कार्ति चिदंबरम ने मांगे 10 करोड़, सुप्रीम कोर्ट ने दी नसीहत- अपने संसदीय क्षेत्र पर ध्यान दें
कार्ति चिदंबरम : bharat rajneeeti
पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को बुधवार को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की अवकाशकालीन पीठ ने दस करोड़ रुपये रजिस्ट्री से वापस दिलाने की उनकी याचिका खारिज कर दी। चीफ
जस्टिस गोगोई ने कहा कि बेहतर रहेगा कि वह अपने संसदीय क्षेत्र पर ध्यान दें। हाल में संपन्न लोकसभा चुनाव में कार्ति तमिलनाउु की शिवगंगा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते हैं।
आईएनएक्स मीडिया और एयरसेल मैक्सिस मामले में आरोपी कार्ति ने विदेश दौरे पर जाने के लिए 10 करोड़ रुपये सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री में जमा कराए थे। अब उन्होंने रजिस्ट्री से यह रकम लौटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट से अपील की है। कार्ति के वकील का कहना है कि यह रकम कर्ज पर ली है और वह इस पर ब्याज चुका रहे हैं।
कोर्ट ने 7 मई को कार्ति को मई और जून में विदेश यात्रा की अनुमति दी थी लेकिन शर्त लगाई थी कि 10 करोड़ की सुरक्षा राशि जमा करने के बाद ही वह विदेश जा सकते हैं। उनकी याचिका पर पीठ ने कहा कि अगर वह पुराने मामले के 10 करोड़ रुपये वापस चाहते हैं तो कोर्ट रिफंड कर देगा लेकिन अगर इसके बाद वह विदेश गए तो 10 करोड़ की सुरक्षा राशि को बढ़ाकर 20 करोड़ कर दिया जाएगा।
सांसद चुने जाने से कार्ति के मामले की सुनवाई पर असमंजस
आईएनएक्स मीडिया रिश्वत मामले की सुनवाई कर रही राउज एवेन्यू अदालत ने स्थिति स्पष्ट करने के लिए इसकी फाइल प्रभारी जज के समक्ष भेज दी है। मामले में आरोपी कार्ति चिदंबरम के सांसद चुने जाने के चलते यह स्थिति पैदा हुई है। कोर्ट ने जानना चाहा है कि उनके केस की सुनवाई सामान्य अदालत में होगी या विशेष अदालत में।
विशेष सीबीआई जज अनुराग सेन ने केस को विचार के लिए प्रभारी जज ओपी सैनी को भेजी है, ताकि सुनवाई की स्थिति साफ हो सके। जज सैनी के समक्ष बृहस्पतिवार दोपहर दो बजे इस पर सुनवाई होगी। कोर्ट ने आरोपी इंद्राणी मुखर्जी को माफी देकर सरकारी गवाह बनाने के मुद्दे पर 23 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस पर बुधवार को फैसला सुनाया जाना था, लेकिन कोर्ट ने इसे टाल दिया।
मामला पी. चिदंबरम के मंत्री रहते 2007 में आईएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश के लिए विदेशी निवेश प्रोत्साहन बोर्ड से अनुमति दिलाने के लिए 305 करोड़ रुपये की घूस लेने के आरोप से जुड़ा है। सीबीआई ने इस मामले में 15 मई 2017 को एफआईआर दर्ज कर आरोप लगाया कि आईएनएक्स मीडिया को 2007 में एफआईपीबी की अनुमति दिलाने के लिए विदेशी कंपनियों व खातों के जरिये 305 करोड़ की घूस ली गई थी। इस केस के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय ने इंद्राणी व उसके पति पीटर मुखर्जी के खिलाफ धन शोधन का मामला दर्ज किया था।