त्योहार के मौसम में बिगड़ने लगी है दिल्ली-एनसीआर की आबोहवा - Bharat news, bharat rajniti news, uttar pradesh news, India news in hindi, today varanasi newsIndia News (भारत समाचार): India News,world news, India Latest And Breaking News, United states of amerika, united kingdom

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बुधवार, 9 अक्तूबर 2019

त्योहार के मौसम में बिगड़ने लगी है दिल्ली-एनसीआर की आबोहवा

त्योहार के मौसम में बिगड़ने लगी है दिल्ली-एनसीआर की आबोहवा

दिल्ली वायु प्रदूषण
दिल्ली वायु प्रदूषण - फोटो : bharat rajneeti
त्योहारी सीजन और पड़ोसी राज्यों के पराली के धुएं का असर दिल्ली-एनसीआर की आबोहवा पर पड़ने लगा है। अक्तूबर माह की शुरुआत में ही इस क्षेत्र की हवा की गुणवत्ता धीरे-धीरे खराब होने लगी है।  दिल्ली और एनसीआर में अभी वायु गुणवत्ता सूचकांक की सुई संतोषजनक और औसत दर्जे के बीच घूम रही है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़े बताते हैं कि बीते माह की तुलना में गुरुग्राम को छोड़कर दिल्ली समेत एनसीआर के दूसरे शहरों में हवा की गुणवत्ता में तेजी से गिरावट दर्ज की गई है।

सीपीसीबी के आंकड़ों के मुताबिक इस माह के आठ दिनों में सिर्फ गुरूग्राम का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एआईक्यू) संतोषजनक स्तर पर था। जबकि पिछले माह शहर की गुणवत्ता 24 दिन संतोषजनक थी। जबकि छह दिनों तक अच्छी स्तर पर रही। 

दूसरी तरफ दिल्ली के आठ दिनों में एआईक्यू का स्तर तीन दिन तक संतोषजनक और पांच दिन औसत दर्जे का रहा। इसके पिछले महीने में दिल्ली का एआईक्यू 16 दिन संतोषजनक और 14 दिन औसत दर्ज की गई। 

आंकड़े बताते हैं कि इस माह गाजियाबाद में दो दिन एआईक्यू का स्तर संतोषजनक व 6 दिन औसत दर्जे का था। जबकि नोएडा व ग्रेटर नोएडा में एक दिन के अलावा बाकी सात दिन एआईक्यू औसत दर्जे पर रहा। पिछले महीने गाजियाबाद में 22 व नोएडा में 21 दिन सूचकांक संतोषजनक स्तर पर था। इस दौरान तीन दिन तक  नोएडा की हवा अच्छी भी थी।

विशेषज्ञों की राय, आने वाले वक्त रहेगा चुनौती भरा
विशेषज्ञों का कहना है कि बारिश के साथ मौसमी दशाओं से सितंबर माह में हवा की गुणवत्ता बेहतर थी। इकोस्फेयर के प्रशांत गुंजन बताते हैं कि हरियाणा और पंजाब में अब पराली जलना शुरू हो गया है। तापमान में भी कमी आई है। इससे दिल्ली-एनसीआर की हवा की गुणवत्ता खराब हो रही है।

आने वाले महीने सरकारों के सामने चुनौती भरे होंगे। जबकि सीएसई की कार्यकारी निदेशक अनुमिता राय चौधरी बताती हैं कि मानसूनी बारिश के अलावा कोयले की संयंत्रों को बंद होने, खराब ईंधन के इस्तेमाल पर पाबंदी समेत निगरानी तंत्र के मजबूत होने से पिछले महीने वायु प्रदूषण की गुणवत्ता में सुधार आया था। हालांकि, जिस तरह से एजेंसियां सख्त हैं, उससे उम्मीद है कि इस बार की  स्थिति ज्यादा खराब नहीं होगी।

पिछले साल की तुलना में दिल्ली की हवा इस साल बेहतर

बीते तीन साल के आंकड़ों पर गौर करें तो अक्तूबर के पहले आठ दिन में हवा की गुणवत्ता बेहतर रही है। 2017 व 2018 के अक्तूबर के पहले आठ दिनों में एक दिन भी हवा की गुणवत्ता संतोषजनक स्तर पर नहीं रही। जबकि इस बार यह आंकड़ा दो दिनों का है। बाकी छह दिन औसत दर्जे पर रही।

तीन सालों में 8 अक्तूबर को वायु गुणवत्ता सूचकांक
वर्ष    एक्यूआई
2019    112
2018        246
2017        247

पिछले तीन सालों में अक्तूबर माह के आठ दिनों का वायु गुणवत्ता सूचकांक
साल    संतोषजनक    औसत        खराब
2019        2    6        -    
2018        -    4        4
2017        -    5        3

बीते आठ दिनों का वायु गुणवत्ता का स्तर
शहर        संतोषजनक    औसत
दिल्ली        3        5
गाजियाबाद    2        6
नोएडा        1        7
ग्रेटर नोएडा    1        7
गुरुग्राम    7        -
फरीदाबाद    -        2

तीन सालों में दिल्ली में एक्यूआई वाले दिनों की संख्या
साल    संतोषजनक    औसत        खराब
2019        19    11        -    
2018        16    13        01
2017        09    19        02

एक्यूआई की श्रेणी
मात्रा श्रेणी
0-50        अच्छी
51-100    संतोषजनक
101-200    औसत
201-300    खराब
301-400    बहुत खराब
401-500    गंभीर

आठ प्रदूषकों की मात्रा के हिसाब से तय होती एक्यूआई

पीएम2.5, पीएम10, कार्बन डाई आक्साइड, कार्बन मोन्रोआक्साइड, नाइट्रोजन डाई आक्साइड, सल्फर डाई आक्साइड, ओजोन, अमोनिया और लेड।

ईपीसीए ने कसी कमर, 15 अक्तूबर से लागू होगा ग्रैप
दिल्ली-एनसीआर की खराब होती आबोहवा के बीच ईपीसीए ने भी कमर कस ली है। दिल्ली समेत एनसीआर के सभी शहरों में 15 अक्तूबर से 15 मार्च के बीच ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) लागू होगा। प्रदूषण के स्तर में आने वाली खराबी को देखते हुए अलग-अलग तरीके अपनाए जाएंगे। इस बीच यहां डीजल जेनरेटर के इस्तेमाल पर रोक रहेगी। एनसीआर में पहली बार जेनरेटर सेट पर प्रतिबंध लग रही है। वहीं, होटल, रेस्तरां एवं ढाबों में कोयला व लकड़ी नहीं जलाई जलेगी। इसके अलावा एनसीआर में ईंट भट्ठे भी वही चलाए जा सकेंगे, जो जिग जैग तकनीक अपना चुके होंगे। हॉट मिक्स प्लांट व स्टोन क्रशर पर धूल न उड़े इसके उपाय करने होंगे। 

19 हॉट स्पॉट की पहचान
दिल्ली-एनसीआर में 19 हॉट स्पॉट की पहचान की गई है। इनमें से 13 हॉट स्पॉट दिल्ली और 6 एनसीआर में है। इनकी निगरानी का जिम्मा दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड समेत राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को दिया गया है। हर हॉट स्पॉट पर एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी। ईपीसीए ने दो झज्जर, एक-एक पानीपत व दादरी कोयला आधारित पावर प्लांट से पूछा है कि क्या वह 2019 तक सभी नियमों का पालन करेंगे। जवाब मिलने के बाद इस पर फैसला किया जाएगा।

सम-विषम समेत दूसरे विकल्पों पर दिल्ली सरकार कर रही काम
दिल्ली को गैस चैंबर बनने से बचाने के लिए दिल्ली सरकार ने होम वर्क पूरा कर लिया है। इस दौरान सरकार सम-विषम समेत दूसरे संभव विकल्पों पर काम करेगी। दिल्ली में 4 से 15 नवंबर तक सम-विषम योजना लागू होगी। दिल्ली सरकार इसके लिए विस्तृत योजना तैयार कर रही है। इस बार महिलाओं व बाइक सवारों को छूट देने या योजना में शामिल करने पर भी विचार कर रही है। वहीं, प्रदूषण बढ़ने पर अच्छी गुणवत्ता के मास्क भी बांटे जाएंगे। इसके अलावा शहर में सबसे प्रदूषित 12 जगहों के लिए विशेष योजना भी बनेगी।

केजरीवाल का  एक्शन प्लान
. सामूहिक तौर पर प्रदूषण-मुक्त दीवाली मनाएगी दिल्ली सरकार
. सम-विषम योजना होगी लागू ।
. मुफ्त में बांटे जाएंगे मास्क।
. कचरे में आग लगाने पर प्रतिबंध।
. धूल पर नियंत्रण के लिए मेकेनिकल क्लीनिंग।

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