'छत्रपति के लड़ाके' की धरा पर पार्थ की भिड़ंत 'सांसद रत्न' से
ईवीएम (सांकेतिक)
मावल यानी छत्रपति शिवाजी महाराज के मावले, अर्थात लड़ाके। मुंबई और पुणे के बीच स्थित मावल लोकसभा सीट पर मराठा क्षत्रप एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार के पौत्र पार्थ पवार मैदान में हैं। इससे यहां राजनीतिक गर्मी बढ़ गई है। पवार परिवार की तीसरी पीढ़ी, पूर्व उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के पुत्र पार्थ मावल से एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन के साझा उम्मीदवार हैं। वहीं, शिवसेना सांसद और लगातार चार बार सांसद रत्न से सम्मानित श्रीरंग बारणे यहां फिर से मैदान में हैं। राजनीतिक समीकरण शिवसेना-भाजपा के पक्ष में दिख रहा है, जिससे यह सीट पवार परिवार के लिए प्रतिष्ठा का मुद्दा बन गई है। मावल के मौजूदा सांसद श्रीरंग बारणे संसद के टॉप परफार्मर रहे हैं लेकिन, रसूखदार परिवार के पार्थ के मैदान में आने से मुकाबला रोमांचक हो गया है। आम चर्चा है कि शरद पवार की इच्छा के विपरीत पार्थ को उम्मीदवारी दी गई, लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है।
राजनीतिक विश्लेषक विजय भोसले बताते हैं कि एनसीपी ने मुंबई की दो बड़ी कंपनियों से मावल सीट का सर्वे कराया, जिसमें पार्थ के चुनाव लड़ने पर जीत को लेकर जनता का सकारात्मक जवाब मिला। तब पवार पीछे हटे और पौत्र पार्थ को मैदान में उतरने दिया। पार्थ को विभिन्न धड़ों का मत मिल सकता है। इससे मौजूदा सांसद बारणे का गणित गड़बड़ा गया है।
साल 2014 में उम्मीदवारों को मिले मत और वोट प्रतिशत
पार्टी उम्मीदवार प्राप्त मत मत प्र.
शिवसेना श्रीरंग बारणे 5,52226 43.62%
पीडब्लूपी लक्ष्मण जगताप 3,54,829 30.22%
एनसीपी राहुल नार्वेकर 1,82,293 15.52%
उम्मीदवारों की किस्मत लिखेंगे युवा
मावल संसदीय सीट पर युवा उम्मीदवारों का भाग्य तय करेंगे। यहां कुल 22 लाख 27 हजार 733 मतदाता हैं। इनमें से 11 लाख 65 हजार 788 पुरुष और 10 लाख 61 हजार 313 महिलाएं हैं। यहां 6 लाख से अधिक नए मतदाता बने हैं जिसमें से युवाओं की संख्या तीन लाख से अधिक है। सूबे में मावल लोकसभा के लिए सर्वाधिक 2,504 मतदान केंद्र बनाए गए हैं।
अंतिम 5 दिन में पलट सकती है बाजी
बारामती में मतदान संपन्न होने के बाद अब पूरा पवार कुनबा मावल में डेरा जमा रहा है। ऐसी स्थिति में राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं और अंतिम पांच दिन में बाजी पलट सकती है। अजीत पवार बेटे पार्थ की जीत सुनिश्चित करने के लिए भाजपा-शिवसेना के पार्षदों के घर पर भी दस्तक दे रहे हैं। पवार के पार्षदों के घर पहुंचने का असर दिख सकता है। वह दिन में कहीं भी प्रचार के दौरे पर रहें लेकिन रात में पुणे में ठहर रहे हैं क्योंकि मामला पुत्र के राजनीतिक भविष्य का है।
राजनीतिक समीकरणों में भाजपा-शिवसेना मजबूत
कोंकण के समुद्र से सटे रायगढ़, उरण, पनवेल और कर्जत के साथ और पुणे की मावल, पिंपरी और चिंचवाड़ विधानसभा को मिलाकर मावल लोकसभा क्षेत्र बना है। यहां की पनवेल, मावल और चिंचवाड़ विधानसभा सीट पर भाजपा तो पिंपरी और उरण में शिवसेना के विधायक हैं। एकमात्र कर्जत से एनसीपी का विधायक है। राज्य में मुंबई के बाद सबसे समृद्धशाली महानगरपालिका पिंपरी-चिंचवाड़ में भी भाजपा की सत्ता है। इस समीकरण से देखें तो भाजपा-शिवसेना मजबूत हैं।
एलईडी वैन से हाईटेक प्रचार
मावल लोकसभा क्षेत्र में शिवसेना और एनसीपी का एलईडी वैन के जरिए हाईटेक प्रचार चल रहा है। एक तरफ प्रधानमंत्री मोदी और उद्धव ठाकरे के भाषण के जरिए प्रचार हो रहा है वहीं, दूसरी ओर पार्थ के प्रचार में भी एलईडी वैन का सहारा लिया गया है। क्षेत्र में शरद पवार से लेकर छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज व सतारा से सांसद उदयराजे भोसले भी तूफानी प्रचार कर चुके हैं। दूसरी ओर, बेगानी शादी में अब्दुला दीवाना बने महाराष्ट्र नवनिर्माण सना (मनसे) अध्यक्ष राज ठाकरे भी बड़ी जनसभा करने वाले हैं।
अजीत के खास रहे हैं शिवसेना सांसद
शिवसेना सांसद होते हुए भी बारणे को अजीत पवार का करीबी कहा जाता था। पिछली बार उन्हें एनसीपी का परोक्ष समर्थन भी मिला था। अब स्थिति बदल गई है। बारणे की चिंता भाजपा विधायक लक्ष्मण जगताप हैं। पिछले चुनाव में बारणे के खिलाफ जगताप ने पीडब्लूपी से चुनाव लड़ा था और तीन लाख 54 हजार से ज्यादा मत बटोरे थे। इस बार उन्होंने बारणे की उम्मीदवारी का विरोध किया, लेकिन शिवसेना ने पुनः बारणे पर ही दांव लगाया। मुख्यमंत्री फडणवीस और जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन की मध्यस्थता के बाद जगताप बारणे के प्रचार में जुटे। लेकिन अंदरूनी खतरा बरकरार है। वहीं, पीडब्लूपी नेता विधायक जयंत पाटिल ने एनसीपी को समर्थन दिया है, जिससे पार्थ पवार का पलड़ा भारी हो गया है।
किसानों के मुद्दे हावी
साल 2011 में मावल में पुणे के पिंपरी-चिंचवड़ शहर में पानी की आपूर्ति के लिए पाइपलाइन डालने का विरोध करने पर तीन किसान पुलिस की गोलियों का शिकार हो गए थे। तीन किसानों की मौत के बाद मावल में कांग्रेस-एनसीपी के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन हुए थे। जिन किसानों के खेत से पाइपलाइन ले जाई गई है उनके मुआवजे, पुनर्वास का मुद्दा अभी तक लंबित है। किसानों का पुनर्वास बड़ा चुनावी मुद्दा है। रायगढ़ में मछुआरों की समस्याएं भी अहम है।
मोदी की नकल कर रहे हो गुरु...
आजमगढ़ से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के खिलाफ भाजपा उम्मीदवार भोजपुरी स्टार दिनेश लाल यादव निरहुआ ने इंस्टाग्राम पर अपनी मां के साथ तस्वीर पोस्ट की है। निरहुआ ने फोटो के साथ लिखा- माई हो ललनवा दे द, देशवा के करनवा, अपने गोदिया के सुगनवा दे द। तस्वीर में निरहुआ मां के हाथ से कुछ खा रहे हैं। इस पर फैन्स की मिली जुली प्रतिक्रिया आई। कुछ ने कहा- मोदी की नकल कर रहे हो का गुरु...। कुछ ने उनकी तारीफ भी की। बता दें कि तीसरे चरण के मतदान के दिन मोदी की भी ऐसी ही तस्वीर सामने आई थी।