मुफ्त यात्रा योजना: मेट्रो ने सौंपा प्रस्ताव, दिल्ली सरकार को देनी होगी 1566 करोड़ सब्सिडी
प्रेसवार्ता करते हुए अरविंद केजरीवाल - फोटो : bharat rajneeti
दिल्ली मेट्रो में महिलाओं को मुफ्त सफर कराने की दिल्ली सरकार की योजना का पहला औपचारिक प्रस्ताव बनकर तैयार है। दिल्ली मेट्रो ने इसे लागू करने के लिए 8 महीने का वक्त मांगा है और इस पर साल में करीब 1566 करोड़ रुपये खर्च की बात कही है। मेट्रो की सलाह है कि योजना लागू करने से पहले दिल्ली सरकार को किराया निर्धारण समिति से इसकी मंजूरी लेनी पड़ेगी। दिलचस्प यह कि मेट्रो को उम्मीद है कि योजना लागू होने के बाद मुसाफिरों की संख्या में 15 से 20 फीसदी इजाफा होगा। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कहना है कि दिल्ली सरकार मेट्रो के प्रस्ताव को सकारात्मक तरीके से देख रही है।
मीडिया से बात करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) ने दिल्ली सरकार की योजना पर प्रस्ताव तैयार कर लिया है। इसे लागू करने के लिए मेट्रो ने दो तरीके बताए हैं। मेट्रो को अपना पहला तरीका लागू करने में पूरा सॉफ्टवेयर बदलना होगा। इससे महिलाएं टोकन या कार्ड का इस्तेमाल करके सफर कर सकेंगी। इसमें एक साल से ज्यादा का वक्त लगेगा। दूसरा तरीका दिल्ली सरकार के लिए ज्यादा ठीक है। इसके लिए महिलाओं को पिंक कलर का टोकन दिया जाएगा। वह इसे काउंटर या टिकट वेंडिंग मशीन से ले सकती हैं। महिलाओं के प्रवेश के लिए अलग से गेट दिए जाएंगे। निकासी किसी भी मार्ग से हो सकती है। मेट्रो ने इसके लिए 8 महीने का समय मांगा है। इस बीच वह दिल्ली मेट्रो अपने उन 170 स्टेशनों पर, जहां टिकट काउंटर बंद कर रखा है, वहां काउंटर खोलेगी।
केजरीवाल का मानना है कि 8 महीने का वक्त ज्यादा है। समय कम कराने के लिए दिल्ली सरकार के अधिकारी मेट्रो से बात करेंगे। दिल्ली मेट्रो का आकलन है कि सरकार को हर साल 1566.64 करोड़ रुपये की सब्सिडी देनी होगी। साथ ही यह भरोसा भी दिलाना होगा कि आगे की सरकारें इस योजना को रद्द नहीं करेंगी। दोनों के लिए सरकार तैयार है।
15 से 20 फीसदी तक बढ़ेगा ट्रैफिकसीएम के मुताबिक, मेट्रो का कहना है कि अभी 30 फीसदी महिलाएं सफर करती हैं। योजना लागू होने के बाद इनका हिस्सा 45-50 फीसदी हो जाएगा। महिला यात्रियों के बढ़ने का सीधा फायदा मेट्रो को होगा। सरकार इसके एवज में मेट्रो का सब्सिडी देगी।
किराया निर्धारण समिति से लेनी होगी इजाजत
प्रेसवार्ता करते हुए अरविंद केजरीवाल - फोटो : bharat rajneeti
मेट्रो का कहना है कि योजना लागू करने से पहले किराया निर्धारण समिति की इजाजत लेनी होगी। केजरीवाल ने माना कि वैसे तो इसकी कोई जरूरत नहीं है। योजना सिर्फ सब्सिडी देने के लिए है। फिर भी, अगर कमेटी की जरूरत पड़ती है तो वह महज औपचारिकता है। इसमें कोई बड़ी अड़चन नहीं आएगी।
एनसीआर की महिलाओं को भी मिलेगा फायदा
केजरीवाल ने कहा कि मेट्रो में सफर करने वाली हर महिला योजना की जद में होगी। सरकार को दूसरे प्रदेश से आने वाली महिलाओं की सुरक्षा की भी फिक्र है। योजना को लैगिंग असमानता को बढ़ावा देने वाली बताने वाले लोगों को समझना चाहिए कि देश में कहां महिला को बराबरी का दर्जा मिला हुआ है। अभी सिर्फ 30 फीसदी महिलाएं मेट्रो में सफर कर रही हैं। वहीं, नौकरी करने वाली महिलाओं की दिल्ली में आबादी महज 11 फीसदी है। यह राष्ट्रीय औसत से भी कम है।
डीटीसी ने तैयार किया प्रस्ताव
दिल्ली परिवहन निगम ने भी इस योजना पर अपना प्रस्ताव तैयार कर लिया है। डीटीसी सीधे दिल्ली सरकार के अधीन आती है। ऐसे में बस में यात्रा कराने पर कोई दिक्कत नहीं है। सरकार प्रस्ताव का अध्ययन कर इस दिशा में काम करेगी।