खास बातें
- उनकी जमानत के लिए एक से बढ़कर एक दलीलें दीं, मगर सब नाकाम साबित हुईं
- सीबीआई ने केस डायरी अदालत को सौंप दी
- सीबीआई ने चिदंबरम से सिर्फ 12 सवाल ही पूछे
- मंदी से ध्यान हटाने के लिए ऐसी कार्रवाई: कांग्रेस
आईएनएक्स मीडिया केस में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को सीबीआई की विशेष अदालत ने 26 अगस्त तक सीबीआई रिमांड में भेज दिया है। सीबीआई ने अदालत से पांच दिन के लिए चिदंबरम को रिमांड पर मांगा था। सीबीआई की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने रिमांड के लिए जज अजय कुमार की अदालत में मजबूत दलील दी। वहीं, चिदंबरम की ओर से पेश दिग्गज वकील कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने उनकी जमानत के लिए एक से बढ़कर एक दलीलें दीं, मगर सब नाकाम साबित हुईं।
मेहता: आईएनएक्स मीडिया ने गलत तरीके से एफडीआई वसूल की है, जो कि विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) के नियमों का उल्लंघन है। चिदंबरम की वजह से आईएनएक्स मीडिया को गलत तरीके से फायदा पहुंचा, जिसके बाद कंपनी ने दूसरी कंपनियों को भी पैसा दिया गया। करीब 50 लाख डॉलर कार्ति चिदंबरम से जुड़ी कंपनियों को दिए गए। चिदंबरम ने पद का दुरुपयोग किया। तुषार मेहता ने अदालत से कहा कि किसी व्यक्ति का चुप रहना उसका अधिकार है, लेकिन जानबूझ कर सवालों को टालना गलत है। वह अभी जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जांच आगे बढ़ाने के लिए चिदंबरम की कस्टडी जरूरी है। जांच के बारे में ज्यादा जानकारी कोर्ट में नहीं दी जा सकती है। सीबीआई ने केस डायरी अदालत को सौंप दी।
सीबीआई ने चिदंबरम से सिर्फ 12 सवाल ही पूछे
सिब्बल: चिदंबरम ने सीबीआई से कहा कि मैं रात भर सोया नहीं हूं, इस वक्त रहने दीजिए और सुबह गिरफ्तार कर लीजिए लेकिन सीबीआई नहीं मानी। दोपहर 12 बजे तक पूछताछ नहीं हुई। सीबीआई के सवाल तक तैयार नहीं थे। बाद में सीबीआई ने चिदंबरम से सिर्फ 12 सवाल ही पूछे।
चिदंबरम सीबीआई की पूछताछ से कभी नहीं भागे। सीबीआई-ईडी ने जब भी बुलाया, चिदंबरम हाजिर हुए। जो आरोप हैं वो कार्ति चिदंबरम पर थे, पी चिदंबरम पर नहीं हैं और कार्ति भी अभी बेल पर हैं, ऐसे में पी. चिदंबरम को भी जमानत दीजिए।
क्या सीबीआई ने अभी तक चिदंबरम से पेमेंट को लेकर कोई सवाल पूछा है, सीबीआई उनपर गलत आरोप लगा रही है। केस के अन्य आरोपियों को जमानत मिल गई है, ऐसे में इन्हें भी जमानत मिलनी चाहिए।
इस डील को जिस एफआईपीबी बोर्ड ने मंजूरी दी थी, उसमें 6 सचिव केंद्र सरकार के थे उनमें से कुछ आरबीआई गवर्नर बन गए हैं, नीति आयोग के चेयरमैन भी बने हैं, लेकिन उनको तो कभी गिरफ्तार नहीं किया गया। गुनाह कबूल न करने का मतलब यह नहीं है कि चिदंबरम जांच में असहयोग कर रहे हैं।
सिंघवी: सीबीआई इतनी परेशान क्यों है? पिछले 11 महीने में सीबीआई ने चिदंबरम को एक फोन तक नहीं किया और अब अचानक गिरफ्तारी पर अड़ गई है। ऐसा क्यों? ये ऐसा केस है, जिसमें सुबूतों से कोई लेना देना नहीं है। पूरा मामला सिर्फ इंद्राणी मुखर्जी के बयान और केस डायरी पर निर्भर है।
सरकारी गवाह बनी महिला के बयान की आड़ में चिदंबरम की गिरफ्तारी की गई है। सरकारी गवाह का बयान स्टेटस होता है, सबूत नहीं। सीबीआई का जांच का तरीका गलत है। सीबीआई के 12 में से छह सवाल पुराने हैं। सीबीआई ने रिमांड मांगा है, लेकिन आरोप क्या है, इसे नहीं बताया।
यह मामला सबूतों से छेड़छाड़ का नहीं है। रिमांड विशेष परिस्थितियों में ही दिया जाता है। इस केस में और किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई। एफआईपीबी के 6 आरोपी अभी तक गिरफ्तार नहीं हुए हैं। फैसले को मंजूरी देने वाले को आरोपी बनाया गया है। चिदंबरम को भी इस मामले में बोलने की इजाजत मिलनी चाहिए।
जज: क्या आपके (चिदंबरम) पास भी बोलने के लिए कुछ है?
मेहता: यह गलत है। आरोपी को वकीलों के बीच बोलने की इजाजत नहीं मिलनी चाहिए।
सिंघवी: दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने एक फैसले में आरोपी को भी अपने पक्ष में दलील रखने की इजाजत दी है।
चिदंबरम: सवालों और जवाबों को देखिए, एक भी ऐसा सवाल नहीं है जिसका जवाब मैंने न दिया हो। कृपया ट्रांसक्रिप्ट पढ़िए। मुझसे मेरे और बेटे कार्ति के विदेशी बैंक खातों के बारे में सवाल पूछे गए। मेरा विदेश में कोई खाता नहीं है। मेरे बेटे का है। पैसे के बारे में कोई सवाल नहीं पूछा गया।
मेहता: पूछताछ करना सीबीआई की ड्यूटी है। सीआरपीसी के तहत यह हमारा राष्ट्र के प्रति कर्त्तव्य है। हमें पूछताछ के लिए कोर्ट रिमांड की इजाजत दे।
मंदी से ध्यान हटाने के लिए ऐसी कार्रवाई: कांग्रेस
चिदंबरम की गिरफ्तारी से भड़की कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि प्रजातंत्र की रात को भी हत्या होते सबने देखा है। अपने राजनीतिक आकाओं को खुश करने के लिए सीबीआई टीम ने रात में दीवार फांदकर चिदंबरम के घर में घुसी और उन्हें गिरफ्तार किया।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि सरकार पर मंदी से देश का ध्यान हटाने का आरोप लगाते हुए कहा कि आज पूरे देश में भयानक स्तर पर मंदी है और लाखों की संख्या में रोजगार जा रहा है। हमारा रुपया एशिया का सबसे बुरा प्रदर्शन करनेवाला करंसी बन चुका है।
प्रधानमंत्री की आयु को पार कर बहुत आगे निकल चुका है। चिंदबरम और उनके बेटे 20 बार से अधिक ईडी और सीबीआई के सामने पेश हो चुके हैं। सब जानते हैं कि यह केस 12 साल पुराना है। इसमें अब गिरफ्तारी का क्या औचित्य है?
6 साल से मोदी सरकार ने पूरा जोर लगा लिया, लेकिन सबूत का एक कतरा भी नहीं ला सके। एक कमाल की बात है कि एफआईबी बोर्ड में कई और सदस्य थे, जिस कंपनी पर आरोप है उसके अधिकारियों को भी नहीं पकड़ा। आपने केवल चिदंबरम को और उनको प्रताड़ित करने के लिए पकड़ा।
जांच अधिकारी का तबादला
आईएनएक्स मीडिया केस में जांच अधिकारी राकेश आहूजा का तबादला कर दिया गया है। उन्हें वापस दिल्ली पुलिस में भेज दिया गया है। ईडी ने स्पष्ट किया है कि आहूजा का कार्यकाल 3 सप्ताह पहले ही पूरा हो गया था।
यह निंदनीय है: डीएमके
डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन ने पी.चिदंबरम मामले पर चेन्नई में कहा कि मैंने भी देखा कि किस तरह से सीबीआई ने दीवार फांदी और उन्हें गिरफ्तार किया। यह भारत के लिए शर्मनाक है। यह राजनीतिक बदला है। चिदंबरम ने अंतरिम जमानत की मांग की थी मगर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। यह निंदनीय है।
यह तर्कसंगत नहीं है: बनर्जी
प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि कानून अपनी राह पर चलेगा लेकिन जिस तरीके से चिदंबरम को गिरफ्तार किया गया, वह ठीक नहीं है। कानूनी मामले पर मुझे कुछ नहीं कहना है, लेकिन चिदंबरम जैसे वरिष्ठ कांग्रेस नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री को गिरफ्तार करने के लिए जो तरीके अपनाए गए, वह किसी भी रूप में तर्कसंगत नहीं हैं। सीबीआइ अधिकारियों की हरकत दुखद और हताशा का परिचायक है। इस मामले पर जिस तरीके से कार्रवाई की जा रही है, उससे लोकतंत्र रो रहा है।
ये सवाल, जो चिदंबरम से सीबीआई ने पूछे
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीबीआई ने बृहस्पतिवार को चिदंबरम से कई सवाल पूछे थे, जिसमें कुछ प्रमुख हैं:
1. आपकी और कार्ति चिदंबरम की मिलाकर कुल कितनी शैल कंपनियां हैं?
2. यूके, स्पेन और मलेशिया में संपत्तियों की खरीद के लिए आपके पास पैसा कहां से आया?
3. कार्ति चिदंबरम को ब्रिटिश वर्जिन आइसलैंड से पैसा क्यों मिला?
4. बार्सिलोना टेनिस क्लब की खरीद के लिए आपके पास पैसा कहां से आया?
5. आपकी जमानत याचिका खारिज होने के बाद आप कहां थे?
6. आप कहां गए थे और इस दौरान आपसे कौन-कौन मिला?
7. आप कौनसा मोबाइल नंबर इस्तेमाल कर रहे थे?
8. आपके प्रॉपर्टी खरीदने का स्रोत क्या था?
9. सीबीआई के नोटिस के बाद भी आप क्यों नहीं पेश हुए?
10. क्या इंद्राणी मुखर्जी के साथ कोई बड़ा पत्रकार आया और आपसे मिला?
हिमाचल विधानसभा से कांग्रेस का वॉक आउट
पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की गिरफ्तारी के विरोध में बृहस्पतिवार को विपक्षी कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा से वॉक आउट कर दिया। सदन में नेता विपक्ष मुकेश अग्निहोत्री की अगुवाई में कांग्रेस विधायकों ने वॉक आउट से पहले नारेबाजी की।
प्रश्नकाल के ठीक बाद अग्निहोत्री ने चिदंबरम की गिरफ्तारी पर सवाल उठाते हुए इसे लोकतंत्र की हत्या करार दिया। वहीं, हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस मामले में केंद्र की भूमिका से इनकार करते हुए कहा, चिदंबरम को हाईकोर्ट से अंतरिम जमानत की अर्जी खारिज होने के बाद ही गिरफ्तार किया गया।
देश का ध्यान भटकाने के लिए चिदंबरम को लेकर झूठा प्रचार
कांग्रेस अपने वरिष्ठ नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री पी.चिदंबरम के समर्थन में दूसरे दिन भी खुलकर सामने आई। पार्टी का कहना है कि मोदी सरकार ने देश का ध्यान अन्य चीजों से भटकाने के लिए प्रोपेगैंडा मशीनरी और कुछ मीडिया की मदद से पी. चिदंबरम को लेकर झूठा प्रचार किया है।
प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला का कहना है कि मौजूदा भाजपा सरकार ने ईडी और सीबीआई को अब व्यक्तिगत बदला लेने वाली एजेंसी में तब्दील कर दिया है। पूर्वाग्रह और व्यक्तिगत बदला लेने के लिए पी.चिदंबरम को गिरफ्तार किया गया है।
सुरजेवाला ने चिदंबरम के मामले से जुड़े कुछ तथ्य पेश कर पार्टी की ओर से उनकी बेगुनाही की दलील पेश की। उन्होंने कहा कि आईएनएक्स मीडिया केस में उन कोई अपराध दर्ज नहीं है। वित्त मंत्री के कुछ अधिकारियों के नाम की चर्चा है कि लेकिन चिदंबरम का उसमें हवाला नहीं है। एजेंसियां पांच साल से जांच करने के बाद भी कोई चार्जशीट दाखिल नहीं कर सकी हैं।
सुरजेवाला ने एक सवाल के जवाब में कहा कि पी चिदंबरम अकेले नहीं हैं। विपक्ष के नेताओं की एक लंबी लिस्ट है जिसमें अखिलेश यादव, सुश्री मायावती, वीरभद्र सिंह, डी के शिव कुमार, भूपेन्द्र सिंह हुड्डा, राज ठाकरे, कमलनाथ जी के पूरे परिवार पर, अहमद पटेल के परिवार पर, रेवंत रेड्डी, पूर्व पीएम देवगौड़ा के बेटे एच डी रेवन्ना, फारुख अब्दुल्ला, शशि थरुर, ममता बनर्जी, गुलाम अहमद मीर, उमर अब्दुल्ला जैसे नेता शामिल है लेकिन एक बड़ी खूबसूरत बात है कि जब कोई भी आरोपी भाजपा में शामिल हो जाता है तो वो गंगा में नहाकर पवित्र हो जाता है।