ई-सिगरेट, निकोटिन फ्लेवर वाले हुक्का पर पाबंदी के लिए अध्यादेश ला सकती है केंद्र सरकार
Hukka Bar - फोटो : bharat rajneeti
खास बातें
- दिल्ली हाईकोर्ट से राहत नहीं मिलने पर उठाया जाएगा कदम
- हाईकोर्ट सरकार के फैसले पर लगा चुकी है अंतरिम रोक
- मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के 75 दिन पूरे हो चुके हैं
- धूम्रपान के विकल्पों पर पाबंदी लगाना सरकार की प्राथमिकता
केंद्र सरकार ई-सिगरेट समेत इलेक्ट्रॉनिक निकोटिन डिलीवरी सिस्टम्स (ईएनडीएस) उत्पादों के निर्माण, बिक्री और आयात पर पाबंदी लगाने के लिए अध्यादेश ला सकती है। हालांकि सरकार इन पर रोक लगाने के लिए अन्य विकल्पों पर भी विचार कर रही है लेकिन यह कदम दिल्ली हाईकोर्ट से राहत नहीं मिलने पर उठाया जाएगा। कोर्ट पहले अपने एक आदेश में ऐसे उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने के सरकार के फैसले पर रोक लगा चुका है।
धूम्रपान के वैकल्पिक उपकरणों जैसे ई-सिगरेट, हीट-नॉट-बर्न डिवाइस, वेप और ई-निकोटिन स्वाद वाले हुक्कों पर पाबंदी लगाना स्वास्थ्य मंत्रालय के 100 दिन के एजेंडे में शीर्ष प्राथमिकताओं में से एक है। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के 75 दिन पूरे हो चुके हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ईएनडीएस डिवाइस के निर्माण, बिक्री, वितरण और आयात पर प्रतिबंध लगाने के लिए हरकत में आया है।
सूत्रों का कहना है कि मंत्रालय इस मुद्दे पर कानूनी राय भी ले रहा है। यदि सरकार अध्यादेश लाती है तो संसद के अगले सत्र में एक बिल लाकर इसे कानूनी जामा पहनाया जाएगा। एक बार संसद से बिल के पारित होने पर ऐसे उत्पादों पर प्रस्तावित पाबंदी को कानूनी शक्ति मिल जाएगी।
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने सभी राज्य सरकारों के औषधि नियंत्रकों को पत्र लिख कर कहा है कि वे ईएनडीएस की बिक्री, निर्माण, वितरण, व्यापार, आयात अथवा विज्ञापन करने की अनुमति नहीं दें। दिल्ली हाईकोर्ट की एकल पीठ ने इसी साल मार्च में केंद्र सरकार के सर्कुलर पर अंतरिम रोक लगा दी थी और कहा था कि ये उत्पाद मादक पदार्थ नहीं हैं और इस प्रकार का आदेश जारी करने का अधिकार अधिकारियों को नहीं है।
केंद्र ने इस फैसले के खिलाफ डिवीजन बेंच में अपील की थी। उसने भी याचिका खारिज कर दी और सरकार को फिर से एकल पीठ के पास जाने का निर्देश दिया। हाल ही में सरकार ने एकल पीठ के सामने जवाबी हलफनामा और आदेश को रद्द करने की याचिका दायर की है। इस मामले की सुनवाई 22 अगस्त को होनी है।
आईसीएमआर ने पूर्ण प्रतिबंध की सिफारिश की
ICMR : bharat rajneeti
शीर्ष रिसर्च संस्था इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने ईएनडीएस पर पूर्ण प्रतिबंध की सिफारिश की थी। उसका कहना है कि यह धूम्रपान न करने वाले लोगों में भी निकोटिन की आदत डाल सकता है।
उसका कहना है कि ई-सिगरेट हृदय प्रणाली पर प्रतिकूल असर डालती है। साथ ही यह सिगरेट के धूम्रपान की तरह श्वसन प्रतिरक्षा सेल फंक्शन और वायुमार्ग को बाधित करती है तथा गंभीर श्वसन रोगों के लिए जिम्मेदार है।
इन राज्यों में पहले से लगी है रोक
पंजाब, कर्नाटक, केरल, बिहार, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, झारखंड, राजस्थान और मिजोरम में पहले से ही ई-सिगरेट, वेप और ई-हुक्का के इस्तेमाल और बिक्री पर रोक लगी हुई है।
25 देशों में पूर्ण प्रतिबंध
ब्राजील, नार्वे और सिंगापुर समेत 25 देशों में ई-सिगरेट की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध है जबकि 17 अन्य देशों में विपणन अनुमति जरूरी है।