Modi swearing-in ceremony: आधे से ज्यादा होंगे नए चेहरे, शपथ ग्रहण से 5 घंटे पहले मिलेगी सूचना
एनडीए 2019 - फोटो : bharat rajneeti
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नई कैबिनेट के शपथ ग्रहण समारोह का काउंट डाउन शुरू हो गया है। अभी तक जो जानकारी मिल रही है, उसमें यह बात निकलकर सामने आई है कि मोदी की नई कैबिनेट में आधे से ज्यादा नए चेहरे देखने को मिलेंगे। सहयोगी दलों को उनकी मांग के अनुरूप नहीं, बल्कि मोदी की इच्छा से मंत्री पद मिलेगा।
जेडीयू और शिवसेना, दोनों को चार मंत्री पद मिलने की संभावना है। हालांकि इन दोनों पार्टियों की ओर से तीन-तीन मंत्री पद देने की मांग आई है। फिलहाल एनडीए के सभी सांसदों से कहा गया है कि वे 30 मई को लुटियन दिल्ली में रहें। शपथ ग्रहण समारोह से पांच घंटे पहले सांसदों को यह सूचना दी जाएगी कि उनका नाम मंत्रियों की सूची में शामिल है। एक चर्चा यह भी है कि मोदी इस बार कई विशेषज्ञों को अपने मंत्रिमंडल का हिस्सा बनाएंगे। हालांकि अभी ये लोग संसद के किसी भी सदन में नहीं हैं, हो सकता है कि बाद में इन्हें राज्यसभा के जरिए संसद में लाया जाए।
बता दें कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने बुधवार को लगातार दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मैराथन बैठक की है। चूंकि मोदी खुद यह बात कह चुके हैं कि एनडीए के सांसद कैबिनेट के गठन को लेकर मीडिया में दिखाई जा रही खबरों पर ध्यान न दें। मीडिया में पिछले कई दिनों से मोदी मंत्रिमंडल को लेकर खबरें चल रही हैं। भाजपा के एक बड़े नेता जो कि आरएसएस के करीबी माने जाते हैं, का कहना है कि इस बार मोदी कैबिनेट में बहुत कुछ नया होगा।
यह जरूरी नहीं कि 40-50 फीसदी चेहरे नए होंगे, यह भी संभव है कि नए चेहरों की संख्या इससे कहीं ऊपर पहुंच जाए। जो सांसद पिछले पांच साल मंत्री रहे हैं, वे सभी इस बार भी होंगे, यह जरुरी नहीं। एक बात तय है कि मोदी अपने मंत्रिमंडल में युवा चेहरों को ज्यादा मौका देंगे। भाजपा में करीब आधा दर्जन बड़े नेताओं को छोड़ दें तो बाकी नेताओं के साथ मंत्री पद को लेकर बातचीत करने की आवश्यकता नहीं है।
अमित शाह की भूमिका को लेकर कयास जारी है...
पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि वे मंत्री बनेंगे। इस बाबत भाजपा नेता का कहना था कि आरएसएस चाहता है कि शाह पार्टी ही संभालते रहें। वे पार्टी के भीतर और सहयोगियों के साथ अपनी बात को जिस सख्ती के साथ मनवा लेते हैं, वह खूबी किसी दूसरे नेता में नहीं दिखती। संगठन में शाह की मजबूत पकड़ को मोदी और आरएसएस, दोनों मानते हैं। निकट भविष्य में कई राज्यों के विधानसभा चुनाव हैं, ऐसे में शाह ही पार्टी को जीत की राह पर ले जा सकते हैं।
दूसरी ओर पार्टी में ऐसी चर्चाएं भी हैं कि अमित शाह वित्त मंत्रालय या गृह मंत्रालय संभालेंगे। अगर वे ऐसा करते हैं कि मोदी कैबिनेट में टॉप 5 सदस्यों का स्थान बदलना तय है। विदेश मंत्री सुष्मा स्वराज को लेकर भी पार्टी असमंजस में है। हालांकि यह बात कही जा रही है कि स्वराज चाहेंगी तो उनका मंत्रालय नियमित रहेगा। शाह के मंत्री बनने की स्थिति में पीयूष गोयल, निर्मला सीतारमण और राजनाथ सिंह के मंत्रालय भी बदल सकते हैं। अरुण जेटली ने पहले ही कह दिया है कि वे स्वास्थ्य कारणों से इस बार मंत्री पद संभालने की स्थिति में नहीं हैं।
सहयोगी दलों का कोटा तय, महिलाओं को मिलेंगे ज्यादा मंत्री पद
मोदी कैबिनेट में करीब 65-70 मंत्रियों के शपथ लेने की उम्मीद है। लोकसभा चुनाव में 16 सीट जीतने वाली जेडीयू ने तीन मंत्री पद मांगे हैं, जिनमें दो कैबिनेट और एक राज्य मंत्री का पद शामिल है।बताया जा रहा है कि अभी जेडीयू को दो पद मिलेंगे। इनमें एक कैबिनेट और दूसरा राज्यमंत्री होगा। इसी तरह शिवसेना ने भी कम से कम तीन मंत्री पद मांगे हैं। शिवसेना के महाराष्ट्र में 18 सांसद हैं। भाजपा की ओर से कहा जा रहा है कि इन्हें भी मौजूदा हालत में दो मंत्री मिलेंगे। बाद में मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान एक अन्य पद देने के लिए सोचा जा सकता है।
भाजपा की सहयोगी पार्टी अन्नाद्रमुक को मोदी कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है। दो-तीन मंत्री अकेले पश्चिम बंगाल से बनेंगे। भाजपा ने यहां पहली बार टीएमसी को टक्कर देते हुए 18 सीट जीती हैं। तेलंगाना से भी एक मंत्री बनाया जा सकता है। यहां भाजपा के चार सांसद हैं। इसी तरह बिहार से रामविलास पासवान खुद मंत्रिमंडल का हिस्सा बनेंगे। पासवान की पार्टी ने छह सीटें जीती हैं। पंजाब से अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल कैबिनेट मंत्री बनाई जाएंगी। इस बार यूपी से 9, महाराष्ट्र से छह, गुजरात से छह, मध्यप्रदेश से चार और बिहार से तीन भाजपा सांसद चुनकर आई हैं।
माना जा रहा है कि यूपी से दो महिलाएं और बाकी प्रदेशों से एक-एक महिला सांसद केंद्रीय मंत्रिमंडल का हिस्सा बन सकती हैं। स्मृति ईरानी को कैबिनेट में बड़ा मंत्रालय दिए जाने की चर्चा है। उनके साथ कोडरमा से सांसद अन्नपूर्णा देवी, महाराष्ट्र के कद्दावर नेता एकनाथ खडसे की राजनीतिक विरासत को आगे ले जाने की जिम्मेदारी संभाले उनकी बहू रक्षा खडसे (रावेर सीट), बीड से सांसद बनी प्रीतम मुंडे, सुल्तानपुर से जीती मेनका गांधी, रीता बहुगुणा जोशी और हाई प्रोफाइल सीटों में शुमार विंध्य क्षेत्र की मीरजापुर संसदीय सीट से एनडीए उम्मीदवार अनुप्रिया पटेल को मोदी कैबिनेट में जगह मिलने की बात कही जा रही है। इसी तरह अनुराग ठाकुर, गोपाल शेट्टी, तेजस्वी सूर्या, गजेंद्र शेखावत, खडसे रक्षा निखिल, सुभाष सरकार, ज्योर्तिमय सिंह महतो, राजू बिस्टा, मोहन मंडावी और प्रीतम मुंडे जैसे सांसदों को कैबिनेट में जगह दिए जाने की संभावना है।
पुराने चेहरे जो बचा सकते हैं अपनी कुर्सी
राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, निर्मला सीतारमण, रविशंकर प्रसाद, पीयूष गोयल, नरेंद्र सिंह तोमर, सुरेश प्रभु, मेनका गांधी, राव इंद्रजीत, वीके सिंह, जयंत सिन्हा, प्रकाश जावड़ेकर जैसे पुराने चेहरे बने रहेंगे। इसके अलावा राज्यवर्धन सिंह राठौर, धमेंद्र प्रधान और जेपी नड्डा सहित कई नेता अपनी कुर्सी बरकरार रख सकते हैं।
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