आतंकवाद के खिलाफ मोदी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति रहेगी जारी, शाह ने दिए संकेत
अधिकारी के अनुसार अगले पांच सालों में कट्टरपंथी विचारों को खत्म करने पर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने कहा, 'हमें इस मुद्दे को सुरक्षा पहलू से नहीं बल्कि एक सामाजिक मुद्दे को तौर पर देखना चाहिए। नए विचारों के बारे में सोचा जाना चाहिए जिससे कि युवा कट्टरपंथी विचारों से प्रभावित न हों।' सोमवार को आंतरिक सुरक्षा की स्थिति का जायजा लेने के लिए बुलाई बैठक में शाह को रमजान के दौरान जम्मू-कश्मीर की परिस्थिति के बारे में बताया गया।
पिछले साल इस दौरान सरकार ने आतंकवादी निरोधी गतिविधियों पर रोक लगाई थी। लेकिन युद्धविराम के दौरान आतंकियों ने 18 ग्रेनेड हमले किए थे जिसमें 31 लोग घायल हो गए थे। कुल मिलाकर 37 हमले किए गए थे जिसमें 12 लोगों की मौत हो गई और 41 घायल हो गए थे। वहीं इस साल केवल तीन ग्रेनेड हमले हुए हैं। कुलमिलाकर सात आतंकी हमले हुए हैं जिसमें तीन लोगों की मौत और एक घायल हुआ है।
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'अगले दो महीनों में पार्टी की भावना को आकार मिल जाएगा और अमित शाह इससे परिचित हैं। बैठक में उन्होंने इसके बारे में स्पष्ट कर दिया था।' एक घंटे तक चली बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, खुफिया ब्यूरो के निदेशक राजीव जैन और गृह सचिव राजीव गौबा शामिल थे।