इस मुख्यमंत्री के नाम से शुरू होगा विशेष पुरस्कार, पढ़ें क्या होगी पाने वाले की योग्यता

पुरस्कार के बारे में जानकारी देते हुए शीला दीक्षित के मंत्रिमंडल में उनके सहयोगी रहे रमाकांत गोस्वामी ने बताया कि वे अखिल भारतीय संस्कृत साहित्य सम्मेलन की अध्यक्ष रही थीं। उनके प्रयास से ही संस्कृत भवन का निर्माण किया गया था।
उनके कार्यकाल में साहित्य के क्षेत्र के लोगों को विशेष सम्मान और सुविधाएं दी जाती थीं। इससे उनके कार्यकाल में संस्कृत के साथ-साथ हिंदी, उर्दू और अन्य भाषाएं भी समृद्ध हुईं। उन्होंने कहा कि इस पुरस्कार के माध्यम से संस्कृत प्रेमी विद्वत समुदाय उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करना चाहता है।