
- शरद पवार ने मंत्रालय बंटवारे पर दिया बड़ा बयान
- पवार बोले- डिप्टी सीएम के पास कोई अधिकार नहीं होता
- गठबंधन फॉर्मूले में एनसीपी को मिला है डिप्टी सीएम
शरद पवार का यह बयान बेहद महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि महाराष्ट्र में बीजेपी को सत्ता से दूर रखने के लिए कांग्रेस और एनसीपी ने शिवसेना को समर्थन दिया है. तीनों दलों के बीच हालांकि सरकार चलाने के लिए एक कॉमन मिनिमम प्रोग्राम बनाया गया है, लेकिन मंत्रालयों का बंटवारा अभी तक नहीं हो सका है. उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली है, जबकि उनके साथ तीनों दलों के दो-दो मंत्रियों ने शपथ ली थी.
गठबंधन फॉर्मूले में NCP को मिला डिप्टी सीएम
हालांकि, गठबंधन फॉर्मूले के तहत एनसीपी को डिप्टी सीएम का पद दिया गया है, लेकिन अब तक इस पर किसी की नियुक्ति नहीं हो सकी है. साथ ही उद्धव कैबिनेट का विस्तार भी अभी तक नहीं हो सका है. चर्चा है कि मंत्रालयों को लेकर अंतिम सहमति नहीं बन पाई है. इंटरव्यू में शरद पवार से इस मुद्दे पर जब सवाल किया गया तो उन्होंने सीधे तौर पर शिवसेना और कांग्रेस के पाले में गेंद डाल दी.डिप्टी सीएम के पास कोई अधिकार नहीं होता- शरद पवार
शरद पवार ने कहा कि मंत्रालय को लेकर उनकी पार्टी एनसीपी और शिवसेना के बीच कोई झगड़ा नहीं है. यह कांग्रेस और एनसीपी के बीच है. पवार ने कहा कि एनसीपी के पास शिवसेना से दो सीटें कम हैं, जबकि कांग्रेस से 10 सीटें ज्यादा हैं. उन्होंने कहा, 'शिवसेना के पास मुख्यमंत्री है जबकि कांग्रेस के पास स्पीकर है. लेकिन मेरी पार्टी को क्या मिला. डिप्टी सीएम के पास कोई अधिकार नहीं होता.'पवार का यह बयान रोटेशनल सीएम की चर्चाओं को भी जोर देने वाला है. दरअसल, तीनों दलों के बीच सहमति के बाद महा विकास अघाड़ी की संयुक्त सरकार बनने के दौरान यह चर्चा भी थी कि एनसीपी ढाई-ढाई साल रोटेशनल सीएम चाहती है. खुद शरद पवार ने सार्वजनिक तौर पर कहा था कि शिवसेना और एनसीपी के बीच ढाई-ढाई साल सीएम को लेकर बात हुई थी.
हालांकि, जब सरकार गठन हो गया तो शिवसेना की तरफ से स्पष्ट तौर पर कहा गया कि शिवसेना का सीएम पूरे पांच साल रहेगा. अब जबकि उद्धव सरकार ने काम शुरू कर दिया है तो शरद पवार ने एनसीपी के खाते में आए डिप्टी सीएम के पद को कमजोर बताया है. ऐसे में अब यह देखना भी दिलचस्प होगा कि एनसीपी क्या अपना डिप्टी सीएम बनाती है या फिर महाराष्ट्र में कोई और ट्विस्ट सामने आता है.