कुनबा बढ़ाने की चाहत में एनडीए, एग्जिट पोल्स 2019 में बहुमत के बाद भी

वाईएसआर, बीजद और टीआरएस पर निगाह
भाजपा भावी सरकार में नौ मौजूदा दलों के अलावा नए दलों को भी शामिल करने के मूड में है। वाईएसआर कांग्रेस, बीजद और टीआरएस माने तो, इन्हें कैबिनेट में जगह मिलेगी। इनके राज्यों में विधानसभा चुनाव पांच साल बाद होंगे, ऐसे में पार्टी के सामने अभी संगठन विस्तार की जरूरत नहीं है।
बीजद ने कहा- जो ओडिशा के मुद्दे सुलझाएगा, उसे देंगे समर्थन
भुवनेश्वर। ओडिशा की सत्तारूढ़ बीजद ने एनडीए सरकार बनने पर उसमें शामिल होने के संकेत दिए हैं। बीजद प्रवक्ता अमर पटनायक ने कहा, हम नतीजों का इंतजार कर रहे हैं। जो दल सरकार बनने के बाद ओडिशा के अनसुलझे और अरसे से लंबित मुद्दों को सुलझाने का प्रयास करेगा, हमारा समर्थन उसी को जाएगा। ऐसे में माना जा रहा है कि नतीजों के बाद बीजद एनडीए से जुड़ सकती है। पिछले दिनों आेडिशा दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फेनी तूफान से निपटने को लेकर पटनायक की तारीफ की थी। वहीं, उन्होंने फोन न उठाने का जिक्र कर बंगाल की सीएम ममता बनर्जी पर निशाना भी साधा था।
दो नए मंत्रालयों का गठन तय
राजग सत्ता में आई तो नई सरकार में दो नए मंत्रालयों का गठन तय है। इनमें एक पिछड़ा कल्याण मंत्रालय तो दूसरा मछुआरा कल्याण मंत्रालय होगा। भाजपा इन मंत्रालयों के जरिए ओबीसी वर्ग के साथ मछुआरा वर्ग को लंबे समय के लिए साधे रखना है।
विपक्षी कुनबे को मनोवैज्ञानिक दबाव में रखने की रणनीति
राजग से बाहर के राजनीतिक दलों के लगातार संपर्क में रहकर भाजपा विपक्षी खेमे, खासतौर पर कांग्रेस पर मनोवैज्ञानिक दबाव भी बनाए रखना चाहती है। अंतिम परिणाम एग्जिट पोल्स के अनुरूप रहने की स्थिति में भी पार्टी अपने साथ अन्य दलों को जोड़कर संदेश देगी कि न सिर्फ जनता बल्कि खुद विपक्षी दल कांग्रेस के साथ नहीं रहना चाहते। पार्टी अपनी स्वीकार्यता का दायरा और बड़ा दिखाना चाहती है।