New Reservation : उच्च शिक्षण संस्थानों में बढ़ानी होंगी 10 Lakh नई सीट
सांकेतिक तस्वीर : bharta rajneeti
संसद में भले ही अभी तक सामान्य वर्ग के ‘आर्थिक रूप से कमजोर युवाओं’ के लिए 10 फीसदी आरक्षण लागू करने के लिए संविधान संशोधन पर राज्य सभा का फैसला बाकी हो, लेकिन केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय ने इसे उच्च शैक्षिक संस्थानों में लागू कराने की कवायद भी शुरू कर दी है। सूत्रों के मुताबिक, मंत्रालय के प्रारंभिक आकलन में नया आरक्षण लागू किए जाने पर देश भर में करीब 10 लाख नई सीटें बढ़ानी होंगी। इसमें आईआईटी और आईआईएम भी शामिल हैं।
बता दें कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सोमवार को सवर्ण वर्ग की एक अहम मांग को मानते हुए आर्थिक रूप से कमजोर तबकों को सरकारी नौकरियों व शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण देने के प्रस्ताव को हरी झंडी दिखा दी थी। भाजपा का अहम वोटबैंक मानी जाने वाली अगड़ी जातियां इस मुद्दे पर पार्टी से छिटकने का इशारा कर रही थीं। इसके लिए आवश्यक संविधान संशोधन भी मंगलवार को लोकसभा में पेश कर दिया गया।
लेकिन सूत्रों के अनुसार, मानव संसाधन मंत्रालय ने पहले ही यह आंकड़ा जुटाना शुरू कर दिया है कि इस आरक्षण को लागू करने के लिए शैक्षिक संस्थानों में कितनी सीटों को बढ़ाने की जरूरत पड़ने वाली है। एक सूत्र ने कहा कि आरक्षण को लागू करने का तरीका अभी तय नहीं किया गया है, लेकिन विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से मान्यता प्राप्त सरकारी व निजी, सभी प्रकार के विश्वविद्यालयों और शैक्षिक संस्थानों को इसे लागू करना अनिवार्य होगा।
देश में उच्च शिक्षा
903 विश्वविद्यालय हैं इस समय पूरे देश में संचालित
39 हजार से अधिक सामान्य उच्च शिक्षा कॉलेज हैं
10 हजार से ज्यादा तकनीकी व विशेषज्ञ शिक्षण संस्थान हैं
(स्रोत: उच्च शिक्षा पर अखिल भारतीय सर्वेक्षण-2017-18)
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