बाढ़ से पूरे दक्षिण भारत में हाहाकर, केरल के तीन जिलों में रेड अलर्ट, कर्नाटक-महाराष्ट्र में राहत

खास बातें
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अब तक केरल में 91 और कर्नाटक में 48 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं महाराष्ट्र में मंगलवार को बचाव कार्य पूरा हो गया और पानी घटने का इंतजार किया जा रहा है। केरल में अभी भी 40 लोग लापता हैं। मौसम विभाग ने केरल के अल्लफुजा, एर्नाकुलम और इडुक्की जिलों में बुधवार को भारी बारिश का रेड अलर्ट और छह जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। केरल में बचाव कर्मियों ने 2.52 लाख लोगों को करीब 1332 राहत शिविरों में पहुंचाया है।
विजयन-राहुल ने किया वायनाड का दौरा
मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने मल्लपुरम और वायनाड का दौरा किया। उन्होंने बाढ़ पीड़ितों से कहा कि सरकार इस संकट के दौर उनके साथ है। सरकार अभी बचाव कार्य पर ध्यान दे रही है बाद में पीड़ितों को पुन: स्थापित किया जाएगा। राहुल गांधी भी वायनाड में बाढ़ पीड़ितों से मिले और हर संभव मदद का वादा किया। उन्होंने केंद्र सरकार से भी मदद मांगी।
कर्नाटक में 50 हजार करोड़ का नुकसान
कर्नाटक में मंगलवार को बाढ़ से हालात में सुधार हुआ है। 6.77 लाख लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया गया है। पानी घटने लगा है और बचाव कार्य पूरी तेजी से जारी है। मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने मंगलवार को शिवमोगा में बाढ़ ग्रस्त इलाके का दौरा किया। उन्होंने कहा बाढ़ से सभी जिलों में 40 से 50 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। केंद्र से 3000 करोड़ रुपये की तत्काल मदद मांगी गई है।
महाराष्ट्र केंद्र से मांगेगा 6813 करोड़ की मदद
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कैबिनेट बैठक के बाद कहा कि केंद्र से 6813 करोड़ रुपये की राहत राशि की मांग की जाएगी। इसमें 4708 करोड़ रुपये कोल्हापुर, सांगली और सतारा के लिए व 2105 करोड़ रुपये कोंकण नासिक और अन्य महाराष्ट्र के लिए। इसके अतिरिक्त सरकार छोटे व्यापारियों के हुए नुकसान की भरपाई के लिए 300 करोड़ रुपये की मांग करेगी।
यूएई में भारतीयों ने जुटाई राहत सामग्री
दक्षिण भारत में बाढ़ की स्थिति में यूएई में बसे भारतीयों ने वहां राहत सामग्री जुटाना शुरू कर दिया है। खलीज टाइम्स के मुताबिक वॉइस ऑफ ह्यूमैनिटी नाम के एक समूह के 50 कलाकारों ने कपड़े, दवाएं, चप्पलें और खाद्य पदार्थ एकत्रित करने के लिए कैंपेन शुरू किया है। इसके लिए दुबई में तीन कलेक्शन सेंटर खोले गए। इसके अलावा मुख्यमंत्री राहत कोष में मदद बढ़ाने के लिए सोशल मीडिया का भी सहारा लिया जा रहा है।