2050 को ध्यान में रखकर तैयार हो रही हर घर जल योजना: सरकार
प्रतीकात्मक तस्वीर - फोटो : bharat rajneeti
केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का कहना है कि हर घर जल की योजना को 2050 की आवश्यकता को ध्यान में रखकर तैयार किया जा रहा है। उनका कहना है कि देश में बारिश और अन्य संसाधनों से मिलने वाले जल का मात्र पांच प्रतिशत ही पेयजल में इस्तेमाल होता है।
सरकार की प्रमुख चुनौती
कृषि के लिए आवश्यक जल उपलब्ध कराने की है। बड़ी मात्रा में जल कृषि और औद्योगिक इकाईयों में प्रयोग होता है। उन्होंने बताया कि देश के ऐसे जलस्रोतों को चिंहित किया गया है जहां गुणवत्ता प्रभावित है। 27, 544 जगहों पर आर्सेनिक और अन्य तहर से पानी की गुणवत्ता ठीक नहीं है। सरकार जिसमें 11, 200 को कवर कर ही है। 4,071 की गुणवत्ता ठीक हो चुकी है और करीब पांच हजार पर काम चल रहा है।
केंद्र सरकार इस काम के लिए राज्यों को मदद कर रही है। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि पर्वतीय राज्यों में पेयजल को लेकर कई योजनाएं चल रही हैं। राज्यों की जिम्मेदारी है जितनी तेजी से योजनाओं पर काम करेंगे केंद्र सरकार उन्हें उतनी आर्थिक मदद करेगी।