यूपी कांग्रेस: 41 की मुख्य कमेटी पर कहीं भारी न पड़े 26 अनुभवी सलाहकार

खास बातें
पूर्वांचल से पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण कुमार सिंह मुन्ना, पूर्व सांसद संतोष सिंह, कौशाम्बी से रामयज्ञ द्विवेदी, गाजियाबाद से केके शर्मा, बुंदेलखंड से विनोद चतुर्वेदी, इटावा से सत्यदेव त्रिपाठी, सीतापुर से अम्मार रिजवी, कानपुर देहात से नेकचंद्र पांडेय, लखनऊ से नसीब पठान, कानपुर के हाफिज मोहम्मद उमर, बाराबंकी के राम कृष्ण द्विवेदी जैसे बहुत से नाम हैं जो प्रियंका के आने के बाद इंतजार में थे।
पार्टी में विवाद की संभावना प्रियंका के नेतृत्व में काम करने वाली सलाहकार परिषद और रणनीति योजना बनाने वाले नेताओं की टीम में भी है। कांग्रेस के पुराने नेताओं के साथ प्रियंका ने दूसरे दलों से आए कई नेताओं को भी शामिल किया है। ऐसे में इतने सलाहकारों को किसी एक मसौदे पर तैयार कराना भी प्रियंका के लिए चुनौती बनेगी। प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में शामिल रहे जितिन प्रसाद को रणनीति और योजना के लिए बनी आठ नेताओं की कमेटी में रखा गया है।
ऐसे में जितिन प्रसाद की रणनीति और योजना पर लल्लू को काम कराना प्रियंका की चुनौती होगी। वहीं राज्य के नेताओं, जिनके नाम से अभी तक इलाकों में पार्टी की पहचान जुड़ी रही है उन्हें क्षेत्र में नई टीम से अपने वर्चस्व को बचाने की जंग लड़नी होगी। प्रियंका ने क्षेत्रीय संतुलन तो बैठाया है, लेकिन जातिगत समीकरण में ब्राह्मण नेता अपनी हिस्सेदारी सवर्णों के साथ जोड़े जाने पर खुद को उपेक्षित मान रहे हैं।