दिल्ली सहित देश के कई राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी, हवाई और रेल यातायात प्रभावित
बारिश से अस्त व्यस्त मुंबई - फोटो : bharat rajneeti
मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में मुंबई समेत देश के कई राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। मानसूनी बारिश के कारण देश के कई राज्यों में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। असम और बिहार में बाढ़ से मरने वालों की संख्या 200 के पास पहुंच गई है।
मौसम विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि शनिवार को महाराष्ट्र, दिल्ली, उत्तराखंड, हिमाचल, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश और जम्मू-कश्मीर के कई हिस्सों में भारी बारिश हो सकती है।
मुंबई के छत्रपति शिवाजी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (एमआईएएल) के जनसंपर्क अधिकारी के अनुसार भारी बारिश के कारण विमान औसतन 30 मिनट देरी से उड़ान भर रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि बारिश के कारण सात उड़ानें रद्द की गई हैं और 17 विमानों को डायवर्ट किया जा चुका है।
पानी में फंसी महालक्ष्मी एक्सप्रेस, बचाव में जुटी एनडीआरभारी बारिश के कारण बदलापुर के पास महालक्ष्मी एक्सप्रेस फंस गई है। इस ट्रेन में लगभग 2000 लोग सवार हैं जिन्हें निकालने का काम जारी है। राहत और बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की टीम को मौके पर भेजा गया है। रेलवे की तरफ से यात्रियों को बिस्किट और पीने का पानी बांटा जा रहा है।
असम और बिहार में बाढ़ का कहर जारी
बिहार और असम में बाढ़ से मरने वालों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। दोनों ही राज्यों में मरने वालों की संख्या अबतक 198 हो गई है। वहीं 1.17 करोड़ लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। बता दें कि भूटान की कुरीचू नदी में कुरीचू हाइड्रोपावर जलाशयों से अतिरिक्त पानी छोड़े जाने के कारण, पश्चिमी असम के बारपेटा, नलबाड़ी, बक्सा, चिरांग, कोकराझार, धुबरी और दक्षिण सालारा में बाढ़ के जल स्तर में वृद्धि हो रही है।
असम राज्य आपदा प्रबंधन (एएसडीएमए) के अनुसार, 18 जिलों के 2,753 गांवों में 34,92,734 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। वहीं अधिकारियों के मुताबिक पश्चिम चंपारण में बाढ़ का पानी गुरुवार 13 तारीख को ही पहुंच गया था। हालांकि वहां मौत का ताजा कोई मामला सामने नहीं आया है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों में पश्चिमी चंपारण में मूसलाधार बारिश हुई है।
बिहार आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक 13 जिलों के 106 ब्लॉकों की 1,241 पंचायतों में 82.12 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए है। राहत और पुनर्वास का काम जोरों पर चल रहा है। सरकार की ओर से प्रत्येक मृतक के परिजनों को 4 लाख रुपये की अनुग्रह राशि प्रदान की गई है, जबकि आपदा से बचने वाले प्रत्येक परिवार को 6,000 रुपये दिए गए।
शिमला में मूसलाधार बारिश, 1 अगस्त तक ऐसा ही रहेगा मौसम
राजधानी शिमला में शुक्रवार दोपहर बाद करीब डेढ़ घंटा झमाझम बारिश हुई। दोपहर तीन बजे से साढ़े चार बजे तक शहर में 55 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई। मूसलाधार बारिश से डेढ़ घंटे तक शहर की रफ्तार थम गई।
भारी बारिश के बीच मुख्यमंत्री आवास के पास देवदार का पेड़ गिर गया। ड्रेनेज सिस्टम दुरुस्त नहीं होने से आईएसबीटी शिमला पानी से लबालब हो गया। इससे काफी देर तक वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई।
उधर, भूस्खलन से प्रदेश में 53 सड़कें बंद रहीं। चंबा और ऊना में ग्रामीण क्षेत्रों के कई संपर्क मार्गों पर यातायात ठप रहा। शनिवार को प्रदेश में बारिश का दौर जारी रहने का पूर्वानुमान है।
एक अगस्त तक हिमाचल में मौसम खराब बना रहने की संभावना है। शुक्रवार को शिमला को छोड़कर अन्य इलाकों में मौसम साफ रहा। गुरुवार रात को भारी बारिश के चलते शुक्रवार को प्रदेश में 53 सड़के बंद रहीं।
राजस्थान के कई जिलों में भारी बारिश
राजस्थान के कई हिस्सों में पिछले 24 घंटों के दौरान मध्यम से भारी बारिश हुई है और इस कारण शेखावटी इलाके में तीन लोग पानी के तेज बहाव में बह गए जिनमें से एक का शव बरामद कर लिया गया है मौसम विभाग के अनुसार अनेक इलाकों में कल दोपहर से ही बारिश हो रही है। विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले 24 घंटें में पूर्वी राजस्थान के कुछ इलाकों में भारी बारिश हो सकती है।
बीते 24 घंटें में सीकर जिले के श्रीमाधोपुर, सीकर ओर सीकर तहसील इलाके में 12-12 सेंटीमीटर बारिश हुई है। जयपुर के बस्सी में 13 सेंटीमीटर, झुंझुनूं के चिडावा में 10 सेंटीमीटर, जयपुर के कोटपूतली, सांभर व सांगानेर और अलवर के बानसूर में 9-9 सेंटीमीटर बारिश दर्ज की गई है।
भारत में इस सप्ताह औसत से 35 फीसदी कम हुई मानसूनी बारिश
पिछले सप्ताहांत देश के मध्य, पश्चिमी और उत्तरी भागों में बहुत कम बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग ने बुधवार को कहा कि भारत में इस सप्ताह मानसूनी बारिश औसत से 35 फीसदी कम हुई है। जिसकी वजह से गर्मियों में बोई जाने वाली फसलों के उत्पादन पर चिंता गहरा सकती है। आर्थिक विकास के लिए मानसून की बारिश काफी महत्वपूर्ण है।
भारत में आज भी खेतिहर किसान सिंचाई के लिए बारिश पर निर्भर हैं। औसत से कम मॉनसूनी बारिश का मतलब है कि धान, सोयाबीन, मक्का जैसे फसलों की पैदावर कम हो सकती है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अपने आंकड़े में दिखाया कि देश के सबसे बड़े सोयाबीन उत्पादक राज्य मध्य प्रदेश में सप्ताह में औसत से 67 फीसदी कम बारिश हुई, जबकि सबसे बड़े कपास उत्पादक गुजरात में 47 फीसदी कम बारिश हुई। कुल मिलाकर, भारत में मानसून सीजन 1 जून से शुरू होने के बाद औसत से 19 फीसदी कम बारिश हुई है।