Lok Sabha चुनाव 2019: PM Modi को बनाए रखने या हटाने तक ही चर्चाएं सीमित

जोधपुरः सीएम के पुत्र व पीएम के पसंदीदा में मुकाबला
प्रदेश में सबसे अधिक रोचक मुकाबलों में से एक यहां होगा। तीसरी बार मुख्यमंत्री बने अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत कांग्रेस के प्रत्याशी हैं। उनका मुकाबला भाजपा के मजबूत उम्मीदवार केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से है। देखा जाए तो कांग्रेस ने वैभव को टिकट देकर अशोक गहलोत से गजेंद्र सिंह को चुनौती दिलवाई है। वैभव पहली बार चुनाव मैदान में उतरे हैं। सवाल है कि वर्ष मुख्यमंत्री बनने से पहले इस सीट से पांच बार सांसद रहे पिता की विरासत पर वैभव परचम लहरा पाएंगे।
प्रमुख मुद्दे : विकास के एवं अन्य स्थानीय मुद्दे लगभग गायब होने के कारण लग रहा है जैसे मुकाबला असल प्रत्याशियों के बीच नहीं, बल्कि पीएम और सीएम के बीच है।
झालावाड़ : वसुंधरा के पुत्र की टक्कर पुराने सहयोगी से
यह भी प्रदेश की वीवीआईपी सीट है। दो बार मुख्यमंत्री रही वसुंधरा राजे के बेटे सांसद दुष्यंत सिंह को भाजपा ने चौथी बार मौका दिया है। इस चुनाव को वसुंधरा राजे की नाक का सवाल इसलिए भी माना जा रहा है, क्योंकि हाल ही में भाजपा ने सरकार गंवाई है। इससे पहले वे लगातार तीन बार यहां से सांसद रहे हैं। वर्ष 2003 में प्रदेश की पहली बार मुख्यमंत्री बनने से पहले वसुंधरा इस सीट से पांच बार सांसद रह चुकी हैं। उनके सामने कांग्रेस ने स्थानीय छात्र नेता रहे भाजपा के बागी प्रमोद शर्मा को टिकट दिया है।
प्रमुख मुद्दे : वसुंधरा राजे का क्षेत्र होने के कारण झालावाड़ के विकास से लोग संतुष्ट हैं, लेकिन बारां में पिछड़ापन है। किसानों की समर्थन मूल्य बढ़ाने की मांग।
राजसमंद : राजघराने की प्रतिष्ठा दांव पर
इस सीट से जयपुर के राजघराने की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। जयपुर राजघराने की पूर्व सदस्य दीया कुमारी मैदान में हैं। दीया के लिए ये नया क्षेत्र है। इससे पहले वह सवाईमाधोपुर सीट से विधायक थीं, लेकिन पारिवारिक स्थितियों का हवाला देकर उन्होंने विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ा था। बताया जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की नाराजगी के बावजूद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने दीया को मौका दिया है। दीया को इस सीट पर कांग्रेस ने देवकीनंदन गुर्जर सेे चुनौती दिलवाई है।
प्रमुख मुद्दे: शुद्ध पेयजल का अभाव। राजसमंद में मार्बल व्यवसाय पर संकट, जिससे बेरोजगारी पनपी तथा अवैध खनन के रैकेट्स। राजसमंद झील में पानी लाने की योजना की मांग।
बाड़मेर : मानवेंद्र की होगी अग्निपरीक्षा
यह चुनाव अटल बिहारी सरकार में विदेश मंत्री रहे जसवंत सिंह के बेटे भाजपा के बागी कांग्रेस प्रत्याशी मानवेंद्र सिंह का राजनीतिक भविष्य तय करेगा। मानवेंद्र इस बार जीते तो सीएम अशोक गहलोत के बाद मारवाड़ से कांग्रेस के बड़े नेता के रूप में उभर सकते हैं और यदि हारे तो उनका राजनीतिक कद काफी घट जाएगा। उनका मुकाबला भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष व आरएसएस से जुड़े कैलाश चौधरी से है, जो उन्हें अच्छी चुनौती दे रहे हैं।
प्रमुख मुद्दे : पाकिस्तानी बॉर्डर से लगते दोनों जिलों में सुरक्षा। उच्च शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव। किडनी व कैंसर के रोगियों के बढ़ने, जैसलमेर-बाड़मेर-कांडला रेलमार्ग, बाड़मेर-मुम्बई सहित लंबी दूरी की रेलों व बाड़मेर से हवाई सेवा की मांग।
पाली : अंदरुनी संघर्ष में फंसे केंद्रीय मंत्री
मोदी टीम में शामिल केंद्रीय मंत्री पीपी चौधरी की कड़ी परीक्षा है। भाजपा के स्थानीय नेताओं के विरोध के बावजूद चौधरी को ही टिकट देने का जोखिम उठाया है। चौधरी का सामना कांग्रेस के पूर्व सांसद बद्रीराम जाखड़ से है। भाजपा की तरह कांग्रेस भी यहां असंतुष्टों से जूझ रही है। दोनों पार्टियों के स्थानीय नेताओं की बगावत के बीच यहां कड़ा मुकाबला माना जा रहा है। वर्ष 2014 में चौधरी ने मोदी सुनामी के चलते वर्तमान कांग्रेस प्रत्याशी जाखड़ की बेटी मुन्नीदेवी को 3,99,039 वोटों से हराया था।
प्रमुख मुद्दे: भारी औद्योगिक प्रदूषण के कारण शुद्ध पेयजल एक मुद्दा है। कपड़ा उद्योग की अधिकतर इकाइयां बंद होने से बेरोजगारी बढ़ी। इकाइयों का केमिकल युक्त पानी जमीन बंजर बना रहा है।
राजस्थान की 25 लोकसभा सीटों में से चौथे चरण में सोमवार को 13 सीटों पर मतदान होगा। इनमें सवाईमाधोपुर, अजमेर, जालौर, उदयपुर, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा और कोटा की सीटें भी शामिल हैं। 2014 लोकसभ्ाा चुनाव में ये सभी सीटें भाजपा ने जीती थीं।