
रावत ने कहा, 'उनपर बहुत दबाव है। उन्हें कार्रवाई करनी होगी। हम चाहते हैं कि वह शांति बहाल करने की दिशा में काम करें। ग्रे लिस्ट में होना किसी भी देश की नाकामयाबी है।' एफएटीएफ एक अंतरराष्ट्रीय संस्था है जो आतंकी फंडिंग पर नजर रखती है। उसने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए आतंकी फंडिंग को रोकने के लिए फरवरी तक का समय दिया है। यदि वह ऐसा नहीं करता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
यदि अंतरराष्ट्रीय संस्था पाकिस्तान पर कड़े प्रतिबंध और उसके वित्तीय लेनदेन की जांच करती है तो इससे वहां होने वाला निवेश और व्यापार प्रभावित होगा। एफएटीएफ ने पाकिस्तान के लिए 10 कदमों को सूचीबद्ध किया है जिसके जरिए वह आतंक रोधी वित्तपोषण, वैश्विक आतंकी जैसे कि लश्कर-ए-तैयबा का सरगना हाफिज सईद और जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगा।
बता दें कि आतंकी फंडिंग रोकने में नाकाम रहे पाकिस्तान को एफएटीएफ ने अंतिम अल्टीमेटम दिया है। एफएटीएफ का कहना है कि यदि चार महीने में आतंकवाद को मदद देना बंद नहीं किया तो गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे। एफएटीएफ ने पांच दिन की बैठक के बाद शुक्रवार को पाकिस्तान को अगले चार महीने तक ग्रे सूची में बरकरार रखने की घोषणा की है।
साथ ही आगाह किया कि अगर पाकिस्तान ने आतंकवाद के खिलाफ एफएटीएफ द्वारा तय 27 मानकों को पूरा नहीं किया तो उसके खिलाफ सख्त कदम उठाया जाएगा। गौरतलब है कि पाकिस्तान अब तक 5 मानक ही पूरे कर पाया है।
एफएटीएफ अध्यक्ष जियांगमिन लियू ने कहा, हमने पाया है कि पाकिस्तान एक बार फिर आतंक के खिलाफ पर्याप्त कार्रवाई करने में विफल रहा। उसे इस मामले में और तेजी दिखानी होगी। इस बीच हमने तय किया है कि पाकिस्तान को चार महीने की अंतिम मोहलत दी जाए। अगर इस बार उसने सभी मानकों को पूरा करते हुए कार्रवाई नहीं की तो उसे काली सूची में डाल दिया जाएगा। एफएटीएफ की ओर से पाकिस्तान को यह अंतिम मौका दिया जा रहा है।