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गुरुवार, 4 जुलाई 2019

बजट 2019: मोदी 2.0 सरकार से उम्मीद- स्टार्टअप्स के लिए विशेष फंडिंग का हो प्रावधान

बजट 2019: मोदी 2.0 सरकार से उम्मीद- स्टार्टअप्स के लिए विशेष फंडिंग का हो प्रावधान

निर्मला सीतारमण
निर्मला सीतारमण - फोटो : bharat rajneeti
आगामी बजट से पूर्व वित्तीय क्षेत्र की कंपनियों ने सरकार से कहा कि वह बजट में स्टार्टअप्स के लिए विशेष फंडिंग और विनिर्माण क्षेत्र की मदद के लिए प्रोत्साहन-आधारित कर्ज मुहैया कराने जैसे उपायों पर जोर दे। धीमी हो रही अर्थव्यवस्था को गति देने के उपायों को लेकर उद्योग जगत की बढ़ी उम्मीदों के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 5 जुलाई यानी शुक्रवार को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश करेंगी।

सिगमा वेंचर्स के प्रबंध भागीदार एवं सह-संस्थापक निल्यांका भूषण ने कहा कि स्टार्टअप्स और सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) के लिए शुरुआती पूंजी एवं इक्विटी वित्त पोषण के लिए सुविधा बढ़ाना, विनिर्माण क्षेत्र को गति देने को सरलीकृत और प्रोत्साहन-आधारित कर्ज सुविधाएं मुहैया कराना नीति निर्माताओं की शीर्ष प्राथमिकताओं में शामिल होनी चाहिए। इससे नवप्रवर्तन और उद्यमिता को गति मिलेगी। 

अमेजन समर्थित टोन टैग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी एवं सह-संस्थापक कुमार अभिषेक ने कहा कि ‘स्टार्टअप इंडिया’ योजना से आसान लाइसेंस मंजूरी, कर में कटौती और न्यूनतम नियामकीय हस्तक्षेप के रूप में स्टार्टअप्स को निश्चित रूप से कई लाभ प्राप्त हुए हैं। इसके बावजूद कई सुधारात्मक नीतियों की जरूरत है। वहीं, इंडिफी टेक्नोलॉजीज के सीईओ एवं सह-संस्थापक आलोक मित्तल ने कहा कि एमएसएमई के लिए आसान कर्ज मुहैया कराना आर्थिक वृद्धि को गति देने और रोजगार सृजन के लिहाज से जरूरी है। 

सैनिटरीवेयर उद्योग ने की जीएसटी कटौती की मांग

सैनिटरीवेयर उद्योग ने सरकार से उत्पाद की लागत कम करने के लिए जीएसटी की दर को 18 फीसदी से घटाकर पांच फीसदी करने और स्वच्छता को प्रोत्साहित करने की मांग की है। सैनिटरीवेयर विनिर्माताओं को उम्मीद है कि आम बजट से जीएसटी परिषद के लिए उपाय करने का रास्ता निकलेगा।

इंडियन काउंसिल ऑफ सैनिटरीवेयर मैन्युफैक्चरर्स के निदेशक आरबी काबरा ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के हिस्से के रूप में यह जरूरी है कि लोगों को नल समेत अन्य सैनिटरीवेयर उत्पाद किफायती कीमत पर उपलब्ध हों। रोका बाथरूम प्रोडक्ट्स के एमडी केई रंगनाथन ने कहा कि देश में शौचालय की पहुंच 60 फीसदी से अधिक नहीं है, जबकि कुछ पड़ोसी देशों में यह आंकड़ा 90 फीसदी से अधिक है। ऐसे में बुनियादी स्वच्छता उत्पादों और नल जैसे अन्य बाथरूम फिटिंग पर लगने वाले 18 फीसदी जीएसटी को घटाकर पांच फीसदी किया जाए। 

वाहन उद्योग में नकदी की स्थिति सुधारे सरकार

वाहन विनिर्माताओं के संगठन सियाम (सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स) ने सरकार से विशेष रूप से एनबीएफसी (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी) क्षेत्र में नकदी की स्थिति सुधारने के लिए कदम उठाने की अपील की। नकदी की स्थिति में सुधार से वाहन क्षेत्र को प्रोत्साहन मिल सकता है। संगठन ने कहा कि हर महीने वाहनों की बिक्री लगातार घट रही है। इस कारण कई डीलरशिप बंद हो चुकी हैं।

वित्त मंत्रालय को लिखे पत्र में सियाम ने सरकार से तत्काल इस मामले पर गौर करने और उचित कदम उठाने का आग्रह किया है ताकि सिस्टम में नकदी का प्रवाह सुनिश्चित हो सके। इससे नए वाहनों की बिक्री को भी रफ्तार मिलेगी। वाहन वित्तपोषण क्षेत्र में एनबीएफसी की बड़ी हिस्सेदारी है। 

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