खास बातें
- जम्मू-कश्मीर में स्थानीय प्रशासन के आकलन के बाद चरणबद्ध तरीके से दी जाएगी ढील
- कश्मीर पर देश-दुनिया को बड़ा संदेश देने की तैयारी, स्वतंत्रता दिवस पर मोदी करेंगे कई अहम घोषणा
- इसी दिन से सूबे की तीन दिन की यात्रा पर रवाना हो सकते हैं गृह मंत्री अमित शाह
कश्मीर में लगी पाबंदियों का केंद्र सरकार ने बचाव किया है। सरकार का कहना है कि मौजूदा हालात देखते हुए वहां किसी की जान न जाए, इसलिए ये पाबंदियां लगाई गई हैं। एक शीर्ष अफसर ने बताया, लोगों की आवाजाही और संचार पर पाबंदी में चरणबद्ध तरीके से ढील दी जाएगी। अधिकारी ने कहा, स्थानीय प्रशासन के आकलन के बाद ही ये पाबंदी हटाई जाएंगी। उन्होंने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर के जमीनी हालात ठीक होने के बाद ही पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती समेत नेताओं को रिहा किया जाएगा।
वहीं, श्रीनगर में जम्मू-कश्मीर के प्रधान सचिव रोहित कंसल ने कहा कि कई जिलों में 15 अगस्त के ड्रेस रिहर्सल के बाद उम्मीद है कि सुरक्षा बंदोबस्त में कुछ ढील दी जा सकती है। उधर, गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने भी कश्मीर में चरणबद्ध तरीके से ढील देने की बात कही है।
उन्होंने कहा, कश्मीर घाटी से उड़ानों का संचालन सामान्य रूप से हो रहा है। करीब 1500 हल्के वाहनों और दूसरे वाहनों की रोजाना हाईवे पर आवाजाही हो रही है। 13,500 मरीजों का श्रीनगर के कई अस्पतालों में इलाज चल रहा है। रोजाना करीब 100 भारी वाहन एलपीजी सिलिंडर और दूसरी जरूरी वस्तुएं पहुंचा रहे हैं।
बता दें इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कांग्रेस नेता तहसीन पूनावाला की याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार से जम्मू-कश्मीर में कर्फ्यू हटाने, फोन-इंटरनेट और न्यूज चैनल पर लगे प्रतिबंध हटाने को लेकर सवाल किया था। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि राज्य में प्रतिबंध कब तक जारी रहेंगे?
9 अगस्त को बड़े पैमाने पर थी अशांति फैलाने की योजनागृह मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि उपद्रवी तत्वों ने श्रीनगर के बाहरी इलाकों में 9 अगस्त को व्यापक स्तर पर अशांति फैलाने के लिए सुरक्षा बलों पर पत्थर फेंके गए। इसके बावजूद सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों पर गोलियां नहीं चलाईं। यह घटना श्रीनगर के सौरा इलाके में हुई थी। मंत्रालय के प्रवक्ता ने ट्वीट कर बताया कि अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से जम्मू-कश्मीर में एक भी गोली नहीं चली।
दिग्विजय बोले, पीओके समेत जम्मू-कश्मीर हो भारत का अभिन्न अंगवरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने मंगलवार को कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओक) समेत जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग होना चाहिए। हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि कश्मीर में फिर शांति लौट आए। जब उनसे कहा गया कि उनका तो विवादों से नाता रहा है तो दिग्विजय ने दार्शनिक अंदाज में कहा, जो सत्य बोलने वाले को पत्थर भी सहने के लिए तैयार रहना चाहिए। ईसा मसीह को सूली पर चढ़ा दिया गया था, पैगबंर मोहम्मद साहब को विरोध का सामना करना पड़ा था। महात्मा गांधी की हत्या कर दी गई थी, अब्राहम लिंकन को गोली मार दी गई थी और मार्टिन लूथर किंग को भी गोली मार दी गई थी।
स्वतंत्रता दिवस पर मोदी करेंगे कई अहम घोषणा
अनुच्छेद 370 खत्म करने और जम्मू-कश्मीर को दो हिस्सों में बांट कर इन्हें केंद्रशासित प्रदेश बनाने के बाद मोदी सरकार स्वतंत्रता दिवस पर कश्मीर के संदर्भ में देश-दुनिया को बड़ा संदेश देने की तैयारी में है। इस कड़ी में इस दिन गृह मंत्री अमित शाह के कश्मीर घाटी में रहने की संभावना है।
वहीं लालकिला से पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा इस सूबे केलिए कई अहम घोषणा करेंगे। भाजपा ने पहले ही स्वशासित राज्यों के विधानसभाओं में इस फैसले के समर्थन में धन्यवाद प्रस्ताव पारित कराने और राज्य इकाईयों को इस फैसले का व्यापक स्तर पर जश्न मनाने का निर्देश दिया है।
सूत्रों के मुताबिक शाह की 15 से 17 अगस्त तक जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दौरे की रूपरेखा तैयार की जा रही है। माना जा रहा है कि स्वतंत्रता दिवस केदिन शाह कश्मीर में तिरंगा झंडा फहरा सकते हैं। इसके बाद वह लद्दाख का दौरा कर सकते हैं। सूत्रों ने बताया कि शाह का सूबे का दौरा तय है।
इस दौरे के दौरान शाह की गतिविधियों के संबंध में फिलहाल विमर्श का दौर जारी है। यह भी कहा जा रहा है कि स्वतंत्रता दिवस के दिन शाह श्रीनगर के लालचौक पर झंडा फहरा सकते हैं। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई।
दूसरी ओर स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी का भाषण जम्मू-कश्मीर केंद्रित होगा। अपने भाषण में पीएम जम्मू-कश्मीर केलिए कई अहम घोषणा करेंगे। इसमें सूबे के विकास और रोजगार की भावी रूपरेखा की तस्वीर पेश की जाएगी।
इसके अलावा पीएम अपने भाषण में कश्मीर को ले कर पड़ोसी पाकिस्तान को कड़ा संदेश देने के साथ दुनिया को साफ-साफ संदेश देंगे कि भारत को इस मामले में किसी का दखल स्वीकार्य नहीं है।
गौरतलब है कि पार्टी के संगठन स्तर पर जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में महासचिव राममाधव और चुनाव प्रभारी अविनाश खन्ना द्वारा ध्वजारोहन का कार्यक्रम पहले ही तय कर लिया गया है।
संदेश के साथ संवाद का सिलसिला
हालांकि शाह के कश्मीर दौरे की अंतिम रूपरेखा तैयार नहीं हुई है, मगर सूत्रों का कहना है कि सरकार और पार्टी स्तर पर पहले ही खासतौर से कश्मीर केलोगों, संगठनों और विभिन्न समूहों से सीधा संवाद करने पर सहमति बन गई है।
शाह अगर कश्मीर गए तो ध्वजारोहण के अलावा सीधा संवाद का सिलसिला शुरू कर सकते हैं। इसके अलावा अनुच्छेद 370 खत्म करने और जम्मू-कश्मीर को केंद्रशासित राज्य घोषित करने के फैसले केबाद गृह मंत्री का यह सूबे की पहली यात्रा होगी।
लाल चौक पर तिरंगा फहरा सकते हैं शाह
पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह - फोटो : bharat rajneeti
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इस बार जम्मू-कश्मीर में 73वां स्वतंत्रता दिवस मना सकते हैं। बताया जा रहा है कि 14 अगस्त की शाम को शाह श्रीनगर के लिए रवाना होने की योजना बना रहे हैं। यह भी कहा जा रहा है कि अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद इस बार 15 अगस्त के मौके पर श्रीनगर के लाल चौक पर तिरंगा फहराया जाएगा।
इस मौके पर अमित शाह भी मौजूद रहेंगे। बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने भी इसका समर्थन किया है। श्रीनगर के बाद अमित शाह 16 और 17 अगस्त को लद्दाख के दौरे पर रहेंगे।
सेना बोली, हम हर नापाक हरकत के लिए तैयार
सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने मंगलवार को नई दिल्ली में कहा कि भारतीय सेना किसी भी खतरे से निपटने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास पिछले कुछ दिनों से अपनी सैन्य क्षमता में इजाफा कर रहा है। उन्होंने कहा- हर देश किसी भी खतरे को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा के कदम उठाता है।
अगर पाकिस्तान एलओसी पर अतिरिक्त सेना की तैनाती कर रहा है तो इसमें परेशान होने वाली कोई बात नहीं है। जनरल रावत ने कहा, अगर दुश्मन एलओसी पर गतिविधियां चाहता है, तो यह उसकी इच्छा है। एलओसी पर सेना हाई अलर्ट पर है। अगर पाकिस्तान कोई हिमाकत करता है तो उसका करारा जवाब देने के लिए सेना को तैयार रखा गया है।
राहुल बोले, कश्मीर जाने के लिए विमान नहीं, आजादी चाहिए
राहुल गांधी-प्रियंका गांधी वाड्रा (फाइल फोटो) - फोटो : bharat rajneeti
जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक के न्योते को स्वीकार करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को उन्हें जवाब दिया। राहुल ने ट्वीट कर कहा, प्रिय राज्यपाल विपक्षी नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ मैं जम्मू-कश्मीर और लद्दाख आने के आपके निमंत्रण को स्वीकार करता हूं। हमें विमान की जरूरत नहीं है।
बस वहां के लोगों, मुख्यधारा के नेताओं और हमारे सैनिक भाइयों से मिलने की आजादी दीजिए। दअरसल, पिछले हफ्ते राहुल ने कहा था कि घाटी से हिंसक घटनाओं की खबरें आ रही हैं। प्रधानमंत्री को चाहिए कि वे इस मामले को पूरी शांति और पारदर्शिता से देखें। इस पर मलिक ने कहा था, मैंने राहुल को जम्मू-कश्मीर आने के लिए आमंत्रित किया है। मैं उनके लिए विमान भेजूंगा ताकि वे कश्मीर आकर यहां के जमीनी हालात देख सकें।
सरकार ने तोड़ी संविधान की मर्यादा: प्रियंका
वहीं, मंगलवार को यूपी के सोनभद्र पहुंची कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने अनुच्छेद 370 को हटाए जाने पर कहा, जिस तरीके से यह सब किया गया, वह पूरी तरह से असांविधानिक है। यह लोकतंत्र के नियमों के खिलाफ है। ऐसे कार्यों को किए जाने को लेकर कुछ नियम बनाए गए हैं। उनका बिल्कुल पालन नहीं किया गया।
जावड़ेकर बोले, 370 और कश्मीर पर कांग्रेस नेताओं के बयान दिशाहीन
प्रकाश जावड़ेकर : bharat rajneeti
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मंगलवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे पर कांग्रेस से आ रही अलग-अलग आवाजें निराशा, हताशा और दिशाहीन राजनीति को दिखाती हैं। कर्ण सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया, मिलिंद देवड़ा, आरपीएन सिंह और अन्य नेता एक बात कह रहे हैं, जबकि चिदंबरम, मणिशंकर अय्यर दूसरी बात कह रहे हैं।
कांग्रेस पार्टी भ्रमित है और उसका कभी स्पष्ट रुख नहीं रहा है। उन्होंने कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम पर मुद्दे को सांप्रदायिक रंग देने का आरोप लगाते हुए कहा कि अनुच्छेद-370 के तहत मिला विशेष दर्जा खत्म करने के फैसले से जम्मू-कश्मीर के लोग खुश हैं। चिदंबरम ने कहा था कि 370 इसलिए हटाया गया क्योंकि जम्मू-कश्मीर मुस्लिम बहुल है।
जम्मू कश्मीर: स्वतंत्रता दिवस की मुख्य परेड के लिए हर जिले में फुल ड्रेस रिहर्सल आयोजित
स्वतंत्रता दिवस की मुख्य परेड के लिए जम्मू कश्मीर के प्रत्येक जिले में मंगलवार को फुल ड्रेस रिहर्सल का आयोजन किया गया। स्वतंत्रता दिवस समारोह के सुचारु संचालन के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं की गई हैं। सरकारी प्रवक्ता रोहित कंसल ने दावा किया है कि कश्मीर घाटी में चरणबद्ध तरीके से पाबंदियों को कम किया जा रहा है। आवश्यक वस्तुओं, चिकित्सा सुविधाओं की उपलब्धता को सुनिश्चित बनाया गया है। जम्मू संभाग में स्थिति सामान्य हो गई है।
कंसल ने बताया कि अस्पतालों में कुछ ही दिनों में ओपीडी में 13500 मरीजों का इलाज हुआ है, जबकि 1400 को भर्ती किया गया। इस दौरान 600 सर्जरी की गई हैं। घाटी के प्रत्येक अस्पताल में जीवन रक्षक सहित अन्य जरूरी दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। राष्ट्रीय राजमार्ग सामान्य रूप से चल रहा है। एलपीजी और अन्य आवश्यक वस्तुओं को ले जाने वाले 100 भारी वाहन दैनिक आधार पर चल रहे हैं। करीब 1400 से 1500 लाइट मोटर और अन्य वाहन दैनिक आधार पर चल रहे हैं। घाटी से उड़ानें भी सामान्य हैं।