सीवीसी को तीन मामलों में मिली थी पूर्व सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा की गलत भूमिका - Bharat news, bharat rajniti news, uttar pradesh news, India news in hindi, today varanasi newsIndia News (भारत समाचार): India News,world news, India Latest And Breaking News, United states of amerika, united kingdom

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शनिवार, 12 अक्तूबर 2019

सीवीसी को तीन मामलों में मिली थी पूर्व सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा की गलत भूमिका

सीवीसी को तीन मामलों में मिली थी पूर्व सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा की गलत भूमिका

आलोक वर्मा (फाइल फोटो)
आलोक वर्मा (फाइल फोटो) - फोटो : bharat rajneeti
केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने पिछले साल सीबीआई के पूर्व निदेशक आलोक कुमार वर्मा की भूमिका को तीन मामलों में गलत पाया था। जिसमें मांस निर्यातक मोईन कुरैशी मामले को कमजोर करने के लिए सीबीआई अधिकारियों को घूस देना, आईआरसीटीसी घोटाले की एफआईआर से एक मुख्य संदिग्ध का नाम हटाने और दागदार छवि वाले अधिकारियों को एजेंसी में भर्ती करना शामिल है।  सीवीसी की इस रिपोर्ट को अबतक जारी नहीं किया गया है। इसी रिपोर्ट के आधार पर वर्मा को सीबीआई से हटाने का फैसला लिया गया था। उच्चतम न्यायालय ने पूर्व न्यायाधीश एके पटनायक की निगरानी में आलोक वर्मा के खिलाफ सीवीसी को जांच का आदेश दिया था। वर्मा पर तत्कालीन विशेष निदेशक राकेश अस्थाना ने 10 आरोप लगाए थे जिसके बाद जांच के आदेश दिए गए थे।

कैबिनेट सचिव को 24 अगस्त, 2018 को लिखे पत्र में अस्थाना ने इनकी विस्तार से जानकारी दी थी। आलोक वर्मा पर लगे आरोप इतने गंभीर थे कि सीवीसी को पिछले साल 23 अक्तूबर को एक आदेश पारित करना पड़ा था। जिसमें सीबीआई निदेशक के तौर पर उन्हें मिली सभी शक्तियों, कार्यों और कर्तव्यों को वापस ले लिया गया था। उस समय अस्थाना की ओर से वर्मा और वर्मा की ओर से अस्थाना पर लगाए गए आरोपों ने एजेंसी को दो हिस्सों में बांट दिया था। जिसके बाद सरकार ने दोनों को सीबीआई से हटा दिया था।

सीबीआई के निदेशक पद से हटाने के बाद वर्मा को होमगार्ड का महानिदेशक बनाया गया था। हालांकि उन्होंने कार्यभार संभालने से मना कर दिया और अपने पद से इस्तीफा दे दिया। वहीं अस्थाना को नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो भेज दिया गया था। वह वर्तमान में नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के प्रणुख हैं। सीवीसी की रिपोर्ट मिलने के बाद मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने आठ जनवरी को सीवीसी के 23 अक्तबूर को पास किए आदेश को खारिज करते हुए वर्मा को केवल रूटीन ड्यूटी करने की इजाजत दी थी।

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