ति की सीटें अमूमन वरिष्ठ सांसदों और विभिन्न पार्टियों के नेता प्रतिपक्ष को आवंटित की जाती हैं। यदि वह दोबारा चुने जाते हैं तो शिष्टाचार के नाते पूर्व प्रधानमंत्रियों को पहली पंक्ति की सीट दी जाती है। इसके अलावा पहली पंक्ति का कोटा पार्टी की मजबूती पर निर्भर करता है।'
इसके अलावा लोकसभा में इस बार दो और बदलाव दिखाई देंगे। इसकी वजह है बीजू जनता दल (बीजद) के नेता भातृहरि महताब और तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय को भी अपनी पसंदीदा सीट से हाथ धोना पड़ सकता है। दरअसल, 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान बीजद को 34 और तृणमूल के 20 सांसद चुने गए थे। वहीं इस बार दोनों की संख्या घटकर 22 और 10 रह गई है। जिसके कारण उनका कोटा 0.8 और 0.4 सीट हो गया है।
भाजपा के लोकसभा में 303 सांसद हैं। उसे दो अतिरिक्त सीटे मिलेंगी। अब पहली पंक्ति में उसका कोटा बढ़कर 12 सीट का हो जाएगा। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ ली है। उन्हें पहली पंक्ति की सीट मिलेगी। उम्मीद है कि राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी और सदानंद गौड़ा को भी पहली पंक्ति में स्थान मिल सकता है।