बीसीआई ने नए विधि कॉलेज खोलने पर तीन साल की लगाई रोक - Bharat news, bharat rajniti news, uttar pradesh news, India news in hindi, today varanasi newsIndia News (भारत समाचार): India News,world news, India Latest And Breaking News, United states of amerika, united kingdom

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मंगलवार, 13 अगस्त 2019

बीसीआई ने नए विधि कॉलेज खोलने पर तीन साल की लगाई रोक

बीसीआई ने नए विधि कॉलेज खोलने पर तीन साल की लगाई रोक

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खास बातें

  • राज्य सरकारों के प्रस्ताव पर लागू होगा प्रतिबंध, राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय इससे बाहर 
  • देश की अदालतों में पदों को भरने और जनता के काम के लिए पर्याप्त संस्थान हैं
  • लापरवाह ढंग से राज्य सरकारें अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर रही हैं और विश्वविद्यालय मान्यता दे रहे हैं
देशभर में विधि कॉलेजों की बेतहाशा बढ़ती संख्या को देखते हुए बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) ने नए विधि कॉलेज खोलने पर तीन साल की रोक लगा दी है। राज्य सरकारों द्वारा नए विधि कॉलेज खोले जाने के प्रस्ताव पर यह रोक लागू होगी लेकिन राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय इससे बाहर होंगे।
 
बीसीआई ने कहा कि वह मौजूदा संस्थानों के मानकों में सुधार पर जोर देगा और जो संस्थान बिना उचित इंफ्रास्ट्रक्चर या फैकल्टी के चल रहे होंगे, उन्हें अगले तीन साल में बंद कर दिया जाएगा। रविवार को हुई बैठक में बीसीआई ने सदस्य वेद प्रकाश शर्मा द्वारा उठाए गए देश में मशरूम की तरह खुल रहे विधि कॉलेजों के मुद्दे पर व्यापक चर्चा की। 

बार काउंसिल ने राज्य सरकारों और विश्वविद्यालयों से अनुचित साधनों पर रोक लगाने और अगले चार महीने के अंदर सभी कॉलेजों व विश्वविद्यालयों में विधि शिक्षकों के खाली पदों को भरने का भी अनुरोध किया। बैठक में पाया गया कि मौजूदा समय में देश की अदालतों में पदों को भरने और जनता के काम के लिए पर्याप्त संस्थान हैं।

काउंसिल ने कहा कि वकीलों की कोई कमी नहीं है और मौजूदा संस्थान हर साल आवश्यक विधि स्नातक तैयार करने के लिए पर्याप्त हैं। हालांकि इन संस्थानों में शिक्षण के मानकों को तत्काल सुधारने की जरूरत है और काउंसिल देश में विधि शिक्षकों को प्रशिक्षित करेगा। 

अपने प्रस्ताव में बीसीआई ने देश में अभी 1500 विधि कॉलेज है और कुछ राज्यों और विश्वविद्यालयों के सुस्त रवैये के कारण कई कॉलेज बिना उचित इंफ्रास्ट्रक्चर के चल रहे हैं। राज्य सरकारें शायद ही कभी सरकारी विधि कॉलेजों और घटक इकाइयों में विधि फैकल्टी की नियुक्ति में रुचि लेती हैं। लापरवाह ढंग से राज्य सरकारें अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर रही हैं और विश्वविद्यालय मान्यता दे रहे हैं।

बीसीआई ने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय ज्यादातर ग्रामीण इलाकों में विधि परीक्षाओं में अनुचित कार्यों को रोकने में असमर्थ रहे हैं और यहां तक राज्य सरकारों ने भी इसे रोकने में कोई रुचि नहीं दिखाई है। एलएलएम या पीएचडी (विधि) की डिग्री हासिल करना बहुत आसान है, इस वजह से देश में कानून के अच्छे अध्यापकों का अभाव है। 

बीसीआई ने कहा कि हमने विश्वविद्यालयों को नए कॉलेजों को मान्यता देने को रोकने का आग्रह किया गया था लेकिन फिर भी 300 एनओसी जारी कर दिए गए। उसने यह भी कहा कि वह नए संस्थानों के लिए सिर्फ लंबित प्रस्तावों पर विचार करेगी और नए आवेदन पर विचार नहीं किया जाएगा। 

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