#Bharatrajneeti: कीर्ति आजाद की स्पिन चलेगी या पशुपतिनाथ की हैट्रिक
खास बातें
- कीर्ति आजाद कर रहे हैं कांग्रेस की ओर से बैटिंग
- भाजपा के पशुपतिनाथ तीसरी बार जीत की कोशिश में
कोयले की राजधानी के रुप में जानी जाती झारखंड की यह सीट इस बार भाजपा और कांग्रेस के लिए नाक का सवाल बन गई है। पिछल दो चुनाव में जीत का परचम फहरा चुकी भाजपा इस बार की जीत के साथ हैट्रिक बनाने की कोशिश में है। उधर, कांग्रेस ने बिहार के पूर्व सीएम भागवत आजाद के बेटे और लगातार तीन बार दरभंगा के सांसद रहे क्रिकेटर कीर्ति झा आजाद को धनबाद से मैदान में उतारा है। कीर्ति आजाद इससे पहले भाजपा में ही थे और कुछ समय पहले फरवरी 2019 में ही कांग्रेस में शामिल हुए। धनबाद संसदीय क्षेत्र में इस बार दो महिलाओं सहित 20 प्रत्याशी मैदान में हैं। पिछले दो चुनाव में यह सीट भाजपा के खाते में गई और भाजपा ने इस बार भी अपने सांसद पशुपतिनाथ सिंह को मैदान में उतारा है। 2014 में पांच लाख से अधिक मत हासिल करने वाले पशुपतिनाथ सिंह इस चुनाव में भी ताकत झौंके हुए हैं। किसी पहचान के संकट से न जूझते हुए भी यहां पहुंचे कीर्ति आजाद को बाहरी होने के प्रचार का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें फायदा है तो यह कि झरिया से भाजपा विधायक संजीव सिंह के छोटे भाई सिद्धार्थ गौतम उर्फ मनीष सिंह बतौर निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। कोयलांचल के प्रभावशाली राजनीतिक घराने सिंह मैंशन परिवार और मजदूर संगठन जनता मजदूर संघ के बल पर सिद्धार्थ जो वोट लाते हैं, वह सीधे तौर पर भाजपा का नुकसान होगा।
धनबाद अपने औद्योगिक क्षेत्रों के लिए जाना जाता है। झारखंड के अधिकांश औद्योगिक प्लांट (बोकारो स्टील प्लांट, भारत कूकिंग कोल लिमिटेड, बीईएमएल लिमिटेड, बोकारो पॉवर सप्लाई कॉरपोरेशन प्राइवेट लिमिटेड) यहीं हैं। यहां मुंबई के बाद देश का दूसरा सबसे बड़ा रेलवे सब डिवीजन है।
धनबाद अपने औद्योगिक क्षेत्रों के लिए जाना जाता है। झारखंड के अधिकांश औद्योगिक प्लांट (बोकारो स्टील प्लांट, भारत कूकिंग कोल लिमिटेड, बीईएमएल लिमिटेड, बोकारो पॉवर सप्लाई कॉरपोरेशन प्राइवेट लिमिटेड) यहीं हैं। यहां मुंबई के बाद देश का दूसरा सबसे बड़ा रेलवे सब डिवीजन है।