खास बातचीत में शीला दीक्षित ने बताया, क्यों नहीं किया आप से गठबंधन
शीला दीक्षित
दिल्ली का दंगल जीतने के लिए कांग्रेस पूरा जोर लगा रही है। खुद पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित भी लोकसभा चुनाव लड़ रही हैं। वह साफ कहती हैं कि पिछली बार भाजपा और आप के भ्रम में जनता फंस गई थी। इस बार जनता बदलाव चाह रही है। अमर उजाला संवाददाता नवनीत शरण ने तीन बार मुख्यमंत्री रहीं शीला दीक्षित से खास बातचीत की। सवाल: इस बार कौन सा फैक्टर काम कर रहा है जिसके आधार पर कांग्रेस सातों सीटों को जीतने का दावा कर रही है। जबकि पिछले चुनाव में आपकी पार्टी को 15.1 प्रतिशत ही वोट मिले थे?
जवाब: पिछला चुनाव हम जीत नहीं पाए थे। पहली बात यह कि इस बार लोगों को प्रत्याशी पसंद आ रहे हैं। दूसरी बात यह है कि जनता बदलाव चाह रही है।
सवाल: दिल्ली में 15 वर्ष राज करने वाली पार्टी का जनाधार अचानक कैसे खत्म हो गया और आम आदमी पार्टी उभर कर सामने आ गई?
जवाब: देखिए दो-तीन बातें हुई हैं। आम आदमी पार्टी ने कई वादे किए थे। मुफ्त बिजली-पानी देने के वादे ने असर डाला। दूसरी चीज जो बहुत सफाई से बोल रही हूं कि हमें सत्ता में रहते 15 साल हो गए थे। शायद लोगों को लगा अब इन्हें बदलो।
सवाल: पिछले लोकसभा व विधानसभा में जनाधार खो चुकी कांग्रेस की लड़ाई किस पार्टी से है?
जवाब: पिछली बार दिल्ली में हमलोग एक सीट भी नहीं जीत पाए थे। इस बार हम सातों सीटों को टारगेट कर रहे हैं। मुझे लग रहा है कि हमारी स्थिति आप व भाजपा से कम नहीं है। दोनों पार्टियों से हमारी लड़ाई है।
सवाल: भाजपा के राष्ट्रवाद को कांग्रेस के पास क्या तोड़ है?
जवाब: आम आदमी को इससे कोई मतलब है? पिछले चुनाव में भी 15-15 लाख देने का वादा किया गया था। वो किसी को नहीं मिला। सरकार की बातों पर क्या आप एतबार कर सकते हैं? लोगों को इस सरकार पर भरोसा नहीं है।
सवाल: कांग्रेस को भ्रष्टाचारी पार्टी बताने वाली आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन क्यों चाह रही थी आपकी पार्टी?
जवाब: मैं गठबंधन के बिलकुल पक्ष में नहीं थी। गठबंधन औरों को क्यों अच्छा लगा रहा था वह समझ से परे है। कांग्रेस बड़ी पार्टी है। छोटी पार्टी से गठबंधन का क्या फायदा। लाभ उनको हो सकता था हमें नहीं होता। मेरी यही सोच थी कि पार्टी सातों सीटों पर चुनाव लड़े।
सवाल: कांग्रेस के पास कौन सा तुरुप का पत्ता फेंकने की रणनीति है जिससे आप व भाजपा के प्रभाव को खत्म कर सके?
जवाब: तुरुप का पत्ता तो अभी मैं नहीं खोलूंगी। इतना जरूर कहूंगी कि हम सब से मिल रहे हैं। हमारे काम को याद किया जा रहा है। लोगों से संपर्क कर रहे हैं। यह अहसास करा रहे है कि हम उनके दरवाजे पर आए हैं।
सवाल: आप क्या मानती हैं दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलना चाहिए?
जवाब: जो पूर्ण राज्य देने की बात कह रहे हैं। उन्हें मालूम होना चाहिए कि पूर्ण राज्य संसद से प्राप्त होगा। यह कह देना कि पूर्ण राज्य हम देंगे इसके लिए उन्हें संविधान पढ़ना होगा। वह गुमराह कर रहे हैं लोगों को।
सवाल: आपकी सीट पर तीनों प्रत्याशी पूर्वांचल के हैं और ब्राह्मण हैं। क्या जातीय समीकरण बनेगा?
जवाब: मैं किसी धर्म या जात बिरादरी के नाम पर वोट नहीं मांग रही। सब हमारे वोटर हैं। सब से मैं वोट मांग रही हूं। पहली दफा मैं उत्तर-पूर्वी दिल्ली से ही चुनाव लड़ी थी।
सवाल: क्या वजह रही कि दक्षिण दिल्ली में पैराशूट कैंडिडेट को उतारना पड़ा, कांग्रेस के पास दक्षिण दिल्ली में भाजपा व आप को चुनौती देने के लिए कोई बड़ा चेहरा नहीं था?
जवाब: बॉक्सर विजेंदर अच्छा लड़का है। मेहनती है, उसकी पहचान है। क्षेत्र में काफी मेहनत कर रहा है।
सवाल: आम जनता को क्या संदेश देगी आपकी पार्टी?
जवाब: आपके अमर उजाला के माध्यम से जनता को यहीं कहूंगी कि जिस पार्टी ने भी दिल्ली का विकास किया। तुलना करके उसी पार्टी को वोट करें।