RAFALE डील मामले में अब CAG भी निशाने पर, आज संसद में घमासान के आसार

इस मामले पर जेटली ने कांग्रेस के नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा, 'सरकार में 10 साल रहने के बाद भी यूपीए के मंत्रियों को यह नहीं मालूम है कि वित्त सचिव एक पद है जो वित्त मंत्रालय में सबसे वरिष्ठ सचिव को दिया जाता है।' जेटली ने आगे कहा, 'झूठ पर आधारित संस्था को तोड़ने वालों द्वारा कैग पर एक और हमला।' उन्होंने संकेत देते हुए कहा कि पार्टी राफेल मामले को छोड़ना नहीं चाहती है और वह कैग द्वारा सरकार को मिलने वाली क्लीन चिट को अस्वीकार करना चाहते हैं।
ज्ञापन में कांग्रेस पार्टी का कहना है, 'पीएम मोदी द्वारा 58,000 करोड़ रुपये में 36 विमानों की खरीद के लिए हुई एकतरफा घोषणा के समय आप (महर्षि) वित्त सचिव थे। यहां तक कि 24 जून, 2015 में 126 विमानों के लिए होने वाले एमएमआरसीए सौदे के वक्त भी आप वित्त सचिव थे।' सरकारी सूत्रों का कहना है कि भारत की बातचीत टीम का निर्माण 2015 के मध्य में हुआ था जिसने अपनी बातचीत को एक साल बाद खत्म किया था। जिस समय कांट्रैक्ट को अंतिम रूप दिया गया उस वक्त महर्षि सरकार में नहीं थे।
जेटली का कहना है कि इस समय भारत और उसके संस्थानों को बर्बाद करने वालों से बचाने की जरूरत है। भाजपा प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव का कहना है, 'संस्थाओं के फर्जी रक्षक एक बार फिर से कैग पर हमला कर रहे हैं। यूपीए ने पूर्व रक्षा सचिव (2011-13) की कैग के तौर पर नियुक्ति की थी। क्या हमने कभी ऐसा कहा कि यूपीए ने यह कदम अपने रक्षा घोटालों को छुपाने के लिए उठाया था?'