हाईवे पर ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करना पड़ेगा मंहगा, रिटायर फौजी रखेंगे कड़ी नजर
![हाईवे पर ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करना पड़ेगा मंहगा, रिटायर फौजी रखेंगे कड़ी नजर फाइल फोटो](https://spiderimg.amarujala.com/assets/images/2019/01/21/750x506/national-highway_1548041814.jpeg)
यह पायलट परियोजना राष्ट्रीय राजमार्ग कॉरिडोर के 1,550 किलोमीटर के हिस्से को कवर करेगी। जिनकी पहचान उन क्षेत्रों के तौर पर हुई है जहां सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं होती हैं। इसपर 300 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इस परियोजना के लिए विश्व बैंक आर्थिक मदद प्रदान करेगा। योजना के अनुसार सेनानिवृत्त कर्मियों की एक टीम को 60 किमी के अंतराल पर चौबीसों घंटे तैनात किया जाएगा। एक अधिकारी ने कहा, 'उनके शरीर पर कैमरा लगाने का मकसद सभी घटनाओं और ट्रैफिक उल्लंघनकर्ताओं के दुर्व्यवहार को रिकॉर्ड करना है। जहां सीसीटीवी तेज रफ्तार, ओवरटेकिंग और जिग-जैग ड्राइविंग जैसे उल्लंघनों को रिकॉर्ड करने का काम करेगा। वहीं सेनानिवृत्त कर्मी गलत पार्किंग और गलत ड्राइविंग जैसे उल्लंघनों को रिकॉर्ड करेंगे।'
इस पायलट परियोजना को ऐसे समय पर अंजाम दिया जा रहा है कि जब सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतों में से 33-35 प्रतिशत केवल राजमार्गों पर होती हैं। यातायात नियमों का प्रबंधन और उन्हें लागू करना स्थानीय पुलिस की जिम्मेदारी है लेकिन वह अमूमन मैनपावर की कमी के कारण राष्ट्रीय राजमार्गों पर ऐसा नहीं कर पाते। इसके अलावा राजमार्ग केंद्र सरकार के अंतर्गत आते हैं। दूसरे देशों की तरह भारत में नेशनल हाईवे पुलिस पेट्रोल सिस्टम नहीं है।