चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद प्रियंका के सामने पहुंचा चुनावी समीक्षा का कच्चा चिठ्ठा
प्रियंका गांधी - फोटो : bharat rajneeti
लोकसभा चुनाव में करारी शिकस्त मिलने के बाद कांग्रेस पार्टी ने हार के कारणों की समीक्षा शुरू कर दी है। पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी ने पार्टी के जिलाध्यक्ष अखिलेश पांडेय, आब्जर्वर दिलीप बाजपेई और पार्टी प्रत्याशी राकेश सचान एवं अन्य नेताओं को बुलाकर समीक्षा की।
प्रियंका गांधी - फोटो : bharat rajneeti
पार्टी के जिलाध्यक्ष अखिलेश पांडेय ने बताया कि दो दिन पूर्व राष्ट्रीय महासचिव ने रायबरेली स्थित गेस्ट हाउस में पार्टी पदाधिकारियों और प्रत्याशियों के साथ चुनाव परिणामों की समीक्षा के लिए बुलाया था। आंकड़ों पर गौर करें तो जिले की छह विधानसभाओं में फतेहपुर और हुसैनगंज विधानसभा में पार्टी एक भी बूथ नहीं जीत पाई।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा। - फोटो : bharat rajneeti
हालांकि हुसैनगंज में पार्टी को सर्वाधिक वोट मिले हैं। फतेहपुर विधानसभा में पार्टी का एक भी बूथ न जीत पाना शर्मनाक है, क्योंकि कांगे्रेस पार्टी के ज्यादातर दिग्गज नेता यहीं आवासित हैं और कई वर्षों से यहीं कार्यरत हैं। पार्टी के जिलाध्यक्ष खागा से हैं और यहां पार्टी ने शुकदेव इंटर कॉलेज, जनहितकारी इंटर कॉलेज और रमेश कल्याणकारी के बूथों में सौ से अधिक वोट प्राप्त किए हैं।
प्रियंका गांधी - फोटो : bharat rajneeti
खागा के मुस्लिम वोटरों का कांग्रेस का साथ होना दिखा। इसी क्रम में ब्राह्मण बाहुल्य इलाके त्रिलोचनपुर, पांभीपुर और टेक्सारी बुजुर्ग में भी कांग्रेस को अच्छे वोट मिले हैं। हुसैनगंज क्षेत्र में पार्टी की पूर्व प्रत्याशी ऊषा मौर्या के बूथ में भी पार्टी को सौ से अधिक वोट मिले हैं। अयाहशाह विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस को सबसे कम वोट मिले हैं। मगर यहां ललौली क्षेत्र के सात बूथों में कांग्रेस ने जीत दर्ज कराई है। पार्टी प्रत्याशी राकेश सचान के गढ़ जहानाबाद क्षेत्र में कांग्रेस केवल दो बूथों में ही आगे रही है।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ प्रियंका गांधी वाड्रा - फोटो : bharat rajneeti
विधानसभावार सौ-सौ वोट जुटाना भी हुआ मुश्किल
चुनाव में पार्टी को विधानसभावार सौ-सौ वोट जुटा पाना भी मुश्किल हो गया। बिंदकी में 15, अयाह शाह में 10, फतेहपुर में मात्र एक, जहानाबाद में 10, खागा में 11 और हुसैनगंज में 16 बूथों पर ही कांग्रेस सौ से अधिक वोट प्राप्त कर सकी। भाजपा और बसपा ने जमकर वोट बटोरे।
कानपुर में रोड शो के दौरान पहुंची प्रियंका गांधी - फोटो : bharat rajneeti
लाेकसभा चुनाव में मिली हार का आब्जर्वर ने खोला कच्चा चिठ्ठा
समीक्षा के दौरान फतेहपुर संसदीय सीट के आब्जर्वर रहे दिलीप बाजपेई ने अपनी समीक्षा में बताया कि पार्टी के प्रदेश संगठन में पदाधिकारी रहे राजू लोधी जनपद के होते हुए भी चुनाव में निष्क्रिय रहे। उन्हें जब भी बुलाया गया तो खुद को अमेठी चुनाव में व्यस्त होने का जवाब मिला। जिले से ही कई नेता प्रदेश कांग्रेस कमेटी और ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी यानी पीसीसी और एआईसीसी के सदस्य हैं। इनकी भी चुनाव में भूमिका सक्रिय और निष्ठावान नहीं रही। इस बिंदु पर बात करने के लिए प्रियंका गांधी ने सोमवार को फिर से दिल्ली में बैठक बुलाई है।
प्रियंका गांधी कानपुर में एक जनसभा के दौरान - फोटो : bharat rajneeti
प्रत्याशी और पार्टी के तालमेल पर भी हुई चर्चा
समीक्षा के दौरान प्रत्याशी और पार्टी नेताओं के बीच तालमेल पर भी चर्चा हुई। इसी के साथ ही पार्टी फंड और प्रत्याशी की चुनावी रणनीति पर भी रिपोर्ट मांगी गई। पार्टी प्रत्याशी राकेश सचान ने बताया कि उन्होंने महासचिव प्रियंका गांधी के सामने अपना पक्ष रखा है। दरअसल पार्टी के नाम पर चंद लोग थे, जो अपना-अपना बूथ भी नहीं बचा पाए। जो लोग भाजपा को हराना चाहते थे, हम उनके लिए बेहतर विकल्प नहीं बन पाए। अब आगे पार्टी को जनता के मुद्दों के प्रति संघर्ष करना होगा और उससे ही नेता भी निकलेंगे और संगठन भी मजबूत होगा।