Gyanvapi doosare din ka Survey pura :- वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में रविवार को सर्वे का काम खत्म हो गया। आज सर्वे का दूसरा दिन था। शनिवार के मुकाबले रविवार को सुरक्षा व्यवस्था ज्यादा सख्त रही। पढ़ें हर अपडेट...
अदालत के आदेश पर ज्ञानवापी परिसर में शनिवार को नए सिरे से सर्वे किया जा रहा है। ज्ञानवापी में रविवार को दूसरे दिन का सर्वे हुआ। दोपहर एक बजे के बाद एडवोकेट कमिश्नर व उनकी टीम और वादी-प्रतिवादी पक्ष के लोग परिसर से बाहर निकले। आज भी सर्वे का काम पूरा नहीं हो पाया।
वादी पक्ष के अधिवक्ता हरिशंकर जैन और सुधीर त्रिपाठी ने बताया कि सर्वे सोमवार को भी होगा। आज सर्वे में किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं आई। वहीं टीम के निकलने के बाद गोदौलिया-मैदागिन मार्ग को खोल दिया गया। जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा ने कहा कि कमीशन की कार्रवाई शांतिपूर्वक माहौल में सुचारू रूप से चली। कोर्ट कमीशन द्वारा रविवार के सर्वे के उपरांत निर्णय लिया गया है कि ये कार्रवाई सोमवार को भी जारी रहेगी। वहीं टीम के निकलने के बाद गोदौलिया-मैदागिन मार्ग को खोल दिया गया।
सूत्रों के मुताबिक कुछ हिस्सों का सर्वे अभी बाकी है। आज सर्वे के दौरान अंदर कुछ मलबा मिला है। जिसे साफ कराया जा रहा है। दक्षिणी और उत्तरी हिस्से के अलावा बचे हुए पश्चिमी दीवार और मस्जिद के ऊपर के हिस्से में भी सर्वे की कार्रवाई की गई है। नक्काशीदार गुंबदों सहित तीन कमरों का सर्वेक्षण किया गया। इस दौरान परिसर के चप्पे-चप्पे की फोटोग्राफी हुई।
इधर, सर्वें में क्या-क्या मिला, इसे लेकर कोई जानकारी नहीं है। लेकिन कयासों का दौर तेज हो गया है। पुलिस सोशल मीडिया पर कड़ी निगरानी रख रही है। शनिवार के मुकाबले आज सुरक्षा व्यवस्था ज्यादा सख्त रही। सूत्रों के अनुसार अधिवक्ता आयुक्त (कोर्ट कमिश्नर) समेत वादी-प्रतिवादी पक्षों के कुल 52 सदस्यों ने परिसर में प्रवेश किया।
पुलिस आयुक्त ए सतीश गणेश खुद सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने पहुंचे। बताया कि आज सुरक्षा थोड़ी और बढ़ा दी गई है। जो दर्शनार्थी बाहर से आए हैं उन्हें दर्शन में किसी प्रकार की असुविधा न हो। इसके लिए भी विशेष ध्यान दिया गया । शनिवार की तरह आज भी सभी के मोबाइल बाहर ही जमा करवा लिए गए।
सर्वे की रिपोर्ट गोपनीय, चप्पे-चप्पे पर निगरानी
सर्वे के दूसरे दिन भी तय समय पर जांच टीम सुबह करीब साढ़े सात बजे विश्वनाथ मंदिर के गेट नंबर चार पर पहुंची। यहां एडवोकेट कमिश्नर विशाल सिंह ने बताया कि सर्वे की रिपोर्ट गोपनीय है, इसे साझा नहीं किया जा सकता। आज सर्वे का काम पूरा हो जाएगा या नहीं। इस सवाल पर विशाल सिंह ने कहा कि देखते हैं, काम कितना हो पाता है। कोर्ट ने 17 तारीख से पहले सर्वे की कार्रवाई पूरी करने का आदेश दिया है।
29 साल बाद खुले बंद कमरों के ताले
शनिवार को परिसर के पश्चिमी द्वार के तहखाने में कार्रवाई दोपहर 12 बजे तक चली। तहखाने के अंदर की बनावट, धार्मिक चिह्न, कलाकृतियों और खंभों की वीडियोग्राफी भी करवाई गई। सर्वे टीम ने सभी पहलुओं की गहन जांच की। दो कमरों के ताले तो आसानी से खुल गए, लेकिन तीसरे का ताला नहीं खुलने के कारण उसे तोड़ना पड़ा। चौथे कमरे में दरवाजा नहीं है। दावा है कि चार जनवरी 1993 को तत्कालीन डीएम सौरभ चंद्र ने नीचे के तीनों कमरों पर ताले लगवा दिए थे।
कार्रवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष का पूरा सहयोग मिला। तहखाने के अंदर की बनावट, धार्मिक चिह्न, कलाकृतियों और खंभों की वीडियोग्राफी भी करवाई। चार घंटे तक चलीकार्यवाही के बाद टीम के सदस्य एक-एक करके 12 बजे से पहले ही मस्जिद परिसर से बाहर निकल आए।
इससे पहले 6 मई को सर्वे की कार्यवाही शुरू हुई थी। विरोध व हंगामे के बीच सात मई को कार्यवाही रुक गई थी। 12 मई को अदालत ने फिर से सर्वे का आदेश दिया। सर्वे की रिपोर्ट 17 मई को अदालत में पेश की जाएगी।
सर्वे पूरा होने के बाद तैयार होगी रिपोर्ट
अदालत ने कमीशन की कार्रवाई की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए 17 मई की तिथि निर्धारित की है। आज सर्वे के बाद आगे की रणनीति पर मंथन किया जाएगा। 17 मई को विशेष अधिवक्ता आयुक्त विशाल सिंह, अधिवक्ता आयुक्त अजय कुमार मिश्र और सहायक अधिवक्ता आयुक्त अजय प्रताप सिंह संयुक्त रिपोर्ट न्यायालय को सौंपेंगे। यदि टीम को लगता है कि कमीशन के लिए और समय की आवश्यकता है तो वह न्यायालय से अगली तिथि पर रिपोर्ट पेश करने की अनुमति भी मांग सकती है।
एक नजर में पूरा मामला
ज्ञानवापी परिसर स्थित शृंगार गौरी के नियमित दर्शन पूजन और परिसर में स्थित अन्य विग्रहों को सरंक्षित करने के लिए याचिकाकर्ता राखी सिंह, मंजू व्यास, सीता साहू, रेखा पाठक और लक्ष्मी देवी ने 18 अगस्त 2021 को वाराणसी के सिविल जज सीनियर डिवीजन के यहां याचिका दाखिल की थी। इस मामले में 26 अप्रैल को कोर्ट द्वारा परिसर का सर्वे का आदेश जारी कर दिया गया था। सुनवाई के दौरान न्यायालय ने अजय कुमार को इसके लिए वकील कमिश्नर नियुक्त किया।
6 मई को पहली बार टीम ने सर्वे शुरू किया और सात मई को सर्वे टीम का मुस्लिम पक्ष के लोगों ने विरोध किया। न्यायालय में मुस्लिम पक्ष ने वकील कमिश्नर को बदलने की मांग की। हालांकि न्यायालय ने इस प्रति आपत्ति को खारिज करते हुए 12 मई को आदेश जारी किया कि अजय कुमार के साथ विशेष अधिवक्ता आयुक्त विशाल सिंह और सहायक अधिवक्ता आयुक्त अजय प्रताप सिंह को नियुक्त किया था। न्यायालय ने आदेश भी दिया है कि ताला खोलकर या तोड़कर कमीशन की कार्रवाई निर्बाध पूरी कराई जाए। इसमें बाधा डालने वालों पर एफआईआर दर्ज कर सख्त कार्रवाई का भी आदेश दिया गया है।