मूक बधिर गीता के लिए 'मां' बनी सुषमा स्वराज, उनके ही प्रयासों से वतन लौट पाई 'भारत की बेटी'
Sushma Swaraj with Geeta - फोटो : bharat rajneeti
खास बातें
- सीमा पार पाकिस्तान में 10 साल से फंसी हुई थी मूकबधिर युवती गीता
- सुषमा के ही प्रयासों से गीता 26 अक्टूबर 2015 को भारत लौट पाई
- स्वराज ने गीता के लिए दूल्हा ढूंढने में भी पूरी दिलचस्पी दिखाई थी
सुषमा स्वराज न केवल अपनी वाक शैली या नेतृत्व क्षमता की वजह से लोकप्रिय रहीं बल्कि देश दुनिया में लोगों की मदद करने की अनंतिम कोशिशों के कारण वह आजीवन लोगों के दिलों पर राज करती रहीं। पाकिस्तान में भटकी मूकबधिर युवती गीता तो याद होगी ही, सुषमा की वजह से ही वह भारत लौट सकी।
गलती से सीमा पार गई गीता 10 साल से पाकिस्तान में फंसी हुई थी। गीता जब 10-11 साल की थीं, तब भारत—पाकिस्तान सीमा के पास पाकिस्तान रेंजर्स को मिली थी। इसके बाद गीता ने 10 साल से ज्यादा वक्त पाकिस्तान में गुजारा, हालांकि अब तक पता नहीं चल सका कि वो सरहद पार करके कैसे पाकिस्तान पहुंची थी।
ये सुषमा के ही प्रयास थे कि वह 26 अक्टूबर 2015 को भारत लौट पाई। सुषमा ने उसे हिंदुस्तान की बेटी कहा। उसके माता-पिता को खोजने के लिए सुषमा स्वराज ने एक लाख रुपये इनाम की घोषणा की। एक समय उन्होंने गीता के लिए दूल्हा ढूंढने में भी पूरी दिलचस्पी दिखाई और उसका घर बसाने के लिए प्रयासरत रहीं।
सुषमा ने गीता के लिए वह सब कुछ किया जो अपनी बेटी के लिए एक मां करती है।
इसके बाद गीता को शिक्षा और कौशल हासिल करने के लिए मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में गूंगे-बहरे बच्चों के एक संस्थान में भेज दिया गया। इंदौर में मूक बधिर बच्चों के लिए काम करने वाले गैर सरकारी संगठन 'आनंद सर्विस सोसायटी' की मदद भी ली गई।
आनंद सर्विस सोसायटी के प्रमुख ज्ञानेंद्र पुरोहित के मुताबिक बीते साल सुषमा स्वराज ने उनसे कहा था कि गीता के लिए कोई लड़का तलाश करें। सुषमा स्वराज ने गीता को उसके माता-पिता से मिलवाने में सहयोग करने के लिए एक लाख रुपए इनाम की घोषणा की।
सुषमा ने एक वीडियो अपील में कहा कि किसी लड़की को उसके माता-पिता से मिलवाने से बेहतर काम कुछ नहीं हो सकता। उन्होंने लोगों से अपील की कि करीब 12 वर्ष पहले लापता गीता के परिवार के बारे में जानने वाले लोग आगे आएं।