'अटल चौक' के नाम से जाना जाएगा हजरतगंज चौराहा, पहली पुण्य तिथि पर नगर निगम ने पूरे किए वादे
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पूर्व प्रधानमंत्री व लखनऊ से सांसद रहे अटल बिहारी वाजपेयी की पहली पुण्यतिथि पर नगर निगम ने तीन प्रोजेक्ट के रूप में उन्हें श्रद्धांजलि दी है। जहां शहर के सबसे व्यस्त ट्रैफिक वाले हजरतगंज चौराहा का नाम बदलकर अटल चौक कर दिया गया। वहीं, नगर निगम डिग्री कॉलेज को भी नया नाम अटलजी को समर्पित कर दिया गया है। इसके साथ ही निजी संस्था के सहयोग से अटल उदय उपवन बनाने के लिए अनुबंध भी किया।
मेयर संयुक्ता भाटिया ने शुक्रवार को हजरतगंज चौराहा पर अटल चौक के नाम का शिलालेख और दूसरे सौंदर्यीकरण के कामों का लोकार्पण किया। मेयर ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री के निधन के तुरंत बाद 25 अगस्त 2018 को नगर निगम कार्यकारिणी की बैठक में दोनों घोषणाएं की गईं थीं।
कार्यकारिणी ने भी सर्वसम्मति से ऐसा करने के लिए खुद पहल की थी। उनकी पहली पुण्यतिथि को इन फैसलों को अमल में लाने के लिए चुना गया। सुरेंद्रनगर स्थित नगर निगम डिग्री कॉलेज का नाम अब अटल बिहारी वाजपेयी नगर निगम डिग्री कॉलेज होगा।
वहीं हजरतगंज चौराहा अब अटल चौक के नाम से जाना जाएगा। दोनों जगह शुक्रवार को औपचारिक कार्यक्रम भी हुआ। इसमें मेयर के अलावा नगर आयुक्त इंद्रमणि त्रिपाठी, अपर नगर आयुक्त अर्चना द्विवेदी, भाजपा पार्षद दल के उपनेता रामकृष्ण यादव, सपा पार्षद दल के नेता यावर हुसैन रेशू, कॉलेज की प्रिंसिपल मधु सिंह मौजूद रहे।
छंगामल चौराहा से अब अटल चौक
हजरतगंज चौराहा को इससे पूर्व नगर निगम से ही छंगामल चौराहा का नाम दिया था। इससे इस चौराहा को छंगामल चौराहा के नाम से पहचान मिली। अब नगर निगम ने ही इसे अटल चौक नाम दिया है।
पर्यावरण संरक्षण भी करेगा अटल उदय उपवन
रहीमाबाद में पांच हेक्टेयर जमीन में एचसीएल फाउंडेशन के सहयोग से अटल उदय उपवन का विकास किया जाएगा। इसके लिए मेयर की मौजूदगी में एक अनुबंध पर फाउंडेशन की निदेशक निधि पुंढीर और नगर आयुक्त इंद्रमणि त्रिपाठी ने हस्ताक्षर किया।
अनुबंध के मुताबिक अगले 10 साल तक इस जमीन पर शहरी जंगल संस्था अपने खर्च पर विकसित करेगी। यहां पर्यावरण संरक्षण की भी पहल की गई है। यहां लगभग एक लाख पौधे लगाए जाएंगे। वहीं सिंचाई के लिए एसटीपी से ट्रीटमेंट के बाद निकलने वाले पानी को इकट्ठा कर यहां लाया जाएगा। इससे भूगर्भ जल पर निर्भरता कम की जा सकेगी।
मेयर ने बताया कि संस्था का काम उपवन के विकास के अलावा शहर में तालाबों का संरक्षण भी होगा। अक्टूबर से अटल उदय उपवन पर संस्था काम करेगी। उपवन में औषधीय पौधों के अलावा स्थानीय प्रजातियों के पौधे ही लगाए जाएंगे, जिससे उनका विकास हो सके।