डेंगू का खौफ से वेल्हम ब्वॉयज स्कूल में छुट्टी, 20 सितंबर तक स्कूल रहेगा बंद
प्रतीकात्मक : bharat rajneeti
डेंगू के खौफ के चलते वेल्हम ब्वॉयज स्कूल ने 20 सितंबर तक स्कूल में छुट्टी घोषित कर दी है। सभी बच्चे अभिभावकों के साथ अपने-अपने घर लौट गए हैं। हाल ही में डालनवाला स्थित वेल्हम ब्वॉयज स्कूल में डेंगू के दो संदिग्ध मरीज सामने आए थे। बच्चों को डेंगू होने की सूचना अभिभावकों तक पहुंची। उसके बाद अभिभावक अपने-अपने बच्चों को घर ले जाने की मांग करने लगे। इस पर स्कूल प्रशासन ने छुट्टियां घोषित कर दीं। अब 21 सितंबर को स्कूल खुलेगा। स्कूल में डेंगू का लार्वा खत्म करने के लिए व्यापक स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है।
डेंगू तेजी से फैल रहा है। शहर के किसी अस्पताल में भर्ती के लिए जगह नहीं बची है। डर था कि कहीं किसी बच्चे को दिक्कत हो गई तो क्या करेंगे? उधर, अभिभावक भी लगातार बच्चों को ले जाने की मांग कर रहे थे। छात्रहित में छुट्टियां घोषित की गई हैं। -गुनमीत बिंद्रा, प्रिंसिपल, वेल्हम ब्वॉयज स्कूल
सीबीएसई ने भी किया सतर्क
लगातार फैल रहे डेंगू के बीच सीबीएसई ने भी सभी स्कूलों को सतर्क किया है। सीबीएसई के क्षेत्रीय अधिकारी रणबीर सिंह ने बताया कि इस संबंध में सभी स्कूलों को एडवाइजरी जारी कर दी गई है। कहा गया है कि वह निगम की मदद से स्कूल परिसर में जल्द से जल्द फॉगिंग कराएं। संदिग्ध सामने आने पर गंभीरता से लें।
मौसम के साथ बदल गया डेंगू मच्छर का मिजाज
मौसम के साथ ही डेंगू मच्छर का मिजाज भी बदल गया है। इसी वजह से इस साल डेंगू ने खतरनाक रूप ले लिया है। विशेषज्ञों ने अध्ययन में पाया है कि न केवल डेंगू के मच्छर का लार्वा पहले से ज्यादा खतरनाक हो गया है बल्कि इसका वायरस भी घातक हो गया है।
बृहस्पतिवार को एनएचएम के तहत केंद्र से आई विशेषज्ञों की टीम ने कार्यशाला में कम बारिश और मच्छर की बदलती हुई प्रकृति के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि जगह-जगह पानी जमा है। यह स्थिति डेंगू मच्छर के लार्वा को पनपने के अनुकूल होती है। जबकि लगातार तेज बारिश होने से लार्वा बहकर नष्ट हो जाता है। इसके अलावा डेंगू का वायरस एक निर्धारित समय के बाद अपनी प्रकृति बदलता है।
इस बार इस वायरस की प्रकृति बदल गई है। इससे वायरस और प्रबल और पहले की तुलना में ज्यादा खतरनाक होने लगता है। कार्यशाला में निदेशक एनएचएम डॉ. अंजली नौटियाल, सीएमओ डॉ. एसके गुप्ता, एसीएमओ डॉ. एनके त्यागी, डॉ. पंकज, सीएमएस डॉ. बीसी रमोला, डॉ. एनएस बिष्ट, डॉ. एलएम उप्रेती, डॉ. प्रवीन पंवार, डॉ. पीएस रावत, जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण अधिकारी सुभाष जोशी मौजूद रहे।
स्ट्रेन वन सीरोटाइप ने मचाया हाहाकार
इस बार डेंगू का स्ट्रेन वन सीरोटाइप वायरस फैला हुआ है। यह वायरस तेजी से लोगों को अपनी चपेट में लेता है। कम बारिश होने की वजह से लार्वा बहुत ज्यादा पनप गया। इस वायरस में कई बार प्लेटलेट्स ज्यादा नीचे पहुंचने पर भी रक्तस्त्राव की समस्या नहीं होती। जिस वजह से यह जानलेवा भी हो जाता है।
डरें नहीं, ओआरएस व पानी पीते रहें
विशेषज्ञों ने कहा कि डेंगू से डरने की जरूरत नहीं है। इसकी जल्द पहचान कर उपचार कराने की अपील की। डेंगू के मरीजों को पानी और ओआरएस का घोल ज्यादा से ज्यादा पिलाना चाहिए। खतरे के लक्षण होने पर मरीज को तुरंत भर्ती कर ड्रिप के माध्यम से ठीक किया जाता है। बुखार को कम करने के लिए पैरासिटामोल लेना चाहिए।
एनएचएम टीम ने किया अस्पतालों का निरीक्षण
विशेषज्ञ डॉ. घनश्याम पांगती, डॉ. आशुतोष विश्वास और डॉ. अमित कटेवा की टीम ने सुबह सरकारी अस्पताल दून अस्पताल, कोरोनेशन अस्पताल, गांधी शताब्दी अस्पताल के अलावा निजी कैलाश अस्पताल का भी निरीक्षण किया। जहां टीम ने डेंगू वार्डों की स्थिति देखी और मरीजों से बातचीत की। साथ ही डाक्टरों से उपचार के बारे में जानकारी ली।