
इससे पहले दोनों देशों के बीच बुधवार को इस समझौते को लेकर घोषणा की जानी थी, लेकिन तारीखों पर सहमति नहीं बन पाई थी। ऐसे में गुरुवार 24 अक्तूबर को दोनों पक्षों ने मुलाकात कर समझौता मसौदे पर हस्ताक्षर कर दिए। वहीं भारत अभी भी पाकिस्तान की ओर से श्रद्धालुओं से 20 डॉलर लेने के मसौदे पर सहमत नहीं है।
हालांकि भारत के विरोध जताने के बाद भी पाकिस्तान श्रद्धालुओं से शुल्क वसूलेगा। वहीं भारत ने तीर्थयात्रियों की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हुए समझौते पर हस्ताक्षर करने का फैसला किया है। बता दें कि करतारपुर कॉरिडोर के लिए श्रद्धालुओं का पहला जत्था पांच नवंबर और दूसरा जत्था छह नवंबर को सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव की जयंती पर भारत से रवाना होगा।
करतारपुर कॉरिडोर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए यह होंगी सुविधाएं
गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव एससीएल दास ने कहा है कि इस समझौते पर हस्ताक्षर के साथ, करतारपुर साहिब कॉरिडोर के संचालन के लिए एक औपचारिक रूपरेखा तैयार की गई है। उन्होंने कहा कि सभी धर्मों के भारतीय तीर्थयात्री और भारतीय मूल के व्यक्ति करतारपुर कॉरिडोर का उपयोग कर सकते हैं। यात्रा वीजा मुक्त होगी। तीर्थयात्रियों को केवल एक वैध पासपोर्ट ले जाने की आवश्यकता है।दास ने कहा कि कॉरिडोर सुबह से शाम तक खुला रहेगा। सुबह यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों को उसी दिन वापस लौटना होगा। अधिसूचित दिनों को छोड़कर, कॉरिडोर पूरे साल चालू होगा। उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं के रजिस्ट्रेशन के लिए आज से ऑनलाइन पोर्टल की शुरुआत हो गई है।
दास ने आगे कहा कि हमारी ओर से, राजमार्ग और यात्री टर्मिनल भवन सहित सभी आवश्यक बुनियादी ढांचे गलियारे के समय पर उद्घाटन के लिए पूरा होने वाले हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान पक्ष गुरुद्वारा परिसर में 'लंगर' और 'प्रसाद' के वितरण के लिए पर्याप्त प्रावधान करने पर सहमत हो गया है।