केरल में निपाह वायरस का कोई नया मामला नहीं: स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन

मंत्रालय ने कहा कि डॉक्टरों की निगरानी में रखे गए चार अन्य मरीजों को शनिवार को छुट्टी दे दी गई। इस दौरान पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वाइरोलॉजी (एनआईवी) ने तीन सूअर के ब्लड सैंपल और 30 चमगादड़ के सैंपल केरल के इडुकी जिले के थोडुपुजा से एकत्रित किए हैं।
केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन व्यक्तिगत रूप से निपाह वायरस के मामलों की स्थिति की समीक्षा और निगरानी कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों को केरल सरकार के साथ स्थिति की जांच करने के लिए निर्देश दिए हैं।
क्या है निपाह वायरस?
लेकिन इसके बाद जहां-जहां निपाह के बारे में पता चला, इस वायरस को लाने-ले जाने वाले कोई माध्यम नहीं थे। साल 2004 में बांग्लादेश में कुछ लोग इस वायरस की चपेट में आए। इन लोगों ने खजूर के पेड़ से निकलने वाले तरल को चखा था और इस तरल तक वायरस को लाने वाले चमगादड़ थे, जिन्हें फ्रूट बैट कहा जाता है।
इस बीमारी के लक्षण हैं सिर दर्द और तेज बुखार। हालत ज्यादा खराब हो तो मरीज कोमा में भी जा सकता है। इसकी कोई वैक्सीन भी नहीं है। ये वायरस बीते साल मई में भी फैला था। जिसमें 17 लोगों की मौत हो गई थी। मृतकों में मरीजों का इलाज करने वाली नर्स भी शामिल थी।