Supreme Court ने कहा, किसी भी System में Fixers की कोई भूमिका नहीं

खास बातें
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, अगर सुप्रीम कोर्ट में कोई फिकंर्सग रैकेट चल रहा है तो पूरे देश का विश्वास न्यायपालिका से उठ जाएगा। संस्थान, हम सभी से बढ़कर है। ऐसे में न तो संस्थान बचेगा और न ही हम सब बचेंगे।’
सुप्रीम कोर्ट ने ये टिप्पणी वकील उत्सव द्वारा दायर हलफनामे को देखने के बाद की। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी इस हलफनामे में कई संवेदनशील चीजें हैं। हलफनामे पर गौर करने के बाद पीठ ने सीबीआई निदेशक, दिल्ली पुलिस आयुक्त और खुफिया विभाग के प्रमुख को पेश होने के लिए कहा। करीब साढ़े 12 बजे तीनों पीठ केसदस्यों के साथ चैंबर में मिले और आगे की रणनीति पर चर्चा की।
लंच के बाद फिर से शुरू हुई सुनवाई में पीठ ने वकील उत्सव को हलफनामे के जरिए और तथ्य व साक्ष्य पेश करने के लिए कहा। वहीं वकील उत्सव ने दावा किया कि कुछ तथ्यों पर पेश उसकी इच्छा पर निर्भर है। इस पर अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने आपत्ति जताया कि कानून केतहत प्राइवेट पर्सन को भारत साक्ष्य अधिनियम की धारा-126 का सहारा नहीं ले सकता।
सुनवाई के दौरान वकील उत्सव ने सीसीटीवी फुटेज सहित कई अन्य दस्तावेज भी पेश किए। इन पर गौर करने केबाद कहा कि यह बहुत संवेदनशील है। पीठ ने कहा, यह न्यायपालिका की स्वतंत्रता के हिसाब से बेहद गंभीर और परेशान करने वाला है।’
पीठ ने यह भी कहा कि वकील ने यह दावा किया है कि तपन चक्रवर्ती, मानव शर्मा और कुछ अन्य कर्मचारियों ने साजिश रची है। पीठ ने कहा कि हम ऐसा उपद्रव बर्दाश्त नहीं कर सकते। वकील ने कहा है कि यह कर्मचारियों का खेल है। मालूम हो कि तपन और मानव पर अनिल अंबानी से जुड़े अवमानना केमामले में अदालती आदेश के साथ छेड़छाड़ करने पर चीफ जस्टिस ने दोनों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया था।
सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की पूर्व महिलाकर्मी के हलफनामे पर निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। इस पर अदालत ने साफ किया कि इस अदालती कार्रवाई का इन-हाउस इंक्वारी से कोई सरोकार नहीं है। बहरहाल, कोर्ट ने वकील उत्सव को और साक्ष्य पेश करने का निर्देश देते हुए सुनवाई वृहस्पतिवार तक केलिए टाल दी।