
संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा बुलाई गई विपक्ष की बैठक में कुल 20 दल शामिल हुए। इस दौरान कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार पर हमला बोला। उन्होंने सरकार पर नफरत फैलाने और लोगों को बांटने का आरोप लगाया।
क्या क्या कहा सोनिया ने
- सरकार लोगों का उत्पीड़न कर रही है, नफरत फैला रही है और हमारे लोगों को सांप्रदायिक आधार पर विभाजित करने की कोशिश कर रही है। देश में उथल-पुथल मची हुई है। संविधान को कमजोर किया जा रहा है और सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग किया जा रहा है।
- मोदी-शाह ने सीएए और एनआरसी के नाम पर देश को गुमराह किया।
- युवा देशव्यापी विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं इन्हें देश की जनता का समर्थन मिला हुआ है। इसका मुख्य कारण सीएए और एनआरसी है। इसे लेकर लोगों में निराशा और क्रोध है, जो अब सड़कों पर आ गया है। इस दौरान यूपी और दिल्ली में पुलिस द्वारा की गई प्रतिक्रिया चौंकाने वाली, पक्षपातपूर्ण और क्रूर है।
- जामिया, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, एएमयू और दूसरे उच्च शिक्षण संस्थानों के बाद भाजपा ने जेएनयू में भी आतंक दिखाया। मोदी-शाह की सरकार शासन करने और लोगों को सुरक्षा देने में पूरी तरह नाकाम साबित हुई है।
राहुल ने भी बोला हमला
वहीं, राहुल गांधी ने भी कई मुद्दों पर सरकार को घेरा। बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में राहुल ने कहा कि युवाओं की समस्या से निपटने की बजाय लोगों के बांटने में जुटी है। युवाओं की शिकायत जायज है, इन्हें दबाया नहीं जाना चाहिए, सरकार को इनकी आवाज सुननी चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं प्रधानमंत्री को यूनिवर्सिटी जाने की चुनौती देता हूं।20 दलों के नेता हुए शामिल
कांग्रेस द्वारा बुलाई गई इस बैठक में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल और गुलाम नबी आजाद, भाकपा के डी राजा, रालोद के अजित सिंह सहित 20 दलों के नेता शामिल हुए। इस बैठक में शिवसेना, आम आदमी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी शामिल नहीं हुई है।मायावती ने बताया- बैठक से क्यों किया किनारा
मायावती ने ट्वीट कर कहा- राजस्थान कांग्रेसी सरकार को बसपा का बाहर से समर्थन दिये जाने पर भी, इन्होंने दूसरी बार वहां बसपा के विधायकों को तोड़कर उन्हें अपनी पार्टी में शामिल करा लिया है जो यह पूर्णतया विश्वासघाती है। ऐसे में कांग्रेस के नेतृत्व में आज विपक्ष की बुलाई गई बैठक में बसपा का शामिल होना, यह राजस्थान में पार्टी के लोगों का मनोबल गिराने वाला होगा। इसलिए बसपा इनकी इस बैठक में शामिल नहीं होगी।उन्होंने कहा कि वैसे भी बसपा सीएए और एनआरसी आदि के विरोध में है। केन्द्र सरकार से पुन अपील है कि वह इस विभाजनकारी व असंवैधानिक कानून को वापिस ले। साथ ही, जेएनयू व अन्य शिक्षण संस्थानों में भी छात्रों का राजनीतिकरण करना यह अति-दुर्भाग्यपूर्ण है।