मोदी 2.0: सरकार के 100 दिन, 10 फैसलों ने बदल दी तस्वीर
खास बातें
- सरकार ने पहले सौ दिनों में ताबड़तोड़ फैसले लिए।
- आर्थिक मोर्चे पर कौशल की परीक्षा होनी है।
- इन फैसलों ने देश की तस्वीर बदल दी है।
मोदी 2.0 के दूसरे कार्यकाल ने जता दिया है कि राजनीतिक इच्छाशक्ति वाली सरकार अपने फैसलों से कैसे राजनीति की दशा-दिशा बदल सकती है। सरकार ने पहले सौ दिनों में ताबड़तोड़ फैसलों से इरादों का संकेत दिया। अब आर्थिक मोर्चे पर कौशल की परीक्षा होनी है...समय ही दिखाएगा कि वह उम्मीदों पर कितनी खरी उतरती है।
10 फैसलों ने बदल दी तस्वीर
भारतीय संसदीय राजनीति का इतिहास गवाह है, सत्तारूढ़ दल अपना आधा कार्यकाल बीतने के बाद ऐसे मुद्दों पर हाथ डालते हैं, जिनसे उनके प्रति जनता में सकारात्मक धारणा मजबूत हो। अमूमन सत्तारूढ़ दल अपने कार्यकाल के अंतिम साल में चुनावी मोड में आते दिखते हैं। इस सबसे उलट मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में संसदीय राजनीति से जुड़ी इस धारणा को ध्वस्त कर दिया है। महज 100 दिनों में सरकार ने ऐसे-ऐसे फैसले किए हैं, जिसे चुनावी दृष्टि से लोकलुभावन, सुशासन की दृष्टि से कठोर और विचारधारा की दृष्टि से प्रतिबद्धता के चरम स्वरूप में देखा-परखा जा सकता है। इन दस फैसलों ने देश की राजनीति को सहसा हैरान करके रख दिया।
अनुच्छेद 370 और 35 ए
किसी को भी यह यकीन नहीं था कि भाजपा के मूल एजेंडे से जुड़े अनुच्छेद 370 और 35ए को सरकार इतनी जल्दी और इतनी आसानी से खत्म कर पाएगी। हालांकि कश्मीर घाटी में गहमागहमी के बीच कुछ चर्चाएं अनुच्छेद 35 ए को निरस्त करने की चल रही थी।
पांच अगस्त को अचानक... दुनिया ने जाना कि जम्मू-कश्मीर से न सिर्फ अनुच्छेद 370 और 35 ए खत्म हुए हैं, बल्कि केंद्र ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के रूप में दो नए केंद्रशासित प्रदेशों को भी जन्म दे दिया है। हालांकि खुद नेहरू ने कहा था कि अनुच्छेद 370 घिसते-घिसते पूरी तरह घिस जाएगा, मगर इसके छह दशक बाद तक किसी भी सरकार ने इसे खत्म करने का साहस नहीं दिखाया था।
पांच अगस्त को अचानक... दुनिया ने जाना कि जम्मू-कश्मीर से न सिर्फ अनुच्छेद 370 और 35 ए खत्म हुए हैं, बल्कि केंद्र ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के रूप में दो नए केंद्रशासित प्रदेशों को भी जन्म दे दिया है। हालांकि खुद नेहरू ने कहा था कि अनुच्छेद 370 घिसते-घिसते पूरी तरह घिस जाएगा, मगर इसके छह दशक बाद तक किसी भी सरकार ने इसे खत्म करने का साहस नहीं दिखाया था।
तीन तलाक से मुक्ति
राज्यसभा में बहुमत न होने के कारण माना जा रहा था कि सरकार अपने पहले कार्यकाल की तरह ही तीन तलाक को दंडनीय अपराध बनाने वाले बिल को महज फिर पेश करके सियासी बढ़त हासिल करने की कोशिश करेगी।
चौंकाया... राज्यसभा में बहुमत का जुगाड़ करने के बाद मुस्लिम महिला विवाह संरक्षण बिल को पारित करा कर सरकार ने सबको चौंका दिया। दरअसल, 80 के दशक से ही शाहबानो प्रकरण पर मचे सियासी घमासान के बाद कानून में बदलाव की जरूरत महसूस की जा रही थी। तब राजीव सरकार पर शाहबानो से जुड़ा सुप्रीम कोर्ट का फैसला पलटने पर तुष्टिकरण की राजनीति के आरोप लगे थे।
चौंकाया... राज्यसभा में बहुमत का जुगाड़ करने के बाद मुस्लिम महिला विवाह संरक्षण बिल को पारित करा कर सरकार ने सबको चौंका दिया। दरअसल, 80 के दशक से ही शाहबानो प्रकरण पर मचे सियासी घमासान के बाद कानून में बदलाव की जरूरत महसूस की जा रही थी। तब राजीव सरकार पर शाहबानो से जुड़ा सुप्रीम कोर्ट का फैसला पलटने पर तुष्टिकरण की राजनीति के आरोप लगे थे।
खेती-किसानी को सौगात
चुनाव पूर्व सरकार ने किसानों के एक वर्ग को किसान सम्मान योजना के तहत प्रतिवर्ष 6000 रुपये की नकद राशि की व्यवस्था की थी। तब किसी ने सोचा भी नहीं था कि चुनाव के तत्काल बाद इसके दायरे में सभी 15 करोड़ किसान आ जाएंगे।
नई सरकार ने कैबिनेट की पहली ही बैठक में ऐसा कर दिखाया। साथ ही किसानों की आय बढ़ाने के लिए 14 सूत्रीय रोडमैप और पेंशन की भी घोषणा की।
नई सरकार ने कैबिनेट की पहली ही बैठक में ऐसा कर दिखाया। साथ ही किसानों की आय बढ़ाने के लिए 14 सूत्रीय रोडमैप और पेंशन की भी घोषणा की।
सुरक्षित सफर के लिए सख्ती
देश में हर साल डेढ़ लाख लोगाें की सड़क हादसों में मौत होती है। इसके लिए लचर कानून को जिम्मेदार माना जाता रहा है। मोदी सरकार ने सुरक्षित सफर के लिए सख्ती भी दिखाई। एक सिंतबर से मोटर वाहन संशोधन कानून लागू कर ट्रैफिक नियम को बेहद सख्त बनाया। जुर्माने के साथ जेल की सजा भी बढ़ाई।
आतंकवाद पर चोट
सरकार ने गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून यानी यूएपीए में संशोधन कर इसे बेहद सख्त बनाया। इसके तहत जांच एजेंसियों को न केवल संस्थाओं बल्कि किसी व्यक्ति को भी आतंकी घोषित करने, संपत्ति जब्त करने समेत कई व्यापक अधिकार दिए गए हैं। आतंकवादियों के लिए अदालत से जमानत पाना आसान नहीं होगा। नए कानून के तहत मसूद अजहर, लखवी, दाउद, हाफिज को आतंकवादी घोषित किया गया है।
10 बैंकों का महाविलय
सरकार ने व्यापक आर्थिक सुधारों की कड़ी में 10 बड़े बैंकों का विलय करके उन्हें 4 मेगा बैंकों का आकार दे दिया है। इसके साथ ही देश में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की संख्या 18 से घट कर 12 रह गई।
हर घर नल योजना
पहले कार्यकाल में हर घर गैस, हर घर बिजली के बाद दूसरे कार्यकाल में सरकार ने 2022 तक हर घर में नल का वादा किया। इसके लिए अलग से जलशक्ति मंत्रालय का गठन किया गया। जल जीवन मिशन के तहत 2024 तक 3.5 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाने की योजना है।
50 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था
मंदी की आहट के बीच सरकार ने 50 खरब डॉलर की अर्थव्यवथा का लक्ष्य रखा। खुद पीएम ने लालकिले से स्वतंत्रता दिवस पर यह लक्ष्य निर्धारित करते हुए इसे हर हाल में हासिल करने का भरोसा दिया।
बदली संसद की कार्यसंस्कृति
शोर-शराबे और हंगामे का पर्याय बनती जा रही संसद को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में नई पहचान मिली। एक ही सत्र में 36 अहम बिल पारित हुए। काम करने का समय आश्चर्यजनक रूप से 130 फीसदी के आसपास रहा। कई बैठकें देर रात तक चलीं, जिसने 60 के दशक की संसद की याद दिलाई।
क्लीन इंडिया के बाद फिट इंडिया
पहले कार्यकाल में सरकार ने स्वच्छ भारत अभियान चलाया था। इसका व्यापक असर देश और दुनिया ने महसूस किया। इस बार पहले ही 100 दिनों में सरकार ने तीन अहम अभियान चलाने की घोषणा की थी। खेल दिवस पर... पीएम ने क्लीन इंडिया की तर्ज पर फिट इंडिया अभियान के अलावा कुपोषण और प्लास्टिक के खिलाफ अभियान की शुरुआत की। पीएम खासतौर पर प्लास्टिक के खिलाफ अभियान को स्वच्छ भारत अभियान की तर्ज पर सफल बनाने के लिए तत्पर है।