पीयूष गोयल ने नोबेल विजेता अभिजीत बनर्जी को दी बधाई - Bharat news, bharat rajniti news, uttar pradesh news, India news in hindi, today varanasi newsIndia News (भारत समाचार): India News,world news, India Latest And Breaking News, United states of amerika, united kingdom

.

अन्य विधानसभा क्षेत्र

बेहट नकुड़ सहारनपुर नगर सहारनपुर देवबंद रामपुर मनिहारन गंगोह कैराना थानाभवन शामली बुढ़ाना चरथावल पुरकाजी मुजफ्फरनगर खतौली मीरापुर नजीबाबाद नगीना बढ़ापुर धामपुर नहटौर बिजनौर चांदपुर नूरपुर कांठ ठाकुरद्वारा मुरादाबाद ग्रामीण कुंदरकी मुरादाबाद नगर बिलारी चंदौसी असमोली संभल स्वार चमरौआ बिलासपुर रामपुर मिलक धनौरा नौगावां सादात

शुक्रवार, 18 अक्तूबर 2019

पीयूष गोयल ने नोबेल विजेता अभिजीत बनर्जी को दी बधाई

पीयूष गोयल ने नोबेल विजेता अभिजीत बनर्जी को दी बधाई

रेल मंत्री पीयूष गोयल ने अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अभिजीत बनर्जी जी को नोबेल पुरस्कार मिला मैं उनको बधाई देता हूं।

पीयूष गोयल ने कहा कि लेकिन उनकी समझ के बारे में आप सब जानते हैं। उनकी जो सोच है वह वामपंथ से प्रेरित हैं। उन्होंने न्याय (कांग्रेस की योजना) के गुणगान गाए थे। भारत की जनता ने उनकी सोच को पूरी तरह से खारिज कर दिया। 

कांग्रेस की न्याय स्कीम में अभिजीत बनर्जी का था दिमाग

बताया जा रहा है कि लोकसभा चुनावों में कांग्रेस गरीबी हटाने की जिस बहुप्रचारित और चर्चित 'न्याय' स्कीम को लेकर मैदान में उतरी थी उसे तैयार करने और तानाबाना बुनने में अभिजीत बनर्जी का भी दिमाग लगा था। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि पार्टी ने घोषणापत्र तैयार करने में कुछ बड़े अर्थशास्त्रियों की राय और मदद ली थी जिसमें अभिजीत भी प्रमुख सलाहकारों में थे। गरीब परिवारों को प्रति माह छह हजार रुपए देने का सुझाव उनका ही था। ताकि गांवों में भी गरीब खरीदारी करे और अर्थव्यवस्था में तेजी आए। अभिजीत ने नोटबंदी को लेकर भी अर्थव्यवस्था में नुकसान की बात कही थी।

'वैश्विक गरीबी खत्म करने के प्रयोग के लिए दिया गया नोबेलभारतीय मूल के अभिजीत बनर्जी के साथ उनकी पत्नी एस्थर डफ्लो और माइकल क्रेमर को भी उस पुरुस्कार दिया गया है। यह पुरस्कार उनके द्वारा किए गए शोध 'वैश्विक गरीबी खत्म करने के प्रयोग' के लिए दिया गया।

कोलकाता में 21 फरवरी 1961 को अभिजीत का जन्म हुआ था। अभिजीत विनायक बनर्जी को बचपन से ही गरीबी परेशान करती थी। वे अपने अर्थशास्त्री पिता डा. दीपक बनर्जी और अर्थशास्त्री डा. निर्मला से इस बार में सवाल पूछते रहते थे।

बता दें, वर्तमान में अभिजीत बनर्जी मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी में प्रोफेसर हैं। वहां वे स्टूडेंट्स को में अर्थशास्त्र पढ़ाते हैं। अगर उनकी शिक्षा से जुडी सभी न्यूज़ की बात करें तो 1981 में बीएससी की डिग्री कोलकाता यूनिवर्सिटी से लेने के बाद उन्होंने 1983 में जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) से एमए की पढाई संपन्न की। उसके बाद अभिजीत बनर्जी ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पीएचडी भी की। वह और उनकी पत्नी डफ्लो अब्दुल लतीफ जमील पॉवर्टी ऐक्शन लैब के सह-संस्थापक भी हैं।

अभिजीत को किताबें पढ़ने व लिखने का है शौकअभिजीत को किताबें पढ़ने व लिखने का बेहद शौक है। उन्होंने अर्थशास्त्र पर कई किताबें लिखी हैं। अभिजीत ने पूअर इकोनॉमिक्सः ए रेडिकल रीथीकिंग ऑफ द वे टू फाइट ग्लोबल पॉवर्टी नामक पुस्तक 2011 में लिखी थी, जसके कारण वे चर्चा में आए और उन्हें प्रसिद्धी हासिल हुई। बता दें कि वोलाटिलिटी एंड ग्रोथ के नाम से सन् 2005 में इनकी पहली किताब मार्केट में आई। उसके बाद उन्होंने कुल सात किताबें और लिखी हैं।

Loan calculator for Instant Online Loan, Home Loan, Personal Loan, Credit Card Loan, Education loan

Loan Calculator

Amount
Interest Rate
Tenure (in months)

Loan EMI

123

Total Interest Payable

1234

Total Amount

12345