India ने खोली पोल Imran के झूठ की, आतंकी समर्थन के गिनाए 5 कारण

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का कहना है कि भारत ने दोनों देशों के बीच बातचीत के रास्ते बंद कर दिए हैं। जिसके जवाब में भारत सरकार का कहना है कि पाकिस्तान ने संवाद के लिए अनुकूल वातावरण बनाने के लिए कुछ नहीं किया। उच्च अधिकारियों का कहना है कि पाकिस्तान का दावा है कि आतंकवाद से निपटने के लिए उसने कार्रवाई की है लेकिन इसका कोई संकेत नजर नहीं आ रहा है। इसके विपरीत इमरान खान के नेतृत्व में पाकिस्तान न केवल आतंकवाद को समर्थन दे रहा है बल्कि आतंकवादी समूहों को मुख्यधारा में लाने की मांग भी कर रहा है। भारत सरकार ने अपनी बात को पांच उदाहरणों के जरिए साफ किया है।
1. पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री शहरयार अफरीदी ने जमात उद-दावा (जेयूडी) के नेता और संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकी हाफिज सऊद के प्रतिनिधि से इस्लामाबाद में 16-17 दिसंबर, 2018 को मुलाकात की थी। उसे और उसकी संस्था को पाकिस्तान सरकार का खुला समर्थन देने की बात कही थी। मंत्री ने कहा था कि जब तक देश में तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की सरकार है तब तक सईद को कोई लक्षित नहीं कर सकता है।
2. जेयूडी ने नवंबर 2018 को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में राहत शिविर खोले जिसका उद्घाटन पीटीआई के स्थानीय नेता ने किया। भारतीय अधिकारियों के अनुसार, यह दिखाता है कि खान सरकार जेयूडी को अपना समर्थन दे रही है। जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् की प्रतिबंधित सूची में है।
3. जेयूडी और उसकी एनजीओ फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (एफआईएफ) प्रतिबंधित संगठनों की सूची से तब बाहर हो गया जब राष्ट्रपति पद के उस अध्यादेश की समय सीमा खत्म हो गई, जिसमें उन्हें प्रतिबंधित संगठनों में शामिल किया गया था। सूत्रों का कहना है कि ऐसा पाकिस्तान सरकार ने संभव करवाया। अध्यादेश की समयसीमा खत्म हो चुकी है और पाकिस्तान सरकार ने न तो इस अध्यादेश को बढ़ाया न ही इसे कानून में बदलने के लिए संसद में पेश किया। सईद ने जेयूडी और एफआईएफ पर लगाए गए प्रतिबंध वाले अध्यादेश को कोर्ट में चुनौती दी थी।
4. प्रतिबंधित आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिद्दीन के नेता और यूनाइटेड जिहाद काउंसिल के अध्यक्ष सैय्यद सलाहूद्दीन ने अक्तूबर 2018 में जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकवादियों के लिए पाकिस्तानी सेना से सैन्य समर्थन मांगा था।
5. 30 सितंबर, 2018 को पाकिस्तान के धार्मिक मंत्री नूर-उल-हक कादरी हाफिज सईद के साथ सार्वजनिक मंच पर नजर आए थे। जहां दोनों ने भारत विरोधी बयान दिए थे। कादरी ने कहा था कि उन्होंने दिफा-ए-पाकिस्तान के कार्यक्रम में खान के कहने पर हिस्सा लिया था।
खान ने इस महीने भारत के कुछ पत्रकारों से कहा था कि पाकिस्तान अपनी सरजमीं का इस्तेमाल आतंकवाद के लिए नहीं होने देगा। भारत सरकार के अनुसार पाकिस्तान द्वारा उठाए गए कदम नाकाफी हैं। इस मुद्दे से परिचित एक अधिकारी ने कहा, जेयूडी और एफआईएफ पाकिस्तान में प्रतिबंधित नहीं हैं। वह आतंरिक मंत्रालय के नाक्टा (नेशनल काउंटर टेररिज्म अथॉरिटी) की वाचलिस्ट में हैं। वह कानूनी तौर पर अपनी तथाकथित कल्याणकारी गतिविधियों को जारी रख सकती हैं।