
इस पूरे प्रकरण में एक ऐसे नेता भी शामिल रहे हैं, जो विद्यार्थी परिषद से राजनीतिक पारी शुरू करके मजबूत ओहदे पर बैठे हैं। उन्होंने कहा इस पूरे मामले में जिले के एक कद्दावर नेता नेतृत्व कर रहे थे। इस मामले से उनकी दिनचर्या पर कोई असर नहीं पड़ा। उनसे मिलने के लिए सोमवार को 50 साधु-संत आए और कहा कि वह पूरी तरह से उनके साथ हैं। स्वामी ने कहा कि किसी भी राजनीतिक दल ने उनके खिलाफ कोई बयानबाजी नहीं की। केवल कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने एक बार उनके खिलाफ बयान देते हुए उन्हें कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की, लेकिन जब उन्हें पता चला कि उनके खिलाफ षड्यंत्र रचा जा रहा है तो वह पीछे हट गईं।
उन्होंने उम्मीद जताई कि जांच में वह पूरी तरह से बेदाग साबित होंगे। षड्यंत्रकारी भी बेनकाब होंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद थी, जो भी कोर्ट से निर्देश मिलेंगे, उसमें न्याय ही होगा। स्वामी चिन्मयानंद ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर प्रदेश सरकार की ओर से गठित की जाने वाली एसआईटी उनसे पांच करोड़ रुपये की रंगदारी मांगे जाने व छात्रा के अपहरण के मामले की जांच एक साथ ही करेगी, ताकि सच्चाई सामने आ सके।
स्वामी चिन्मयानंद ने बताया कि वह मंगलवार शाम तक शाहजहांपुर पहुंचेंगे। वहीं उनके समर्थकों को भी उनके आने का इंतजार है। उम्मीद है कि स्वामी अपने ऊपर लगे आरोपों पर खुलकर बोलेंगे। दरअसल एलएलएम की छात्रा के वीडियो वायरल करने के बाद से स्वामी की ओर से अपनी सफाई में किसी तरह की कोई बात नहीं कही गई। जब भी लोगों ने उनसे बात करने की कोशिश की तो कहा गया कि वह मौन व्रत में हैं। उनके आने का स्वामी समर्थकों को इंतजार है।